मधुबनीः जिले से होकर बहने वाली कमला बलान नदी का पश्चिमी तटबंध गोपलखा गांव के पास टूट गया है. जिससे पूरा इलाका जलमग्न हो गया है. स्थानीय लोग जान बचाकर किसी तरह गांव से तो निकल गये हैं लेकिन उनके सामने महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा बड़ी चुनौती है. दो वक्त की रोटी के लिए भी उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है.
अबतक 38 लोगों की मौत
नेपाल में हुई बारिश के कारण बिहार में स्थिति एक बार फिर भयावह हो गई हैं. पटरी पर लौटती बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी एक बार फिर बुनियादी जरूरतों को मोहताज हो गई हैं. बाढ़ की चपेट में आने से मधुबनी के 38 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 385 गांव बुरी तरह प्रभावित हैं.
सरकार बेसुध
बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि हमारा हाल जानने अभी तक सरकार के कोई अधिकारी नहीं आएं हैं. उनलोगों ने आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय से भी मदद की गुहार लगाई थी. लेकिन, कोई सुध नहीं ली गई. बाढ़ पीड़ितों ने यह भी बताया कि कुछ गैर सरकारी संस्थाओं से उन्हें थोड़ी बहुत मदद मिल रही है. लेकिन, वो नाकाफी है. लोग बांधों पर प्लास्टिक टांग कर जिंदगी बसर करने को मजबूर हैं.
बिहार के 12 जिले बाढ़ से बेहाल
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार के 12 जिले शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक बाढ़ से 104 लोगों की मौत हुई है, जबकि 77 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.