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मधुबनी: कमला बलान के दोनों तटबंधों पर रेनकट, बाढ़ के डर से सहमे लोग

नदी के उफान पर आने से इलाके के लोग 2 महीने पहले हुए तबाही को याद कर सहम उठते हैं. स्थानीय मुखिया का कहना है कि 2 महीने पहले 14 जुलाई को कमला बलान का पश्चिमी तटबंध कई जगह से टूट गया था. जिसकी वजह से नदी ने पूरे जिले में तांडव मचाया था.

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Published : Sep 19, 2019, 11:45 AM IST

Updated : Sep 19, 2019, 12:58 PM IST

कमला बलान के तटबंधों में रेनकट से सहमे लोग

मधुबनी: जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से कमला बलान नदी खतरे के निशान से 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पूर्वी तटबंधों में कई जगह रेनकट हो गया है. नदी के दोनों तटबंधों पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है. जिससे इलाके के लोगों में फिर से भय का माहौल है.

कमला बलान के तटबंधों में रेनकट से सहमे लोग

बांध टूटने के डर से सहमे लोग
नदी के उफान पर आने से इलाके के लोग 2 महीने पहले हुए तबाही को याद कर सहम उठते हैं. इस बारे में स्थानीय मुखिया जगदीश का कहना है कि 2 महीने पहले 14 जुलाई को कमला बलान का पश्चिमी तटबंध कई जगहों से टूट गया था. जिस वजह से नदी ने पूरे जिले में तांडव मचाया था. इस तबाही में लगभग 35 लोगों की मौत हुई थी.

बढ़ रहा जलस्तर
बढ़ रहा जलस्तर

'करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी सुरक्षा कायम नहीं'
मामले पर परतापुर निवासी रेखा देवी और विजय राम का कहना है कि मानसून से पूर्व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने कमला बलान तटबंध का मरम्मत करवाया था. मरम्मत में विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए. लेकिन बांध की सुरक्षा कायम नहीं रह सकी. कमला बलान का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध कई जगहों पर टूट गया. बांध टूटने से करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी. लाखों लोग बेघर हुए थे. जबकि दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

बांध मरम्मत के लिए रखा गया सैंड बैग
बांध मरम्मत के लिए रखा गया सैंड बैग

परतापुर घाट पर मंडरा रहा खतरा
बताया जाता है कि कमला बलान के पूर्वी तटबंध पर स्थित परतापुर घाट और रखवारी के पास पहले भी टूट चुका है. इन तटबंधों को 45 लाख की लागत से ग्रामीणों के सहयोग से मरम्मत किया गया था. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद भी बांध का फिर से टूटना जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान है.

स्थानीय
स्थानीय

कभी भी टूट सकता है बांध
गौरतलब है कि जिले में पिछले 4 दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. इस बारिश से कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कमला नदी खतरे के निशान को पार कर 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने से दोनों तटबंध में कई जगह दबाव बनता जा रहा है. यह कभी भी टूट सकता है. नदी का रौद्र रूप देखकर स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हैं.

टूट रहा बांध
टूट रहा बांध

मधुबनी: जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से कमला बलान नदी खतरे के निशान से 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. पूर्वी तटबंधों में कई जगह रेनकट हो गया है. नदी के दोनों तटबंधों पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है. जिससे इलाके के लोगों में फिर से भय का माहौल है.

कमला बलान के तटबंधों में रेनकट से सहमे लोग

बांध टूटने के डर से सहमे लोग
नदी के उफान पर आने से इलाके के लोग 2 महीने पहले हुए तबाही को याद कर सहम उठते हैं. इस बारे में स्थानीय मुखिया जगदीश का कहना है कि 2 महीने पहले 14 जुलाई को कमला बलान का पश्चिमी तटबंध कई जगहों से टूट गया था. जिस वजह से नदी ने पूरे जिले में तांडव मचाया था. इस तबाही में लगभग 35 लोगों की मौत हुई थी.

बढ़ रहा जलस्तर
बढ़ रहा जलस्तर

'करोड़ों रुपए खर्च, फिर भी सुरक्षा कायम नहीं'
मामले पर परतापुर निवासी रेखा देवी और विजय राम का कहना है कि मानसून से पूर्व बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल ने कमला बलान तटबंध का मरम्मत करवाया था. मरम्मत में विभाग ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए. लेकिन बांध की सुरक्षा कायम नहीं रह सकी. कमला बलान का पूर्वी और पश्चिमी तटबंध कई जगहों पर टूट गया. बांध टूटने से करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी. लाखों लोग बेघर हुए थे. जबकि दर्जनों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी.

बांध मरम्मत के लिए रखा गया सैंड बैग
बांध मरम्मत के लिए रखा गया सैंड बैग

परतापुर घाट पर मंडरा रहा खतरा
बताया जाता है कि कमला बलान के पूर्वी तटबंध पर स्थित परतापुर घाट और रखवारी के पास पहले भी टूट चुका है. इन तटबंधों को 45 लाख की लागत से ग्रामीणों के सहयोग से मरम्मत किया गया था. लेकिन इतनी राशि खर्च करने के बाद भी बांध का फिर से टूटना जिला प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान है.

स्थानीय
स्थानीय

कभी भी टूट सकता है बांध
गौरतलब है कि जिले में पिछले 4 दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है. इस बारिश से कमला बलान नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कमला नदी खतरे के निशान को पार कर 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. नदी का जलस्तर बढ़ने से दोनों तटबंध में कई जगह दबाव बनता जा रहा है. यह कभी भी टूट सकता है. नदी का रौद्र रूप देखकर स्थानीय लोग काफी डरे सहमे हैं.

टूट रहा बांध
टूट रहा बांध
Intro:कमला बलान के दोनों तटबंध पर कई जगहों पर हो गयी है रेनकट,मधुबनी


Body:मधुबनी
जिले में हो रही मूसलाधार बारिश से कमला बलान के पूर्वी तटबंध में कई जगहों पर रेनकट हो गई है जिस रेनकट से कमला बलान के तटबंध पर पानी का दबाव काफी बढ़ गया है । कमला बलान नदी खतरे के निशान से 1 मीटर 95 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है।और नदी में पानी में तेजी से बढ़ रही हैं। नदी के उफान पर आने से लोगों में डर व्याप्त है लोग काफी डरे सहमे हुए हैं ।लोगों को डर सता रहा है कहीं बांध फिर दोबारा टूट ना जाए बता दें कि पिछले 2 महीने पूर्व 14 जुलाई को कमला बलान का पश्चिमी तटबंध कई जगहों पर टूट गई थी पूरे जिले को बाढ़ अपने आगोश में ले लिया था इस बाढ़ के तबाही से 35 लोगों की मौत हो चुकी थी ।करोरो रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इसके कारण लोग काफी आक्रांत हैं ।स्थानीय विजय राम ने बताया कि वर्षा के कारण कई जगहों पर रैन कट हो गया है जिसे अभी ठीक नहीं किया जा रहा है पहले भी पूर्ण रूप से बांध की मरम्मत कार्य नहीं किया गया था जबकि बाढ़ पूर्व तैयारी को लेकर कमला बलान के पूर्वी और पश्चिमी तटबंध पर सवा ₹100 रुपये खर्च किए गए थे।लेकिन उसके बाद भी कमला बलान के पश्चिमी तटबंध नरु
आर, गोपालखा एवं रखवारी के समीप टूट गया था। कमला बलान नदी परतापुर घाट के समीप टूटने के कगार पर था।ग्रामीणों के सहयोग से कटाव को रोका गया था।इससे साफ जाहिर होता है कि बांध मरम्मत का कार्य सिर्फ कागज पर ही किया गया था अब देखना है बाढ़ प्रमंडल के द्वारा कितनी जल्दी संकट को ठीक किया जाता है।
बाइट विजय राम स्थानिय निवासी
बाइट रेखा देवी परतापुर निवासी
बाइट जगदीश मुखिया स्तानीय निवासी
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
Last Updated : Sep 19, 2019, 12:58 PM IST
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