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मधुबनी: बाढ़ पीड़ितों का हाल बेहाल, पिछले एक साल से नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर - Flood victims

अंचलाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को जमीन का परिचय दे दिया गया है. मकान क्षतिपूर्ति का भुगतान भी कर दिया गया है, लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है. दरअसल मनरेगा योजना के तहत मिट्टी भराई का काम किया जाएगा जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है. अब जल्द ही हालात सामान्य होंगे.

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Published : Jun 10, 2020, 8:22 PM IST

मधुबनी: 14 जुलाई 2019 में कमला बलान में आई प्रलयकारी बाढ़ ने जिले के झंझारपुर अनुमंडल के नरुआर गांव को पूरी तरह से तबाह कर दिया. तत्कालीन डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला था. उन सभी लोगों को झंझारपुर के आईबी में ठहराया गया था. उस समय से लेकर अभी तक 65 परिवार प्लास्टिक के सहारे जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर लोग
जिला प्रशासन के द्वारा इन लोगों को अब तक जमीन उपलब्ध नहीं करवाई गई है. इन लोगों को अब इस साल की बारिश की आशंका सता रही है. अगर यही हालात रहे तो जिंदगी नारकीय हो जाएगी. दरअसल लोग यहां प्लास्टिक टांग कर रह रहे हैं, लेकिन बारिश के बाद जलजमाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कीड़े-मकोड़े का भय सताता है.

अंचलाधिकारी का आश्वासन
अंचलाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को जमीन का परिचय दे दिया गया है. मकान क्षतिपूर्ति का भुगतान भी कर दिया गया है, लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है. दरअसल मनरेगा योजना के तहत मिट्टी भराई का काम किया जाएगा, जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है. अब जल्द ही हालात सामान्य होंगे.

मधुबनी: 14 जुलाई 2019 में कमला बलान में आई प्रलयकारी बाढ़ ने जिले के झंझारपुर अनुमंडल के नरुआर गांव को पूरी तरह से तबाह कर दिया. तत्कालीन डीएम ने बाढ़ में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला था. उन सभी लोगों को झंझारपुर के आईबी में ठहराया गया था. उस समय से लेकर अभी तक 65 परिवार प्लास्टिक के सहारे जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

नारकीय जिंदगी जीने को मजबूर लोग
जिला प्रशासन के द्वारा इन लोगों को अब तक जमीन उपलब्ध नहीं करवाई गई है. इन लोगों को अब इस साल की बारिश की आशंका सता रही है. अगर यही हालात रहे तो जिंदगी नारकीय हो जाएगी. दरअसल लोग यहां प्लास्टिक टांग कर रह रहे हैं, लेकिन बारिश के बाद जलजमाव की भयंकर स्थिति उत्पन्न हो जाती है. कीड़े-मकोड़े का भय सताता है.

अंचलाधिकारी का आश्वासन
अंचलाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को जमीन का परिचय दे दिया गया है. मकान क्षतिपूर्ति का भुगतान भी कर दिया गया है, लेकिन जमीन उपलब्ध नहीं करवाई जा सकी है. दरअसल मनरेगा योजना के तहत मिट्टी भराई का काम किया जाएगा, जो लॉकडाउन की वजह से प्रभावित हुआ है. अब जल्द ही हालात सामान्य होंगे.

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