मधुबनी: बिहार के झंझारपुर प्रखंड कार्यालय (Jhanjharpur Block Office) में भ्रष्टाचार (Corruption) और राशि गबन का आरोप लगाते हुए दयानिधि मिश्र नाम के एक समाजिक कार्यकर्त्ता (Social Worker) ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. झंझारपुर एसडीओ (SDO) से इजाजत नहीं मिलने के बावजूद दयानिधि मिश्र आमरण अनशन कर रहे हैं.
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अनुमंडल पदाधिकारी कार्यालय परिसर में कोरोना गाइडलाइन के साथ उन्होंने अनशन की शुरूआत की. दयानिधि मिश्र ने कहा कि कोरोना को देखते हुऐ अकेले अनशन पर बैठे हैं. जो लोग भी समर्थन देने आ रहे है, उनसे भीड़ नहीं लगाने का अनुरोध किया जा रहा है. अनशन की सूचना पर कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ता समर्थन देने पहुंचे थे. अनशनकारी ने पांच सूत्री मांग पत्र सौंपकर निदान करने की मांग की है.
पांच सूत्री मांगों में झंझारपुर बीडीओ के विरूद्ध लंबित जांच प्रतिवेदन का यथाशीघ्र निष्पादन, नजारत चोरी की घटना के बाद बिना किसी वरीय पदाधिकारी के निर्देश एवं बिना किसी रोकड़पंजी संधारण के बीडीओ द्वारा राशि खर्च करने के मामने की यथाशीघ्र जांच शामिल है. जांच पूरा होने तक बीडीओ के वेतन पर रोक की मांग की गयी है.
इसके साथ ही एसडीओ कार्यालय झंझारपुर में पूर्व में दिये गए सभी आवेदनों का यथाशीघ्र निष्पादन व बीडीओ द्वारा गलत तरीके से किये गए रैयाम पूर्वी पंचायत में ग्रामीण आवास सहायक का पदस्थापन तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग भी शामिल है.
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एसडीओ चौधरी ने बताया कि किसी भी मामले में अनशन करना लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है लेकिन कोरोना काल में यह प्रतिबंधित रहता है. उनको समर्थन दे रहे समाजसेवी सह इंजीनियर हरेराम मिश्रा ने भी बीडीओ के खिलाफ आवाज उठायी है.