मधुबनीः जिले में आई बाढ़ ने किसानों को पूरी तरह तोड़ दिया है. बाढ़ से खेतों में लगी फसल को बहुत नुकसान हुआ है. मखाना के किसान भी इसी का दंश झेल रहे हैं. इस बार जिले में मखाना के ज्यादातर फसल बाढ़ से नष्ट हो गए, जो थोड़ी बहुत बची भी है, उसे तैयार करना किसानों के लिए बड़ी चुनौती है.
सरकार से मुआवजे की मांग
किसानों ने बताया कि इसकी तैयारी में 4 से 8 लोगों को लगाना पड़ता है, दिन रात मेहनत करनी पड़ती है. मेहनत के अनुरूप फसल का दाम नहीं मिल पाता है. उन्होंने कहा कि बाढ़ से मखाना किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. सरकार की तरफ से हमें कुछ भी मुआवजा नहीं मिल है. किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है.
मिथिला का मखाना देशभर में है प्रसिद्ध
किसानों ने बताया कि मखाने को तैयार करनी की लंबी प्रक्रिया है. पहले तालाब से गुली को बाहर निकाला जाता है. फिर उसे धूप में तीन से चार दिनों तक सुखाया जाता है. उसके बाद चूल्हे पर भूना जाता है, फिर गोली को फोड़कर मखाना तैयार किया जाता है. बता दें कि मिथिला का मखाना देशभर में प्रसिद्ध है.