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बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच रही सरकारी मदद, आपदा मंत्री की दलील- पहली बार रातों-रात आयी बाढ़ - SDRF

मंत्री ने कहा पहली बार ऐसा हुआ है जब रातों-रात बाढ़ आई है. काफी नुकसान पहुंचा है. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार की पूरी तैयारी थी, तैयारी है.

लक्ष्मेश्वर राय, आपदा प्रबंधन मंत्री
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Published : Jul 21, 2019, 1:04 PM IST

मधुबनी: बिहार में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के साथ कुछ समय बिताया. लोगों ने मंत्री का खूब विरोध किया, जिसके बाद लक्ष्मेश्वर राय समिया चौक से वापस सीधे फुलपरास चले गए.

'मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी'
बाढ़ की तैयारियों को लेकर किए सवाल पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने दलील दी कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. आपदा विभाग ने मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी कर ली थी. आपदा को लेकर जिला और अंचल स्तर पर रोजमर्रा की जरूरी चीजें जून में ही उपलब्ध हो गई थी. एसडीआरएफ की टीम मधेपुर में रहती हैं और झंझारपुर एसडीएफ के टीम के लिए एक केंद्र है जहां टीम सुबह से ही मौजूद थी.

लक्ष्मेश्वर राय, आपदा प्रबंधन मंत्री

'आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'
मंत्री ने कहा पहली बार ऐसा हुआ है जब रातों-रात बाढ़ आई है. काफी नुकसान पहुंचा है. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार की पूरी तैयारी थी, तैयारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ राजनेता अपने आधार पर राजनीति कर रहे हैं. आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, आपदा पर मानव सेवा होनी चाहिए.

आपदा मंत्री को जानकारी नहीं
मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने मीडिया से कहा कि अगर कहीं प्रशासनिक लापरवाही हुई है या कहीं काम नहीं हुआ है तो हमें बताएं. उस दिशा में सुधार के लिए काम किया जाएगा. हालांकि जिले के नरुआर गांव में छतों पर फंसे लोगों को बचाने ऑपरेशन 20 घंटे के बाद शुरू किया गया. उतने वक्त तक लोग जिंदगी और मौत से जूझते रहे. कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन इस पर आपदा मंत्री ने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

मधुबनी: बिहार में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे. इस दौरान मंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के साथ कुछ समय बिताया. लोगों ने मंत्री का खूब विरोध किया, जिसके बाद लक्ष्मेश्वर राय समिया चौक से वापस सीधे फुलपरास चले गए.

'मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी'
बाढ़ की तैयारियों को लेकर किए सवाल पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने दलील दी कि बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है. आपदा विभाग ने मई में ही प्रशासनिक स्तर से पूरी तैयारी कर ली थी. आपदा को लेकर जिला और अंचल स्तर पर रोजमर्रा की जरूरी चीजें जून में ही उपलब्ध हो गई थी. एसडीआरएफ की टीम मधेपुर में रहती हैं और झंझारपुर एसडीएफ के टीम के लिए एक केंद्र है जहां टीम सुबह से ही मौजूद थी.

लक्ष्मेश्वर राय, आपदा प्रबंधन मंत्री

'आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए'
मंत्री ने कहा पहली बार ऐसा हुआ है जब रातों-रात बाढ़ आई है. काफी नुकसान पहुंचा है. मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि सरकार की पूरी तैयारी थी, तैयारी है. साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ राजनेता अपने आधार पर राजनीति कर रहे हैं. आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, आपदा पर मानव सेवा होनी चाहिए.

आपदा मंत्री को जानकारी नहीं
मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने मीडिया से कहा कि अगर कहीं प्रशासनिक लापरवाही हुई है या कहीं काम नहीं हुआ है तो हमें बताएं. उस दिशा में सुधार के लिए काम किया जाएगा. हालांकि जिले के नरुआर गांव में छतों पर फंसे लोगों को बचाने ऑपरेशन 20 घंटे के बाद शुरू किया गया. उतने वक्त तक लोग जिंदगी और मौत से जूझते रहे. कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन इस पर आपदा मंत्री ने कहा कि इसकी उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

Intro:आपदा प्रबंधन मंत्री ने किया निरीक्षण, मधुबनी


Body:मधुबनी बिहार में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त है लोग काफी आक्रांत हैं। आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को मधुबनी जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे ।इस दौरान आपदा प्रबंधन मंत्री ने भैरवस्थान थाना के समिया चौक पर पहुंचे वहां उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं एबं अधिकारी के साथ कुछ समय बिताया और मंत्री के पहुंचते ही लोगों का जुटना शुरू हो गया।लोगों ने मंत्री का खूब विरोध किया विरोध को देखते हुए मंत्री समिया चौक से वापस सीधे फुलपरास चले गए। मंत्री ने झंझारपुर के नरुआर गांव का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे थे मगर वह वापस चले गए।आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने बताया बाढ़ एक प्राकृतिक आपदा है आपदा विभाग मई महीना में प्रशासनिक स्तर से पूर्ण रूप से स्तर तैयारी कर ली थी ।आपदा को लेकर जून में उपलब्धता जिला एवं अंचल स्तर पर दैनिक उपयोग होने वाले सामानों की हो गई थी। आपदा के जो भी सामान है आपदा के आते हैं वह मौजूद है। एसडीआरएफ की टीम मधेपुर में रहती हैं और झंझारपुर एसडीएफ के टीम के लिए एक केंद्र है जहां टीम सुबह से ही मौजूद थे। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ऑपरेशन 20 घंटे के बाद शुरू किया गया जाहिर सी है बताया हमें नहीं मालूम है। मंत्री ने कहा पहली बार ऐसा हुआ है कि रातों-रात बाढ़ आई है।काफी क्षति पहुंची है। तैयारी पर कह सकता हूं कि सरकार की तैयारी पूर्ण रूप से थी मैं आश्वस्त करता हूं की सरकार पूरी तरह से तैयार आपदा को लेकर तैयारियां कर ली थी और आगे भी तैयार पूर्ण रूप से है ।साथ ही कहा कि स्थानीय स्तर पर कुछ राजनेता लोग अपने आधार पर राजनीति कर रहे हैं जो कि गलत है ।आपदा पर राजनीति नहीं होनी चाहिए आपदा पर मानव सेवा होनी चाहिए।मीडिया से कहा कि प्रशासनिक लापरवाही हुई है या कहि काम नहीं हुई है तो बताइए उन्होंने मीडिया से कहा लेकिन जनाब मंत्री जी को यह नहीं मालूम है कि नरुआर गांव में लोग छत पर जिंदगी मौत से लड़ते रहे।भयंकर त्रासदी आई ।20 घंटे के बाद नरुआर गांव में छतों पर फसे लोगो का ऑपरेशन शुरू किया गया 20 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझते रहे कई मकान सहित कई लोगों की मौत बाढ़ के पानी से हुआ लेकिन आपदा मंत्री महोदय अनभिज्ञ हैं इस मामले से साथ ही मंत्री का दावा है कि कहीं और सुविधा नहीं हुई है बाढ प्रीत विस्थापित परिवारों को जमीन प्रवास के लिए मिलेगा जो भी सुविधाएं होगी सरकारी स्तर पर उन्हें मिलेगा साथ ही कहा पहली बार ऐसा हुआ है जब बाढ़ पीड़ित के खाते में सीधे बाढ़ पीड़ितों को पैसा जा रहा है ।बांध कमला बलान पर सवा सौ करोड़ खर्च करने के बयान पर कहा मंत्री जी हमें कुछ मालूम नहीं हैयह तो आश्चर्य है कि बाढ़ पूर्व तैयारी को मंत्री जी बाढ़ प्रमंडल अधिकारियों के साथ बैठक कियाहैं तो क्या उन्हें इस बाबत जानकारी नहीं दी गई थी यह तो जांच का ही विषय बन रही है लोगों ने मंत्री का पुरजोर विरोध किया। बाइट लक्ष्मेश्वर राय मंत्री आपदा प्रबंधन विभाग राजकुमार झा मधुबनी


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