ETV Bharat / state

मधुबनी के स्वत्रंत्रता सेनानी रत्नेश्वर महतो का निधन, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

स्वतंत्रता सेनानी रत्नेश्वर महतो के निधन पर समाज के गणमान्य लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है. इसे एक अपूरणीय क्षति बताया है.

स्वत्रंत्रता सेनानी
स्वत्रंत्रता सेनानी
author img

By

Published : Jul 21, 2020, 9:01 AM IST

Updated : Jul 21, 2020, 9:38 AM IST

मधुबनीः जिले के लखनौर प्रखंड के बेला गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध समाजसेवी रत्नेश्वर महतो का सोमवार को निधन हो गया. स्वतंत्रता सेनानी के पार्थीव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया.

लोगों ने बताया समाज के लिए अपूर्णीय क्षति
स्वतंत्रता सेनानी को गार्ड ऑफ ऑनर देने वालों में पूर्व विघायक जगत नारायण सिंह, एमपी प्रतिनिधि कुंदन ठाकुर, लखनौर बीडीओ मुश्ताक अहमद और थानाध्यक्ष राजकुमार राय समेत लखनौर थाना के कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे. उनके निधन पर समाज के गणमान्य लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है और इसे एक अपूर्णीय क्षति बताया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

20 साल से अधिक समय तक रहे मुखिया
परिवारिक सूत्रों के अनुसार स्वतंत्रता सेनानी रत्नेश्वर महतो 20 साल से अधिक समय तक मुखिया पद पर रहे. जोरला उच्च विद्यालय की स्थापना में भी इनका अहम योगदान रहा. साथ ही वे दलित उद्धारक दुर्गा पूजा जोरला के संस्थापक सदस्य भी थे. रत्नेश्वर महतो अपने पीछे 3 पुत्र उपेंद्र नारायण, श्याम सुंदर नारायण और शंकर नारायण के साथ दो पुत्री पूर्णिमा देवी और वीणा देवी के साथ भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं.

डीएमसीएच में स्वतंत्रता सेनानी हुई मृत्यु
बता दें कि बीते दिनों समाजसेवी रत्नेश्वर महतो की तबीयत बिगड़ने के बाद झंझारपुर के एक निजी डॉक्टर के पास ले जाया गया था. उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें दरभंगा डीएमसीएच रेफर कर दिया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

मधुबनीः जिले के लखनौर प्रखंड के बेला गांव निवासी स्वतंत्रता सेनानी और प्रसिद्ध समाजसेवी रत्नेश्वर महतो का सोमवार को निधन हो गया. स्वतंत्रता सेनानी के पार्थीव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और गांव में ही उनका अंतिम संस्कार किया गया.

लोगों ने बताया समाज के लिए अपूर्णीय क्षति
स्वतंत्रता सेनानी को गार्ड ऑफ ऑनर देने वालों में पूर्व विघायक जगत नारायण सिंह, एमपी प्रतिनिधि कुंदन ठाकुर, लखनौर बीडीओ मुश्ताक अहमद और थानाध्यक्ष राजकुमार राय समेत लखनौर थाना के कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे. उनके निधन पर समाज के गणमान्य लोगों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है और इसे एक अपूर्णीय क्षति बताया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

20 साल से अधिक समय तक रहे मुखिया
परिवारिक सूत्रों के अनुसार स्वतंत्रता सेनानी रत्नेश्वर महतो 20 साल से अधिक समय तक मुखिया पद पर रहे. जोरला उच्च विद्यालय की स्थापना में भी इनका अहम योगदान रहा. साथ ही वे दलित उद्धारक दुर्गा पूजा जोरला के संस्थापक सदस्य भी थे. रत्नेश्वर महतो अपने पीछे 3 पुत्र उपेंद्र नारायण, श्याम सुंदर नारायण और शंकर नारायण के साथ दो पुत्री पूर्णिमा देवी और वीणा देवी के साथ भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं.

डीएमसीएच में स्वतंत्रता सेनानी हुई मृत्यु
बता दें कि बीते दिनों समाजसेवी रत्नेश्वर महतो की तबीयत बिगड़ने के बाद झंझारपुर के एक निजी डॉक्टर के पास ले जाया गया था. उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें दरभंगा डीएमसीएच रेफर कर दिया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई.

Last Updated : Jul 21, 2020, 9:38 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.