मधुबनी: जिले में वार्ड मेंबर रामानंद पासवान को 4 साल का विकास का ब्यौरा मुखिया से मांगना महंगा पड़ गया. वार्ड मेंबर ने आरोप लगाया है कि इसके बाद उसे तरह-तरह से परेशान किया जा रहा है. दलित होने के कारण उसकी कोई नहीं सुन रहा. रामानंद का कहना है कि उसने इसकी शिकायत पुलिस से की है. लेकिन, पुलिस भी उसकी मदद नहीं कर रही है. जिसके कारण यह दलित परिवार डर के साये में जीने को मजबूर है.
मुखिया से हिसाब मांगना बना जी का जंजाल
जिले के राजनगर थाना अंतर्गत कोरहिया पश्चिम पंचायत के रहने वाले रामानंद पासवान वार्ड मेंबर भी है. उसका कहना है कि मुखिया से 4 साल में किए गए विकास की जानकारी मांगना उसके लिए मसीबत बन गया है. अब दबंगों की ओर से उसे धमकाया जाता है. रामानंद का पूरा परिवार दहशत में जीने को मजबूर है. राजनगर थाना अध्यक्ष को कई बार लिखित शिकायत भी कर चुका है. फिर भी इसकी पुलिस उसकी मदद नहीं कर रही है.
रामानंद का कहना है कि कभी उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है. तो कभी उसके घर पर पथराव किया जाता है. बार-बार धमकी भी दी जाती है. जिसकी वजह से पूरा परिवार परेशान है.
दबंगों के अत्याचार से परेशान दलित परिवार
सरकार ने दलित और महादलित की सुरक्षा के लिए विशेष कानून बनाया है. इसके तहत इनके खिलाफ होने जुल्म को कम करना है. लेकिन, वह कानून भी रामानंद के काम नहीं आ रहा. इसने अपनी परेशानी सीएम से लेकर थानाध्यक्ष तक को सुनाई है. लेकिन, किसी ने इसकी फरियाद नहीं सुनी. जिसकी वजह से पूरा परिवार व्यथित है.
रामानंद अपने ऊपर हो रहे सभी अत्याचारों के लिए मुखिया को जिम्मेदार मानता है. जबकि, मुखिया आरोपों को सिरे से खारिज कर रहा है. मुखिया का कहना है कि हम इस मामले में कहीं नहीं हैं. उसके ऊपर अगर आरोप साबित होता है तो वह मुखिया पद से इस्तीफा दे देगा. लेकिन, यह दलित परिवार उसकी बातों पर थोड़ा भी यकीन नहीं कर रहा. उसका कहना है कि पूरी परेशानी की जड़ मुखिया ही है.