मधुबनी : इस वैज्ञानीक युग में ग्रामीण महिलाओं का एक नया रूप देखने को मिल रहा है. दरअसल, कोरोना वाइरस वैश्विक महामारी का अब नया नाम कोरोना माई और कोरोना माता के रूप से लिया जा रहा है. कोरोना महामारी पर लोक आस्था भारी पड़ रहा है.
सैकड़ों की संख्या में पहुंचती है महिलाएं
देश और राज्य में अनलॉक होते ही झंझारपुर अनुमंडल केपरतापुर घाट पर कमला नदी में महिलाओं की जन सैलाब उमड़ पड़ी है. महिलाओं के द्वारा नदी में स्नान कर कोरोना से रक्षा के लिए पूजा-अर्चना की जा रही है. कोरोना के लिए अब पवित्र कमला बलान नदी में पूजा अर्चना के लिए महिलाओं की काफी भीड़ उमड़ रही हैं. यहां महिलाएं खासकर सोमवार और शुक्रवार को सैकड़ों की संख्या में पहुंचती है.
कोरोना से मिल जाएगा छुटकारा
ग्रामीण मंगनु यादव ने बताया कि किसीब गांव में कमला मां सपने में कही है की जिस महिला को जितने पुत्र है, वो उतने दिन व्रत कर मां कमला की पूजा अर्चना करें. इससे कोरोना से छुटकारा मिल जाएगा. जिसको लेकर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं कमला नदी के तट पर पहुंचकर स्नान करती है, उसके बाद मां कमला को धूप, दीप, चुरा-दही, चीनी का लड्डू, पान का पत्ता, सुपारी और लौंग लेकर पूजा की जाती हैं. कोरोना से छुटकारा मिलने की आशीर्वाद लेती है. काफी दूर-दूर से लोग कमला घाट पर पहुंच रही है. महिलाएं ऑटो, बोलेरो, पैदल, बाइक सवार होकर पहुंचती है. यहां सैकड़ों की संख्या में महिलाएं पहुंच रही है. यह 10 दिनों से प्रथा चली आ रही है.
'देश से भाग जाए कोरोना'
ईटीवी भारत संवाददाता को श्रद्धालु महिलाओं ने बताया कि कमला मैया ने स्वप्न में आकर पूजा अर्चना करने दही चुरा चीनी नवेद भोग लगाने को कहा है जिससे कोरोना से मुक्ति मिल जाएगी।दूर दूर से महिलाएं कमला नदी तट पर आए हैं। जिससे कोरोना महामारी भाग जाएगी।। इसी को लेकर हम लोग यहां पूजा-अर्चना करने के लिए आए हैं, ताकि हमारे गांव समाज देश से कोरोना भाग जाए. हम लोगों को सुरक्षा प्रदान हो.