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मधुबनी में उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ महापर्व का हुआ समापन

जिले में लोक आस्था का महापर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. कोरोना काल के दौरान भी लोगों के अंदर काफी उत्साह देखा गया. वहीं इस महापर्व के अंतिम दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर शांतिपूर्ण तरीके से समापन किया गया.

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Published : Nov 21, 2020, 11:36 AM IST

Updated : Nov 21, 2020, 11:56 AM IST

मधुबनी: जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया. छठ व्रति महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भक्ति और श्रद्धा के साथ यह पर्व मनाया.

घाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
घाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब


सुख-समृद्धि के लिए उपासना
छठ महापर्व पर महिलाएं संतान, समृद्धि सुख के लिए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की उपासना करती हैं. इस वर्ष कोरोना काल में भी श्रद्धालुओं के बीच काफी उत्साह देखने को मिला. लोक आस्था का यह महापर्व नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ था. वहीं आज के दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त हुआ.

ये भी पढ़ें: सात समंदर पार भी नहीं भूले अपनी सभ्यता, केन्या के नैरोबी में किया छठ पर्व


शांतिपूर्ण तरीके से महापर्व का समापन
जिले के कमला, कोसी, भुतही बलान नदियों के साथ-साथ तालाब और घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान संगीत और गीत से वातावरण भक्तिमय हो गया. वहीं पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं अहले सुबह से ही घाटों पर पहुंची हुई थी. इस दौरान महिलाएं दउरा और सूप में नारियल, मिठाई, हल्दी, ठेकुआ, खीरा और विभिन्न प्रकार के फल सामग्रियां लेकर घाट के पानी में खड़ी देखी गई. वहीं सूर्य उदय के दौरान छठ व्रति महिलाओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देकर शांतिपूर्ण तरीके से इस महापर्व का समापन किया गया.

देखें रिपोेर्ट.

मधुबनी: जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के चौथे दिन छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया. छठ व्रति महिलाओं ने 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर भक्ति और श्रद्धा के साथ यह पर्व मनाया.

घाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
घाट पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब


सुख-समृद्धि के लिए उपासना
छठ महापर्व पर महिलाएं संतान, समृद्धि सुख के लिए प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य की उपासना करती हैं. इस वर्ष कोरोना काल में भी श्रद्धालुओं के बीच काफी उत्साह देखने को मिला. लोक आस्था का यह महापर्व नहाए-खाए के साथ शुरू हुआ था. वहीं आज के दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त हुआ.

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शांतिपूर्ण तरीके से महापर्व का समापन
जिले के कमला, कोसी, भुतही बलान नदियों के साथ-साथ तालाब और घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली. इस दौरान संगीत और गीत से वातावरण भक्तिमय हो गया. वहीं पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाएं अहले सुबह से ही घाटों पर पहुंची हुई थी. इस दौरान महिलाएं दउरा और सूप में नारियल, मिठाई, हल्दी, ठेकुआ, खीरा और विभिन्न प्रकार के फल सामग्रियां लेकर घाट के पानी में खड़ी देखी गई. वहीं सूर्य उदय के दौरान छठ व्रति महिलाओं ने पानी में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य देकर शांतिपूर्ण तरीके से इस महापर्व का समापन किया गया.

देखें रिपोेर्ट.
Last Updated : Nov 21, 2020, 11:56 AM IST
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