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विकास की बाट जोह रहा मधुबनी जिले का दर्जनों गांव, बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव

जिले के मधेपुर प्रखंड में डाहर, भरगामा, दर्जिया, बसी पट्टी, कोसी आदी कई ऐसे गांव है, जो साल के छह महीना बाढ़ और छह महीना सूखे के चपेट में रहते है. इन गांवों में सरकार की ओर से मिलने वाली बुनयादी सुविधाएं पक्की सड़क, पीने का पानी आज तक इन लोगों को नसीब नहीं हो पाया है.

बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव
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Published : Nov 20, 2019, 9:36 PM IST

मधुबनीः जिले के मधेपुर प्रखंड के दर्जनों गांव आज भी बुनियादी सुविधा से महरूम है. शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदी सेवाओं का इन गांवों में बुरा हाल है. गांव में अभी तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. यदि गांव में रात के समय कोई बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. ऐसे हालात में यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
विकास की बाट जोह रहा गांव
दरअसल जिले के मधेपुर प्रखंड में डाहर, भरगामा, दर्जिया, बसी पट्टी, कोसी आदी कई ऐसे गांव हैं, जो साल के छह महीने बाढ़ और छह महीने सूखे की चपेट में रहते हैं. इन गांवों में सरकार की ओर से मिलने वाली बुनयादी सुविधाएं पक्की सड़क, पीने का पानी आज तक इन लोगों को नसीब नहीं हो पाया है. कोसी गांव के निवासी रामचंद्र राम ने बताया कि यहां के लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जाती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

यह भी पढ़े- राजधानी में अपराधी बेखौफ, दिनदहाड़े युवक की गोली मारकर हत्या

कब मिलेगा बुनियादी सुविधा?
देखने वाली बात यह है कि राज्य में विकास की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर कब इन गांवों पर पड़ती है. लंबे समय से नारकीय जीवन जी रहे इन गांव वालों को कब-तक सरकार की बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाता है?

मधुबनीः जिले के मधेपुर प्रखंड के दर्जनों गांव आज भी बुनियादी सुविधा से महरूम है. शिक्षा, सड़क, बिजली, स्वास्थ्य आदी सेवाओं का इन गांवों में बुरा हाल है. गांव में अभी तक पक्की सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है. यदि गांव में रात के समय कोई बीमार पड़ जाए तो उसे खाट पर लादकर अस्पताल पहुंचाया जाता है. ऐसे हालात में यहां के लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.
विकास की बाट जोह रहा गांव
दरअसल जिले के मधेपुर प्रखंड में डाहर, भरगामा, दर्जिया, बसी पट्टी, कोसी आदी कई ऐसे गांव हैं, जो साल के छह महीने बाढ़ और छह महीने सूखे की चपेट में रहते हैं. इन गांवों में सरकार की ओर से मिलने वाली बुनयादी सुविधाएं पक्की सड़क, पीने का पानी आज तक इन लोगों को नसीब नहीं हो पाया है. कोसी गांव के निवासी रामचंद्र राम ने बताया कि यहां के लोगों की स्थिति दयनीय हो गई है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी जाती है.

देखें पूरी रिपोर्ट

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कब मिलेगा बुनियादी सुविधा?
देखने वाली बात यह है कि राज्य में विकास की बात करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर कब इन गांवों पर पड़ती है. लंबे समय से नारकीय जीवन जी रहे इन गांव वालों को कब-तक सरकार की बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिल पाता है?

Intro:विकास से कोशो दूर है कोशी क्षेत्र के लोग ,मधुबनी


Body:मधुबनी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विकास के नाम पर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकते।हमेशा विकास की बातें करते हैं लेकिन मधुबनी जिला के दर्जनों गांव अभी भी विकास की बाट जोह रहा है ।विकास से कोसों दूर है इन गांवों के लोगों की जिंदगी भगवान भरोसे ही चल रही है। मधेपुर प्रखंड के दर्जनों गांव डारह, द्वालख,भरगामा, दर्जिया, बसी पट्टी आदि गांव ऐसे हैं जिन लोगों को छह महीना बाढ़ के पानी में और 6 महीना सुखार में रहना पड़ता है लोगों की जिंदगी नारकीय रहती है ।इन ग्रामीणों को चलने के लिए पक्की सरक नसीब नहीं हो पाया है। काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है बुजुर्ग व्यक्ति , प्रसव महिला अगर बीमार हो जाता है तो उसे खाट पर लादकर डॉक्टर के यहाँ पहुचाया जाता है बरसात में एकमात्र नाव ही सहारा होती हैं।दर्दनिय लोगों की जिंदगी कट रही है। अब देखना है अब इन लोगों की स्थिति सुधार हो पाती है सरकार इन लोगों जिंदगी में सड़क पुल की व्यवस्था कर पाती है ।
बाइट रामचंद्र राम निवासी द्वालख,मधेपुर प्रखंड
राजकुमार झा
मधुबनी


Conclusion:
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