मधुबनी: एक तरफ बिहार सरकार महादलित परिवार को सृदृढ़ करने लिए हमेशा तत्पर रहने का दावा करती है. वहीं, दूसरी तरफ सिधपकला पंचायत का महादलित परिवार को देखने से ऐसा लगता है कि ये लोग विकास के लिये तरस रहे हैं और विकास की बात केवल कागजातों तक ही हैं. यहां न सड़क है न नाली और न ही पीने का शुद्ध पानी. हल्की बारिश में भी पूरा इलाका कीचड़ में तब्दील हो जाता है. पंचायती स्तर से सरकार इतनी योजनाएं चलाती है फिर भी यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं है.
200 परिवारों को हो रही दिक्कत
दरअसल, जिले के लदनियां प्रखंड अंतर्गत सिधपकला पंचायत में तकरीबन 200 महादलित परिवार बसते हैं. ये सभी एक ही चापाकल के सहारे पानी भर रहे हैं. इनलोगों के सामने पानी की बड़ी समस्या है. खास कर गर्मी के समय में सभी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि इस इलाके के पंचायती राज मंत्री कपिल देव कामत है और उनके ही विधानसभा क्षेत्र में पानी के लिए 200 परिवार तरस रहा है.
लोगों का सरकार पर आरोप
ईटीवी भारत की टीम ने जब इस इलाके का जायजा लिया तो सरकार की तरफ से की गई विकास की सारी बातें खोखली साबित हुईं. सरकार की कोई भी योजना इन परिवारों तक नहीं पहुंची है. इन लोगों को अगर कुछ मिला है तो वो है आश्वासन और दिलासा. यहां के मंत्री और नेता केवल चुनाव के समय ही लोगों को दिखते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि सारे मुखिया, विधायक और मंत्री बहरे हो गए हैं. उनकी सुनने वाला कोई भी नहीं है.