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मधेपुरा: शिवरात्रि मेले की तैयारियों को लेकर प्रशासन उदासीन, मंदिर के चौतरफा लगा है कुड़े का अंबार

मंदिर के अगल बगल और परिसर से सटे सड़क के किनारे गंदगी का ढेर लगा है. जिसपर जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है. बाहर से पूजा अर्चना करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को गंदगी को पार कर आना जाना पड़ता है.

परिसर में फैली गंदगी
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Published : Feb 2, 2019, 12:54 PM IST

मधेपुरा: बिहार का देवघर कहे जाने वाला सिंहेश्वर स्थित बाबा भोले के मंदिर के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है. इससे यहां आने वाले श्रध्दालुओं को काफी परेशानी होती है. शिवरात्रि के पहले ही यहां एक महीने तक बिहार सरकार की तरफ से मेला लगाया जाता है. इस मेले में देश ही नहीं विदेशी श्रध्दालु भी शिरकत करते हैं.

मंदिर के अगल बगल और परिसर से सटे सड़क के किनारे गंदगी का ढेर लगा है. जिसपर जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है. बाहर से पूजा अर्चना करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को गंदगी को पार कर आना जाना पड़ता है. यहां स्थित आस पड़ोस के दुकानदारों द्वारा धड़ल्ले से कूड़ा कचरा फेंका जाता है. इससे मंदिर के आसपास फैल रही गंदगी का अंदाजा न प्रशासन को है न ही लोगों को.

सड़क के किनारे लगा गंदगी का ढेर
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श्रध्दालुओं का कहना है कि शिवरात्रि मेले के आयोजन में एक माह भी नहीं बचे हैं और मंदिर के आसपास इतनी गंदगी फैली हुई है. मंदिर में पूजा करने आने वाले लोगों को कचरे के ढेर को पार कर मंदिर आना पड़ता है. लोगों का कहना है कि मंदिर के पास ही सरकारी कार्यालय और पुलिस थाना है, लेकिन प्रशासन इस गंदगी से पार पाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही. प्रशासन को कुड़ा डंपिग का एक स्थान सुनिश्चित करना चाहिए. जिससे आसपास के लोग यहां कुड़ा ना डाले. इसके साथ ही उन लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो यहां कचरा फैला रहे हैं.

मधेपुरा: बिहार का देवघर कहे जाने वाला सिंहेश्वर स्थित बाबा भोले के मंदिर के आसपास गंदगी का अंबार लगा रहता है. इससे यहां आने वाले श्रध्दालुओं को काफी परेशानी होती है. शिवरात्रि के पहले ही यहां एक महीने तक बिहार सरकार की तरफ से मेला लगाया जाता है. इस मेले में देश ही नहीं विदेशी श्रध्दालु भी शिरकत करते हैं.

मंदिर के अगल बगल और परिसर से सटे सड़क के किनारे गंदगी का ढेर लगा है. जिसपर जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है. बाहर से पूजा अर्चना करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को गंदगी को पार कर आना जाना पड़ता है. यहां स्थित आस पड़ोस के दुकानदारों द्वारा धड़ल्ले से कूड़ा कचरा फेंका जाता है. इससे मंदिर के आसपास फैल रही गंदगी का अंदाजा न प्रशासन को है न ही लोगों को.

सड़क के किनारे लगा गंदगी का ढेर
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श्रध्दालुओं का कहना है कि शिवरात्रि मेले के आयोजन में एक माह भी नहीं बचे हैं और मंदिर के आसपास इतनी गंदगी फैली हुई है. मंदिर में पूजा करने आने वाले लोगों को कचरे के ढेर को पार कर मंदिर आना पड़ता है. लोगों का कहना है कि मंदिर के पास ही सरकारी कार्यालय और पुलिस थाना है, लेकिन प्रशासन इस गंदगी से पार पाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रही. प्रशासन को कुड़ा डंपिग का एक स्थान सुनिश्चित करना चाहिए. जिससे आसपास के लोग यहां कुड़ा ना डाले. इसके साथ ही उन लोगों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जो यहां कचरा फैला रहे हैं.

Intro:मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थित बाबा भोले की नगरी में गंदगी का अंबार,श्रद्धालुओं को हो रही है परेशानी।


Body:मधेपुरा।बिहार का देवघर कहे जाने बाला सिंहेश्वर स्थित बाबा भोले के मंदिर के आस पास यत्र तत्र फेंके गये कूड़ा कचरा की गंध से यहां पूजा अर्चना करने के लिए आने बाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी हो रही है।सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि यहां हर वर्ष शिवरात्रि के मौके पर बिहार सरकार द्वारा एक माह तक चलने बाला मेला का आयोजन किया जाता है।जिसमें देश विदेश के श्रद्धालु आते हैं।बता दें कि मंदिर के अगल बगल एवं परिसर से सटे सड़क के किनारे गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिसपर सुअर व जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है।बाहर से पूजा अर्चना करने के लिए आने बाले श्रद्धालुओं को गंदगी को पार करके आना जाना पड़ता है।आस पड़ोस के दुकानदारों द्वारा धड़ल्ले से कूड़ा कचरा फेंके जाते हैं।अब जब महाशिवरात्रि काफी नजदीक है फिर भी मंदिर न्यास द्वारा साफ सफाई का कार्य शुरू नहीं किया जाना लापरवाही को दर्शाता है।इतना ही नहीं गंदगी को लेकर स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है।बाइट---स्थानीय जनता।


Conclusion:बाबा की नगरी में सरकारी उपेक्षा के कारण फैले गंदगी से परेशान हैं श्रद्धालु व स्थानीय लोग।

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