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मधेपुरा: AES से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान, आंगनवाड़ी केंद्र पर दिया जा रहा टीका

चमकी बुखार से बच्चों को बचाने के लिए सरकार की ओर से टीकाकरण अभियान चलाया गया है. इसके लिए सभी आंगनवाड़ी केंद्रों पर एएनएम बच्चों को टीका लगा रही है. इसमें आगंवाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता काफी मदद कर रही है.

Vaccination campaign for rescue from AES in Madhepura
मधेपुरा में एईएस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान
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Published : Jun 19, 2020, 7:25 PM IST

मधेपुरा: जिले में कोरोना महामारी के बीच छोटे बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए खासकर ग्रामीण इलाकों में सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के बाद बच्चों को टीका दिया जा रहा है. वहीं ग्रामीण महिलाएं जागरूक होकर अपने बच्चों को टीका लगवाने आंगनवाड़ी केंद्रों पर आ रही हैं.

बता दें कि राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले साल चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई थी. इसी घटना से सबक लेते हुए सरकार ने इस बिमारी से बचाव को लेकर टीकाकरण शुरू कर दिया है. ताकि मुजफ्फरपुर की घटना नहीं दुहराया जा सके. बच्चों का जापानी इंसेफ्लाइटिस यानी चमकी बुखार से बचाव हो सके.

Vaccination campaign for rescue from AES in Madhepura
मधेपुरा में एईएस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान

महिलाओं को किया जा रहा है जागरूक
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए टीकाकरण स्थलों पर एएनएम टीका लगा रही है. वहीं, आंगनवाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता काफी सहयोग कर रही है. टीकाकरण के लिए आने वाली महिलाओं को एएनएम प्रोत्साहित भी कर रही हैं. ताकि उनमें जागरुकता आए.

क्या होता है चमकी बुखार से

चमकी बुखार बहुत ही खतरनाक बीमारी है. जिसके कारण बच्चे की मौत तक हो जाती है. पहले बच्चों को तेज बुखार आता है, फिर शरीर में दर्द और ऐंठन के साथ-साथ पैरालाइसिस और ब्रेनहेमरेज एक साथ हो जाता है. इसलिए राज्य सरकार की ओर से एक साल से पंद्रह साल तक के बच्चों को जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका लगाने का निर्णय लिया गया है.

मधेपुरा: जिले में कोरोना महामारी के बीच छोटे बच्चों को चमकी बुखार से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए खासकर ग्रामीण इलाकों में सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देश के बाद बच्चों को टीका दिया जा रहा है. वहीं ग्रामीण महिलाएं जागरूक होकर अपने बच्चों को टीका लगवाने आंगनवाड़ी केंद्रों पर आ रही हैं.

बता दें कि राज्य के मुजफ्फरपुर जिले में पिछले साल चमकी बुखार से सैकड़ों बच्चों की मौत हो गई थी. इसी घटना से सबक लेते हुए सरकार ने इस बिमारी से बचाव को लेकर टीकाकरण शुरू कर दिया है. ताकि मुजफ्फरपुर की घटना नहीं दुहराया जा सके. बच्चों का जापानी इंसेफ्लाइटिस यानी चमकी बुखार से बचाव हो सके.

Vaccination campaign for rescue from AES in Madhepura
मधेपुरा में एईएस से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान

महिलाओं को किया जा रहा है जागरूक
ग्रामीण क्षेत्रों में बनाए गए टीकाकरण स्थलों पर एएनएम टीका लगा रही है. वहीं, आंगनवाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता काफी सहयोग कर रही है. टीकाकरण के लिए आने वाली महिलाओं को एएनएम प्रोत्साहित भी कर रही हैं. ताकि उनमें जागरुकता आए.

क्या होता है चमकी बुखार से

चमकी बुखार बहुत ही खतरनाक बीमारी है. जिसके कारण बच्चे की मौत तक हो जाती है. पहले बच्चों को तेज बुखार आता है, फिर शरीर में दर्द और ऐंठन के साथ-साथ पैरालाइसिस और ब्रेनहेमरेज एक साथ हो जाता है. इसलिए राज्य सरकार की ओर से एक साल से पंद्रह साल तक के बच्चों को जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका लगाने का निर्णय लिया गया है.

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