मधेपुरा: बिहार विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान जारी है. जिले के चारों विधानसभा में कुल 60 प्रत्याशियों के आज भाग्य का होगा. इसमें कुल 55 पुरुष प्रत्याशी और पांच महिला प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं.
पिता की विरासत को बचाने की चुनौती
इस बार मधेपुरा जिले में बिहार सरकार के दो कैबिनेट मंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषिनी और जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो के भाग्य का फैसला मतदाताओं के हाथ में है. सुभाषिनी ने अपने पिता की आजमायी कर्मभूमि मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र से राजनीति में अपना भाग्य आजमा रही हैं. उनके पिता शरद यादव चार बार मधेपुरा से सांसद रहे हैं, हालांकि पिछले दो चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है.
शरद यादव की बेटी की साख दांव पर लगी
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र का शरद यादव कई बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. यहां से जदयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पराजित कर सबको चाैंका दिया था. इसी क्षेत्र की बिहारीगंज विधानसभा सीट से शरद यादव की बेटी सुभाषिनी यादव कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं.
कई नेता मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से आजमा रहे भाग्य
तीसरे चरण में बिहार सरकार के विधि एवं लघु सिंचाई कैबिनेट मंत्री और आलमनगर विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू उम्मीदवार नरेंद्रनारायण यादव, बिहार सरकार के एससी-एसटी कैबिनेट मंत्री सह सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र के जेडीयू उम्मीदवार रमेश ऋषिदेव, पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की बेटी सुभाषनी बुंदेला बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. जबकि जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से भाग्य आजमा रहे हैं.
वर्षों से जीतते आ रहे दिग्गज
विधि एवं लघु सिंचाई मंत्री नरेंद्र नारायण यादव आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से पिछले 25 साल से लागातार चुनाव जीतते आ रहे हैं. वहीं एससी-एसटी मंत्री रमेश ऋषिदेव लगातार पिछले 15 साल से सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते आ रहे हैं, जबकि बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र से शरद यादव की बेटी सुभाषनी बुंदेला पहली बार कांग्रेस पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ रही है. उल्लेखनीय बात यह है कि जन-अधिकार पार्टी के सुप्रीमो राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव बीते लोकसभा चुनाव 2019 में मधेपुरा लोकसभा से हार गये थे. इस बार मधेपुरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.