मधेपुरा: कोरोना वायरस संक्रमण के चेन को तोड़ने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया. जिसके बाद सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर शादी, विवाह और अन्य कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लग गया. ताकि एक जगह लोगों का जमावड़ा न हो और कोरोना वायरस के खतरे को कम किया जा सके. इस कारण टेंट कारोबारियों की हालत बेहद खस्ता हो गई है. उनके सामने आर्थिक संकट आन पड़ी है.
टेंट संचालकों की मानें तो अब उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है. उनका परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया है. वहीं, टेंट हाउस में कार्य करने वाले मजदूर और अन्य कर्मियों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. संचालक चाह कर भी उन्हें पैसे नहीं दे पा रहे हैं. ऐसे में वे अब अपने घर लौट रहे हैं.
टेंट संचालक ने सुनाई आपबीती
मधेपुरा के एक टेंट संचालक सुधांशु कुमार ने बताया कि वे पिछले एक दशक से टेंट का काम कर रहे हैं. 25 लाख लागत लगाकर उन्होंने व्यापार शुरू किया था. 3 दर्जन से अधिक कर्मचारी उनके यहां कार्य कर अपना परिवार चलाया करते थे. लेकिन, लॉकडाउन के कारण टेंट व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया है. आर्थिक स्थिति इस कदर चरमराई है कि दोबारा पटरी पर आने में कई साल लग जाएंगे.
'इस साल तो शायद ही होगी अच्छी आमदनी'
टेंट व्यापारियों में इस कदर मायूसी है कि उन्होंने इस साल आमदनी की आस ही छोड़ दी है. उनका कहना है कि अब संभावना कि कोरोना और लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी आयोजन, अनुष्ठान कम ही होंगे. लोग डरे हुए हैं. अगर शादी-ब्याह हुए भी तो कम भीड़-भाड़ में ज्यादा धूम-धाम से नहीं करेंगे. ऐसे में इस साल बाद ही व्यापार पटरी पर आएगा.