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मधेपुरा में मरीजों को ले जाने के लिए नहीं है एंबुलेंस की सुविधा, स्लाइन चढ़ाते हुए बाइक से ले गए परिजन - Health system in Madhepura

हजारों करोड़ रुपये स्वास्थ्य के नाम पर खर्च करने वाली नीतीश सरकार की मौजूदा वक्त में स्थिति यह है कि जिलों में एंबुलेंस तक की व्यवस्था नहीं है. ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि मधेपुरा में मरीज को स्लाइन लगे हुए बाइक पर बैठाकर अस्पताल ले जाते देखा गया.

patient was taken to Sadar Hospital on bike in Madhepura
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Published : Apr 22, 2021, 8:16 PM IST

Updated : Apr 22, 2021, 8:21 PM IST

मधेपुरा: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावे फेल हैं. यहां मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है. ताजा मामला गम्हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है. यहां पर एक बीमार मरीज को परिजनों ने बाइक पर बिठाकर स्लाइन चढ़ाते हुए मधेपुरा सदर अस्पताल ले गया.

ये भी पढ़ें- बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन

बताया जा रहा है कि मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस के लिए काफी मिन्नतें की. कोई सुनवाई नहीं होने के बाद उसे बाइक पर बिठा कर ले गए. नियमानुसार किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगी को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध करवाया जाना है. लेकिन यहां अधिकारियों और एंबुलेंस चालक की मनमानी के कारण लोगों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाती है.

बुखार और दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती
बता दें कि जिले के बभनी पंचायत स्थित दहागांव के निवासी राजेंद्र राम को तेज बुखार के साथ दस्त की शिकायत थी. परिजनों को शंका हुआ कि कोरोना संक्रमित हो गए हैं. तब इलाज के लिए आनन-फानन में स्थानीय पीएचसी में भर्ती करवाया. प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति नहीं सुधरने पर डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन वहां ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पाई.

मधेपुरा: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर किए जा रहे दावे फेल हैं. यहां मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस की सुविधा तक उपलब्ध नहीं हो पाती है. ताजा मामला गम्हरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की है. यहां पर एक बीमार मरीज को परिजनों ने बाइक पर बिठाकर स्लाइन चढ़ाते हुए मधेपुरा सदर अस्पताल ले गया.

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बताया जा रहा है कि मरीज के परिजनों ने एंबुलेंस के लिए काफी मिन्नतें की. कोई सुनवाई नहीं होने के बाद उसे बाइक पर बिठा कर ले गए. नियमानुसार किसी भी गंभीर बीमारी से ग्रसित रोगी को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध करवाया जाना है. लेकिन यहां अधिकारियों और एंबुलेंस चालक की मनमानी के कारण लोगों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाती है.

बुखार और दस्त की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती
बता दें कि जिले के बभनी पंचायत स्थित दहागांव के निवासी राजेंद्र राम को तेज बुखार के साथ दस्त की शिकायत थी. परिजनों को शंका हुआ कि कोरोना संक्रमित हो गए हैं. तब इलाज के लिए आनन-फानन में स्थानीय पीएचसी में भर्ती करवाया. प्राथमिक उपचार के बाद स्थिति नहीं सुधरने पर डॉक्टर ने बेहतर इलाज के लिए मधेपुरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया. लेकिन वहां ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिल पाई.

Last Updated : Apr 22, 2021, 8:21 PM IST

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