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DM से लेकर CM तक विधवा लगा चुकी हैं गुहार, अबतक नहीं मिला इंदिरा आवास और शौचालय का लाभ - इंदिरा आवास

कविता देवी अपनी फरियाद डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक गरीब महिला को इंसाफ नहीं मिला. पूर्व में एसडीओ के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी ने जांच भी कराई गई थी. लेकिन नतीजा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा.

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कविता देवी
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Published : Nov 29, 2019, 11:50 PM IST

मधेपुरा: राज्य और केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए कई सरकारी योजनाएं चला रही है. ताकि जरुरतमंद लोगों को मुलभूत सुविधाएं मुहैया उपलब्ध हो. हालांकि सरकारी बाबूओं की शिथिलता के कारण आज भी कई जरुरतमंद लाभ से वंचित हैं. जिले के सदर प्रखंड के सुखासन चकला की एक महिला सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर थक गई. लेकिन न तो आज तक आवास मिला और ना ही शौचालय.

दरअसल, सुखासन चकला की रहने वाली कविता देवी इंदिरा आवास और शौचालय के लिए सालों से भटक रही हैं. लेकिन इस गरीब विधवा महिला को हर जगह से उपेक्षित होना पड़ रहा है. सालों से अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद भी सुनने वाला कोई नहीं है.

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कविता देवी

सरपंच पर जमीन हड़पने का आरोप
कविता देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका नाम बीपीएल की सूची में भी आया. बावजूद इसके किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला. इस समस्या को लेकर उन्होंने तमाम वरीय अधिकारी, सीएम हेल्पलाइन और केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर शिकायत की. वहीं, ग्रामीण विकास मंत्रालय से पत्र भी आया. लेकिन जमीनी स्तर पर उन्हें एक भी योजना का लाभ नहीं मिला. महिला किसी तरह मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाकर गुजर-बसर कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कविता देवी ने गांव के सरपंच पर ससुर के नाम पर मिली सरकारी जमीन को कब्जा करने का भी आरोप लगाया है.

देखिये पूरी खबर

यह भी पढ़ेंः JDU सांसद ने संसद में कहा- निचले तबके तक नहीं मिल रहा है आयुष्मान भारत योजना का लाभ

पीएम तक लगा चुकी हैं गुहार
आपको बता दें कि कविता देवी का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है. पति अनिल सिंह के निधन के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ कविता को मिलना था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जिसको लेकर वह अब तक डीएम, सीएम से लेकर पीएम के पास तक पत्र भेजकर गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक उसकी सुनवाई नहीं हो सकी है. पूर्व में एसडीओ के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी ने जांच भी की थी लेकिन नतीजा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा.

मधेपुरा: राज्य और केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए कई सरकारी योजनाएं चला रही है. ताकि जरुरतमंद लोगों को मुलभूत सुविधाएं मुहैया उपलब्ध हो. हालांकि सरकारी बाबूओं की शिथिलता के कारण आज भी कई जरुरतमंद लाभ से वंचित हैं. जिले के सदर प्रखंड के सुखासन चकला की एक महिला सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा कर थक गई. लेकिन न तो आज तक आवास मिला और ना ही शौचालय.

दरअसल, सुखासन चकला की रहने वाली कविता देवी इंदिरा आवास और शौचालय के लिए सालों से भटक रही हैं. लेकिन इस गरीब विधवा महिला को हर जगह से उपेक्षित होना पड़ रहा है. सालों से अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने के बाद भी सुनने वाला कोई नहीं है.

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सरपंच पर जमीन हड़पने का आरोप
कविता देवी ने ईटीवी भारत को बताया कि उनका नाम बीपीएल की सूची में भी आया. बावजूद इसके किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला. इस समस्या को लेकर उन्होंने तमाम वरीय अधिकारी, सीएम हेल्पलाइन और केंद्र सरकार को भी पत्र लिखकर शिकायत की. वहीं, ग्रामीण विकास मंत्रालय से पत्र भी आया. लेकिन जमीनी स्तर पर उन्हें एक भी योजना का लाभ नहीं मिला. महिला किसी तरह मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाकर गुजर-बसर कर रही है. वहीं दूसरी तरफ कविता देवी ने गांव के सरपंच पर ससुर के नाम पर मिली सरकारी जमीन को कब्जा करने का भी आरोप लगाया है.

देखिये पूरी खबर

यह भी पढ़ेंः JDU सांसद ने संसद में कहा- निचले तबके तक नहीं मिल रहा है आयुष्मान भारत योजना का लाभ

पीएम तक लगा चुकी हैं गुहार
आपको बता दें कि कविता देवी का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है. पति अनिल सिंह के निधन के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ कविता को मिलना था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. जिसको लेकर वह अब तक डीएम, सीएम से लेकर पीएम के पास तक पत्र भेजकर गुहार लगा चुकी हैं. लेकिन अब तक उसकी सुनवाई नहीं हो सकी है. पूर्व में एसडीओ के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी ने जांच भी की थी लेकिन नतीजा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा.

Intro:राज्य और केंद्र की सरकार ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए कई सरकारी योजनाएं चला रही है।ताकि आजादी के इतने साल बाद भी जिन लोगों के पास अपना मकान नही है उन्हें मकान मिल सके,जिनके पास बिजली नहीं है उन्हें बिजली मिल सके और जिनके पास गैस चूल्हा नहीं है उन्हें गैस चूल्हा मिल सके।लेकिन मधेपुरा जिले के सुखासन की रहने वाली एक विधवा महिला सालों से अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रही हैं।लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है।


Body:दरअसल यह पूरा मामला सदर प्रखंड के सुखासन चकला का है।जहां की एक विधवा महिला इंदिरा आवास और शौचालय के लिए सालों से भटक रही है।सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन कैसे एक गरीब और विधवा के लिए उपेक्षित किया जाता है इसका उदाहरण इस महिला को देखकर समझा जा सकता है।आपको बता दें कि कविता देवी का नाम बीपीएल सूची में दर्ज है। पति अनिल सिंह के निधन के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ कविता को मिलना था।जिसको लेकर वह अब तक जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री,प्रधानमंत्री और लोक निवारण अदालत में पत्र भेजकर गुहार लगा चुकी है।लेकिन अब तक उसकी सुनवाई नहीं हो सकी है। पूर्व में एसडीओ के निर्देश पर कार्यपालक दंडाधिकारी के द्वारा जांच भी कराई गई थी।लेकिन नतीजा सिर्फ कागजों तक ही सीमित रहा।


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Conclusion:इस पूरे मामले पर कविता देवी ने कहा की बीपीएल की सूची में उसका नाम आने के बावजूद भी अब तक उन्हें किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं दिया गया है।इस समस्या को लेकर उन्होंने तमाम वरीय अधिकारी,सीएम हेल्पलाइन और केंद्र सरकार को भी पत्र भेजकर शिकायत की थी।ग्रामीण विकास मंत्रालय से पत्र भी आया लेकिन जमीनी स्तर पर उन्हें एक भी योजना का लाभ नहीं मिला है।घर में गैस चूल्हा भी नहीं है मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाकर गुजर-बसर चल रहा है।वहीं दूसरी तरफ उन्होंने गांव के सरपंच पर अपने ससुर के नाम पर मिली सरकारी जमीन को कब्जा करने का आरोप भी लगाया है।

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