मधेपुरा: जिले का लाइफ लाइन कहे जाने वाले गुमती पुल पर बरसात का पानी जमा रहता है. जिसके कारण बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. मधेपुरा जिला मुख्यालय से निकलने का यह पुल एक मात्र साधन है. इसी पुल से जिले के सभी अधिकारी आवागमन करते हैं. लेकिन जर्जर पुल का निर्माण या पुल पर जमे पानी को हटाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
प्रशासन लापरवाह
पुल से होकर काफी संख्या में भारी वाहन की आवाजाही होती है. पूर्णियां, कटिहार जाने का यही एक मात्र रास्ता है. कोशी नदी के सहायक नदी पर स्थित इस पुल का निर्माण आजादी के पूर्व किया गया था. सरकार की ओर से नए पुल के निर्माण की दिशा में अबतक पहल नहीं की जा रही है. पुल पर हल्कि बारिश में भी जलजमाव हो जाता है.
मधेपुरा: पुल की हालत जर्जर, जलजमाव के कारण कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
मधेपुरा का लाइफ लाइन कहा जाना वाला गुमती पुल की हालत जर्जर है. बरसात के कारण पुल पर जमा पानी बड़ी दुर्घटना की आशंका को और प्रबल करता है.
मधेपुरा: जिले का लाइफ लाइन कहे जाने वाले गुमती पुल पर बरसात का पानी जमा रहता है. जिसके कारण बड़ी दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है. मधेपुरा जिला मुख्यालय से निकलने का यह पुल एक मात्र साधन है. इसी पुल से जिले के सभी अधिकारी आवागमन करते हैं. लेकिन जर्जर पुल का निर्माण या पुल पर जमे पानी को हटाने की व्यवस्था नहीं की जा रही है.
प्रशासन लापरवाह
पुल से होकर काफी संख्या में भारी वाहन की आवाजाही होती है. पूर्णियां, कटिहार जाने का यही एक मात्र रास्ता है. कोशी नदी के सहायक नदी पर स्थित इस पुल का निर्माण आजादी के पूर्व किया गया था. सरकार की ओर से नए पुल के निर्माण की दिशा में अबतक पहल नहीं की जा रही है. पुल पर हल्कि बारिश में भी जलजमाव हो जाता है.
Body:मधेपुरा का लाईफ लाईन कहे जाने बाला जर्जर गुमती पूल पर हर वक्त बरसात का पानी जमा रहता है।जिसके कारण बड़ी दुर्घटना होनी की प्रबल संभावना बनी हुई है।मधेपुरा जिला मुख्यालय से निकलने के लिए यह पूल एक मात्र साधन है।और इसी पूल से ज़िले के सभी अधिकारी प्रत्येक दिन आवागमन करते हैं।लेकिन जर्जर पूल का जीर्णोद्धार व पूल पर जमे पानी को हटाने की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं।बता दें कि इस पूल से काफी संख्या में भारी वाहन का आवाजाही होता है ,क्योंकि व्यवसायिक तथा तात्री वाहन असम,बंगाल,उड़ीसा, पूर्णियां,कटिहार जाने का यही एक मात्र रास्ता है।कोसी नदी के सहायक नदी पर स्थित इस पूल का निर्माण आजादी के पूर्व किया गया था।इतने अर्से बाद भी सरकार द्वारा बगल से नये पूल का निर्माण की दिशा में अब तक पहल नहीं किया जा रहा है।और न हीं जर्जर पूल का जीर्णोद्धार ही किया जा रहा है।यही कारण है कि पूल पर हल्कि बारिश में भी सड़क की तरह पानी जमा हो जाता है।सबसे उल्लेखनीय बात तो यह है कि ज़िले के अधिकारी इस पर कैमरे के सामने कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।सामाजिक कार्यकर्ता सह वार्ड पार्षद प्रतिनिधि धियानी यादव ने अधिकारियों की घोर लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि डीएम से मिलकर पूल का जीर्णोद्धार और पूल पर जमा पानी को हटाने की मांग करेंगे।उन्होंने कहा कि अगर समय रहते पूल पर जमा होने बाला पानी को हटाने का स्थाई सामाधन नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।बाइट--1---ध्यानी यादव----सामाजिक कार्यकर्ता सह वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मधेपुरा।
Conclusion:मधेपुरा से रुद्रनारायण।