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मधेपुराः सरकारी उदासीनता की शिकार छात्राएं, घोषणा के वर्षों बाद भी नहीं मिल रही मुफ्त उच्च शिक्षा - former chief minister Jitan Ram Manjhi

आर्थिक रूप से अक्षम उच्च शिक्षा की चाह रखने वाली छात्राएं अब सरकारी उदासीनता की शिकार हो रही हैं. मुफ्त उच्च शिक्षा योजना की घोषणा होने के बाद गरीब तबके से आने वाली छात्राएं काफी उत्साहित थीं.

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छात्राएं
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Published : Dec 13, 2019, 10:30 AM IST

मधेपुराः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति की छात्र-छात्राओं और सामान्य कोटे की गरीब छात्राओं को उच्चतर शिक्षा मुफ्त में देने की सौगात दी थी. लेकिन वर्तमान की सरकार में यह सौगात छात्राओं के लिए मात्र एक घोषणा बनकर रह गई है.

जीतन राम मांझी ने की थी घोषणा
दरअसल, बिहार सरकार बेटियों को निशुल्क शिक्षा देने की घोषणा कई साल पहले कर चुकी है. लेकिन इसे आज तक सरजमीं पर नहीं उतारा जा सका. बेटियां सिर्फ स्नातक की शिक्षा लेने के लिए हजारों रुपये खर्च कर रही हैं. घोषणा का लंबा समय बीत जाने के बाद अब अभिभावक भी कहने लगे हैं कि सरकार सिर्फ घोषणा करती है बाद में भूल जाती है.

जानकारी देती टीपी कॉलेज मधेपुरा की छात्राएं

ये भी पढ़ेंः बक्सर में ETV भारत की खबर का असर, सदर अस्पताल की डॉ. मेघा राय पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू

सरकारी उदासीनता की शिकार छात्राएं
आर्थिक रूप से अक्षम उच्च शिक्षा की चाह रखने वाली छात्राएं अब सरकारी उदासीनता की शिकार हो रही हैं. मुफ्त उच्च शिक्षा योजना की घोषणा होने के बाद गरीब तबके से आने वाली छात्राएं काफी उत्साहित थीं.. लेकिन वर्तमान में उनके उत्साह पर विद्यालय शुल्क के बोझ ने ग्रहण लगा दिया है.

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टीपी कॉलेज, मधेपुरा

प्राचार्य ने भी माना नहीं मिल रहा लाभ
हालांकि इस पूरे मामले पर टीपी कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य भी मानते हैं कि अब तक सरकार की इस योजना का कोई लाभ छात्राओं को नहीं मिला है. लेकिन हाल के दिनों में बीते तीन सत्रों में नामांकित छात्राओं की सूची और उनसे वसूली की गई राशि का विवरण विश्वविद्यालय ने मांगा है. ऐसी उम्मीद है की छात्राओं से ली गई राशि भविष्य में लौटा दी जाएगी.

मधेपुराः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल के दौरान अनुसूचित जाति, जनजाति की छात्र-छात्राओं और सामान्य कोटे की गरीब छात्राओं को उच्चतर शिक्षा मुफ्त में देने की सौगात दी थी. लेकिन वर्तमान की सरकार में यह सौगात छात्राओं के लिए मात्र एक घोषणा बनकर रह गई है.

जीतन राम मांझी ने की थी घोषणा
दरअसल, बिहार सरकार बेटियों को निशुल्क शिक्षा देने की घोषणा कई साल पहले कर चुकी है. लेकिन इसे आज तक सरजमीं पर नहीं उतारा जा सका. बेटियां सिर्फ स्नातक की शिक्षा लेने के लिए हजारों रुपये खर्च कर रही हैं. घोषणा का लंबा समय बीत जाने के बाद अब अभिभावक भी कहने लगे हैं कि सरकार सिर्फ घोषणा करती है बाद में भूल जाती है.

जानकारी देती टीपी कॉलेज मधेपुरा की छात्राएं

ये भी पढ़ेंः बक्सर में ETV भारत की खबर का असर, सदर अस्पताल की डॉ. मेघा राय पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू

सरकारी उदासीनता की शिकार छात्राएं
आर्थिक रूप से अक्षम उच्च शिक्षा की चाह रखने वाली छात्राएं अब सरकारी उदासीनता की शिकार हो रही हैं. मुफ्त उच्च शिक्षा योजना की घोषणा होने के बाद गरीब तबके से आने वाली छात्राएं काफी उत्साहित थीं.. लेकिन वर्तमान में उनके उत्साह पर विद्यालय शुल्क के बोझ ने ग्रहण लगा दिया है.

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टीपी कॉलेज, मधेपुरा

प्राचार्य ने भी माना नहीं मिल रहा लाभ
हालांकि इस पूरे मामले पर टीपी कॉलेज मधेपुरा के प्राचार्य भी मानते हैं कि अब तक सरकार की इस योजना का कोई लाभ छात्राओं को नहीं मिला है. लेकिन हाल के दिनों में बीते तीन सत्रों में नामांकित छात्राओं की सूची और उनसे वसूली की गई राशि का विवरण विश्वविद्यालय ने मांगा है. ऐसी उम्मीद है की छात्राओं से ली गई राशि भविष्य में लौटा दी जाएगी.

Intro:बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल के दौरान अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राओं और सामान्य कोटे की छात्राओं को उच्चतर शिक्षा मुफ्त में देने की सौगात दी थी। लेकिन वर्तमान की सरकार में यह सौगात छात्राओं के लिए मात्र एक घोषणा बनकर रह गई है।


Body:दरअसल बिहार सरकार बेटियों को निशुल्क शिक्षा देने की घोषणा कई वर्ष पहले कर चुकी है। लेकिन इसे आज तक जमीन पर नहीं उतारा जा सका है।बेटियां सिर्फ स्नातक की शिक्षा लेने के लिए हजारों रुपए खर्च कर रही है।घोषणा के लंबे समय बीत जाने के बाद अब अभिभावक भी कहने लगे हैं कि सरकार सिर्फ घोषणा करती है बाद में भूल जाती है। आर्थिक रूप से असक्षम उच्च शिक्षा की चाह रखने वाली छात्राएं अब सरकार के उदासीनता की शिकार हो रही हैं। इस योजना की घोषणा होने के साथ ही गरीब तबके से आने वाले छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित थे, लेकिन वर्तमान में उनके उत्साह पर विद्यालय शुल्क के भाड़ ने ग्रहण लगा दिया है।


Conclusion:हालांकि इस पूरे मामले को लेकर मधेपुरा जिले के टीपी कॉलेज के प्राचार्य भी इस बात को मानते हैं कि अब तक सरकार की इस योजना का कोई लाभ छात्राओं को नहीं मिला है।लेकिन हाल के दिनों में बीते तीन सत्रों में नामांकित छात्राओं की सूची और उससे वसूली की गई राशि का विवरण विश्वविद्यालय द्वारा मांगा गया है।ऐसी उम्मीद है की छात्राओं से ली गई राशि को उनके खाता में निकटतम भविष्य में लौटा दी जाएगी।

बाईट-1
बबिता कुमारी- छात्रा

बाईट-2
पूजा यादव-छात्रा

बाईट-3
मोसीमुद्दीन- अभिभावक

बाईट-4
डॉ के पी यादव ,प्राचार्य ,टी.पी कॉलेज
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