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बिना बिजली कनेक्शन का विद्युत शवदाह गृह, आज तक नहीं हुआ एक भी दाह संस्कार - बिहार

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा की राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसके तहत जिले में बने प्रत्येक शवदाह गृह का विद्युतीकरण कराया जाना है.

Electric crematorium
विद्युत शवदाह गृह
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Published : Dec 26, 2019, 7:24 PM IST

मधेपुराः जिले के नगर पंचायत क्षेत्र में नदी के किनारे लाखों रुपए की लागत से विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था. यह बन तो गया लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण यह कभी चालू नहीं हो पाया. इस कारण लोग नदी किनारे शव को जलाने को मजबूर है.

10 सालों से बंद है मुक्तिधाम
बता दें कि सन् 2010 में पीएचईडी विभाग की ओर से नगर के भिरखी पश्चिम के महादलित टोला
में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. निर्माण पूरा होने के बाद उसे नगर परिषद को सौंप दिया गया था. लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद अभी तक शवदाह गृह में एक भी शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नदी किनारे शव का दाह संस्कार
सूर्य मंदिर के अध्यक्ष गोपी पंडित ने बताया कि आम लोग नदी किनारे शव का अंतिम संस्कार करते हैं और बचे हुए अवशेषों को नदी किनारे छोड़ देते हैं. जिसकी वजह से नदी का जल प्रदूषित हो रहा है. उन्होंने बताया कि शवदाह गृह में लगे उपकरण जंग खाकर खुद मुक्ति की कगार पर आ गए हैं.

Madhepura
नदी किनारे पड़ा अवशेष

नगर परिषद करेगी विद्युतीकरण
मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसके तहत जिले में बने प्रत्येक शव दाह गृह का विद्युतीकरण कराया जाना है. जल्द ही इन शवदाह गृहों का विद्युतीकरण कर इनकी शुरुआत की जाएगी.

मधेपुराः जिले के नगर पंचायत क्षेत्र में नदी के किनारे लाखों रुपए की लागत से विद्युत शवदाह गृह बनाया गया था. यह बन तो गया लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं होने के कारण यह कभी चालू नहीं हो पाया. इस कारण लोग नदी किनारे शव को जलाने को मजबूर है.

10 सालों से बंद है मुक्तिधाम
बता दें कि सन् 2010 में पीएचईडी विभाग की ओर से नगर के भिरखी पश्चिम के महादलित टोला
में शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था. निर्माण पूरा होने के बाद उसे नगर परिषद को सौंप दिया गया था. लेकिन 10 साल बीत जाने के बाद अभी तक शवदाह गृह में एक भी शव का दाह संस्कार नहीं हो पाया है.

देखें पूरी रिपोर्ट

नदी किनारे शव का दाह संस्कार
सूर्य मंदिर के अध्यक्ष गोपी पंडित ने बताया कि आम लोग नदी किनारे शव का अंतिम संस्कार करते हैं और बचे हुए अवशेषों को नदी किनारे छोड़ देते हैं. जिसकी वजह से नदी का जल प्रदूषित हो रहा है. उन्होंने बताया कि शवदाह गृह में लगे उपकरण जंग खाकर खुद मुक्ति की कगार पर आ गए हैं.

Madhepura
नदी किनारे पड़ा अवशेष

नगर परिषद करेगी विद्युतीकरण
मामले में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है. जिसके तहत जिले में बने प्रत्येक शव दाह गृह का विद्युतीकरण कराया जाना है. जल्द ही इन शवदाह गृहों का विद्युतीकरण कर इनकी शुरुआत की जाएगी.

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मधेपुरा नगर पंचायत क्षेत्र में लाखों रुपए की लागत से बने शवदाह गृह की शुरुआत 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक नहीं हो सकी है।


Body:subtitles-10 सालों से बंद है मुक्तिधाम, नगर परिषद करेगी विद्युतीकरण,नदी का जल हो रहा प्रदूषित, लाखों रुपए के उपकरण खा रहे जंग

वी.ओ1
दरअसल वित्तीय वर्ष 2010-11 के दौरान पीएचईडी विभाग द्वारा मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के भिरखी पश्चिम महादलित टोला में लाखों रुपए की लागत से शवदाह गृह का निर्माण कराया गया था,जिसे नगर परिषद को सौंप दिया गया था लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक उसकी शुरुआत नहीं कराई जा सकी है जिसकी वजह से आम लोग नदी किनारे ही शवों का दाह संस्कार करते हैं जिसकी वजह से नदी का जल दिन प्रतिदिन प्रदूषित हो रहा है।

वही सूर्य मंदिर के अध्यक्ष गोपी पंडित ने कहा की लोग नदी किनारे लकड़ी ऊपर सब शव का दाह संस्कार करते हैं बचे हुए अवशेष को वही नदी किनारे छोड़ देते हैं जिसकी वजह से नदी का जल प्रदूषित हो रहा है सरकार गंगा बचाव के नाम पर सिर्फ झूठ बोल रही है।

बाईट1-गोपी पंडित
अध्यक्ष- सूर्य मंदिर,मधेपुरा

वी.ओ2
नगर परिषद मधेपुरा के कार्यपालक पदाधिकारी प्रवीण कुमार ने कहा की राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के द्वारा एक गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत जिले में बने प्रत्येक शव दाह गृह का विद्युतीकरण कराया जाना है। हम जल्दी इस शवदाह गृह का विद्युतीकरण कर इसकी शुरुआत करने जा रहे हैं।

बाईट-2
प्रवीण कुमार-कार्यपालक पदाधिकारी,नगर परिषद मधेपुर



Conclusion:अब यह देखने वाली बात होगी कि आखिर नगर परिषद मधेपुरा कब तक जमीनी स्तर पर इन दावों का क्रियान्वयन कर पाती है।
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