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कुसहा त्रासदी के पीड़ितों पर आपदा विभाग ने किया नीलाम पत्र वाद दायर, लोगों में गुस्सा

2008 के बाढ़ पीड़ितों पर आपदा विभाग ने नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया है. इससे पीड़ित लोगों में काफी गुस्सा है. लोगों ने समाहरणालय स्थित आपदा विभाग कार्यालय पहुंचकर काफी हंगामा किया. साथ ही नीलाम पत्र वाद वापस लेने की मांग की.

Disaster department filed auction letter on flood victims in Madhepura
Disaster department filed auction letter on flood victims in Madhepura
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Published : Feb 17, 2021, 4:33 PM IST

मधेपुरा: जिले में कुसहा बाढ़ त्रासदी 2008 के पीड़ितों की परेशानी 12 साल बीतने के बाद भी कम नहीं हो रही है. इन लोगों को अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी चैन से रहने नहीं दे रहा है. पहले बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर पीड़ितों की कमर तोड़ दी थी. अब अधिकारी घर बनाने को लेकर नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया.

ये भी पढ़ें- कुसहा त्रासदी के 12 साल बाद भी नहीं बदले हालत, अभी भी अधर में है पुल निर्माण

अधिकारियों के इसी लापरवाही और मनमानी से परेशान कुमारखंड और शंकरपुर प्रखंड के सैकड़ों लोग ने समाहरणालय स्थित आपदा विभाग के कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया. लोगों ने आरोप लगाया कि बिना जांच पड़ताल के नीलाम पत्र वाद निकाला गया है. यह गलत है. इसे वापस लेना चाहिए. अगर इसे वापस नहीं लिया जाएगा तो हम सभी कोर्ट नहीं आएंगे.

बिना जांच के नीलाम पत्र वाद दायर
बता दें कि 2008 में आई कुसहा बाढ़ त्रासदी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दी थी. उस समय बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से पुनर्वास योजना के तहत फिर से घर बनाने के लिए 35-35 हजार रुपये देने की घोषणा की गई. काफी जद्दोजहद और कमीशन देने के बाद पीड़ितों को राशि मिली. पीड़ितों ने राशि से किसी तरह घर बना लिए लेकिन आपदा विभाग के अधिकारी बगैर जांच पड़ताल के ही उसके खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया.

पेश है रिपोर्ट

राशि लेकर घर नहीं बनाने का आरोप
अधिकारियों की ओर से आरोप लगाया गया कि लोगों ने राशि लेकर घर नहीं बनाया है. इसी वजह से इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस मामले पर सुनवाई हो रही है.

मामले की हो रही जांच
नीलाम पत्र वाद मिलते ही लोगों में काफी गुस्सा था. लोगों ने समाहरण परिसर में हंगामा करते हुए कहा कि हम सभी गरीब लोग हैं. मजदूरी करेंगे कि कोर्ट का चक्कर लगाएंगे. हालांकि आपदा पदाधिकारी मो. कबीर आलम ने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

मधेपुरा: जिले में कुसहा बाढ़ त्रासदी 2008 के पीड़ितों की परेशानी 12 साल बीतने के बाद भी कम नहीं हो रही है. इन लोगों को अधिकारियों की लापरवाही और मनमानी चैन से रहने नहीं दे रहा है. पहले बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर पीड़ितों की कमर तोड़ दी थी. अब अधिकारी घर बनाने को लेकर नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया.

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अधिकारियों के इसी लापरवाही और मनमानी से परेशान कुमारखंड और शंकरपुर प्रखंड के सैकड़ों लोग ने समाहरणालय स्थित आपदा विभाग के कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया. लोगों ने आरोप लगाया कि बिना जांच पड़ताल के नीलाम पत्र वाद निकाला गया है. यह गलत है. इसे वापस लेना चाहिए. अगर इसे वापस नहीं लिया जाएगा तो हम सभी कोर्ट नहीं आएंगे.

बिना जांच के नीलाम पत्र वाद दायर
बता दें कि 2008 में आई कुसहा बाढ़ त्रासदी को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा घोषित कर दी थी. उस समय बाढ़ पीड़ितों को सरकार की ओर से पुनर्वास योजना के तहत फिर से घर बनाने के लिए 35-35 हजार रुपये देने की घोषणा की गई. काफी जद्दोजहद और कमीशन देने के बाद पीड़ितों को राशि मिली. पीड़ितों ने राशि से किसी तरह घर बना लिए लेकिन आपदा विभाग के अधिकारी बगैर जांच पड़ताल के ही उसके खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया.

पेश है रिपोर्ट

राशि लेकर घर नहीं बनाने का आरोप
अधिकारियों की ओर से आरोप लगाया गया कि लोगों ने राशि लेकर घर नहीं बनाया है. इसी वजह से इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस मामले पर सुनवाई हो रही है.

मामले की हो रही जांच
नीलाम पत्र वाद मिलते ही लोगों में काफी गुस्सा था. लोगों ने समाहरण परिसर में हंगामा करते हुए कहा कि हम सभी गरीब लोग हैं. मजदूरी करेंगे कि कोर्ट का चक्कर लगाएंगे. हालांकि आपदा पदाधिकारी मो. कबीर आलम ने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

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