पटना: बिहार बोर्ड के इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2022 का रिजल्ट (Intermediate Result 2022) जारी कर दिया गया है. इस बार मधेपुरा जिले के एसएस गुरुकुल सिंहेश्वर की ऋतिका रत्ना 470 (94 फीसदी) अंक के साथ इंटरमीडिएट आर्ट्स स्ट्रीम में थर्ड टॉपर है. ऋतिका के टॉपर बनने की सूचना के बाद उसके घर में जश्न का माहौल है.
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घर पर बधाई देने और मिठाई खिलाने वालों का तांताः इंटरमीडिएट की परीक्षा में पूरे राज्य में तीसरा स्थान हासिल कर ऋतिका ने बिहार में मधेपुरा जिले का मान बढ़ाया है. इंटर की परीक्षा में टॉप थ्री पर रहने की सूचना के साथ ऋतिका के घर-परिवार, मोहल्ले और रिश्तेदारों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. घर पर ऋतिका रत्ना को बधाई देने वाले और मिठाई खिलाने वालों का तांता लग गया. वहीं ऋतिका के मम्मी-पापा बेटी की सफलता पर बधाई लेने में व्यस्त रहे.
ऋतिका के पिता सरकारी स्कूल में शिक्षक हैंः ऋतिका के पिता शशि शंकर यादव पेशे से शिक्षक हैं, जबकि मां निशा भारती गृहणी हैं. शशि शंकर यादव मध्य विद्यालय सिमराही, सिंहेश्वर में प्रधानध्यापक के पद पर कार्यरत हैं. ऋतिका का पैतृक गावं मधेपुरा के सदर प्रखंड के सहूगढ़ हुलास टोला है. वर्तमान में वह मधेपुरा नहर परिषद क्षेत्र के वार्ड नंबर-2 में अपने परिवार के साथ रहती है.
एसएस गुरुकुल में जश्न का माहौलः पेशे से शिक्षक शशि शंकर यादव ने स्कूल के बच्चों के साथ-साथ अपने बच्चों के पढ़ाई पर सही तरीके से ध्यान दिया. इसका नतीजा है कि ऋतिका ने सफलता का ये मुकाम हासिल किया. ऋतिका के पापा ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ाई को लेकर सजग है. उसकी प्रारंभिक शिक्षा मधेपुरा के माया विद्या निकेतन में हुई. इसके बाद उसका चयन नवोदय विद्यालय में हो हो गया. दसवीं के बाद ऋतिका ने इंटर आर्टस में सिंहेश्वर के एसएस गुरुकुल में दाखिला लिया, जहां से उसने थर्ड टॉपर बनने का सफर तय किया. स्कूल, जिला नहीं स्टेट टॉपर बनने की सूचना के बाद ऋतिका के स्कूल में भी जश्न का माहौल है.
ऋतिका का आईएएस अधिकारी बनने काः ऋतिका ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के साथ अपने शिक्षकों को देते हुए कहा कि आज मैं जो भी हूं सब इन सबों के मार्गदर्शन का नतीजा है. ऋतिका ने बताया कि उसका सपना यूपीएससी क्लीयर कर आईएएस अधिकारी बनने का है, इसलिए उसने को आर्ट्स को चुना है. आगे के मुकाम के लिए अभी से जुटी हुई हूं.
बच्चे पर विश्वास था कि वह बेहतर ही करेगीः ऋतिका के पिता शशि शंकर यादव ने बताया कि बेटी अपनी लगन और मेहनत से इस सफलता को प्राप्त किया है. जब उनसे पूछा गया क्या वे इस परिणाम के लिए तैयार थे ? उन्होंने बताया आशा तो नहीं था लेकिन बच्चे पर विश्वास था वह बेहतर ही करेगी. मां निशा भारती ने बताया कि ऋतिका12-12 घंटे औसतन पढ़ाई करती थी. उनके विषय में कोई प्रैक्टिकल सब्जेक्ट नहीं था. फिर भी वह टॉप थ्री में आई है यह हमारे के लिए गर्व की बात है.
शिक्षक बोले, हमेशा वह समय से पूरा करती है होम वर्कः ऋतिका को बधाई देने मुहल्ले के लोगों के साथ उनके शिक्षक भी पहुंच रहे हैं. वार्ड पार्षद विनीता भारती ने बताया कि ऋतिका सिर्फ परिवार और मेरे वार्ड का नहीं पूरे जिले और राज्य का नाम रौशन किया है. शिक्षक डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि ऋतिका बचपन से ही पढ़ाई में अब्बल रही है. वह अपने होम वर्क को हमेशा समय से पूरा करती है.
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