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बोले एम्बुलेंस चालक-  12 घंटे ड्यूटी कराकर मिलता है 8 घंटे का वेतन

14 माह से कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा के मद में लाखों रुपए की कटौती की गई है. जिसे अभी तक संबन्धित कोष में जमा नहीं कराया गया है.

ambulance driver strike
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Published : Feb 2, 2019, 3:46 PM IST

मधेपुराः अपनी मांगों के समर्थन में एम्बुलेंस चालकों ने अर्धनग्न होकर धरना दिया और नारेबाजी की. चालकों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अस्पताल में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

चालकों का कहना है कि 102 एम्बुलेंस चालकों से पिछले 14 माह से लगातार 12 घंटे ड्यूटी ली जा रही है. लेकिन वेतन मात्र 08 घंटे की मिलती है. अभी तक इनको नियुक्ति पत्र और न ही वेतन विवरणी के रूप वेतन लिस्ट दिया गया है. 14 माह से इनके वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा के मद में लाखों रुपए की कटौती की गई है. जिसे अभी तक संबन्धित कोष में जमा नहीं कराया गया है.

धरना पर बैठे एम्बुलेंस चालक
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भूखमरी के कगार पर परिवार

एम्बुलेंस चालकों का पूरा परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया है. इनका सुनने वाला कोई नहीं है. इनका कहना है कि कॉन्ट्रेक्टर और विभाग के बीच ये लोग घून की तरह पिसे जा रहे हैं. इन्हें सप्ताहिक अवकाश भी नही मिलता है.
वहीं, सीएस का कहना है कि जिस कॉन्ट्रेक्टर के तहत ये लोग काम करते हैं, उसे नवम्बर तक का पेमेंट कर दिया गया है. अब ये कर्मी और कॉन्ट्रेक्टर के बीच का मामला है.

मधेपुराः अपनी मांगों के समर्थन में एम्बुलेंस चालकों ने अर्धनग्न होकर धरना दिया और नारेबाजी की. चालकों के हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यस्था पूरी तरह चरमरा गई है. अस्पताल में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

चालकों का कहना है कि 102 एम्बुलेंस चालकों से पिछले 14 माह से लगातार 12 घंटे ड्यूटी ली जा रही है. लेकिन वेतन मात्र 08 घंटे की मिलती है. अभी तक इनको नियुक्ति पत्र और न ही वेतन विवरणी के रूप वेतन लिस्ट दिया गया है. 14 माह से इनके वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि और कर्मचारी राज्य बीमा के मद में लाखों रुपए की कटौती की गई है. जिसे अभी तक संबन्धित कोष में जमा नहीं कराया गया है.

धरना पर बैठे एम्बुलेंस चालक
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भूखमरी के कगार पर परिवार

एम्बुलेंस चालकों का पूरा परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया है. इनका सुनने वाला कोई नहीं है. इनका कहना है कि कॉन्ट्रेक्टर और विभाग के बीच ये लोग घून की तरह पिसे जा रहे हैं. इन्हें सप्ताहिक अवकाश भी नही मिलता है.
वहीं, सीएस का कहना है कि जिस कॉन्ट्रेक्टर के तहत ये लोग काम करते हैं, उसे नवम्बर तक का पेमेंट कर दिया गया है. अब ये कर्मी और कॉन्ट्रेक्टर के बीच का मामला है.

Intro:एम्बुलेंस चालको को हड़ताल पर चले जाने से स्वास्थ्य व्यस्था पूरी तरह चरमरा गई है।आज अर्धनग्न होकर जिले के भर के सभी चालक धरना दे रहे हैं


Body:102 एम्बुलेंस चालको से पिछले 14 माह से लगातार 12 घण्टे ड्यूटी ली जा रही है लेकिन वेतन मात्र 08 घण्टे की मिलती है।लेकिन अभी तक इनको नियुक्ति पत्र और न ही वेतन विवरणी के रूप वेतन लिस्ट दिया गया है।जबकि 14 माह से इनके वेतन से कर्मचारी भविष्य निधि एवं
कर्मचारी राज्य बीमा के मद में लाखों रुपए की कटौती की की गई है।जिसे अभी तक सम्बन्धित कोष में जमा नही कराया गया है । जहां आज इनका पूरा परिवार भूखमरी के कगार पर पहुंच गया है। इनका सुनने वाला कोई नही है।कॉन्ट्रेक्टर और बिभाग के बीच ये लोग घून की तरह पिसे जा रहे हैं।इन्हें सप्ताहिक अवकाश भी नही मिलता है। वहीं सीएस का कहना है कि जिस कॉन्ट्रेक्टर के तहत ये लोग कार्य करते हैं उसे नवम्बर तक पेमेंट कर दिया गया है। कर्मी और कॉन्ट्रेक्टर के बीच का यह मामला है।


Conclusion:यदि जिले में कोई बड़ी घटना घट जाए तो स्वास्थ्य विभाग एम्बुलेंस कहाँ से लाएगी जो एक बड़ा सवाल है।
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