लखीसराय: राज्य सरकार की सात निश्चय योजना के तहत 'हर घर नल का जल' का दावा फेल होता नजर आ रहा है. जिले के खगौर ग्राम पंचायत के कई हिस्सों में पानी की कमी की वजह से लोग परेशान हैं.
इस गांव में जगह-जगह पर चापाकल खराब हैं. घरों में वाटर टंकी से पानी सप्लाई बंद है. हर तरफ पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. पेयजल के लिए खासकर ग्रामीण इलाकों में गरीब परिवारों को काफी मशक्कत के बाद अपने उपयोग लायक पानी का इंतजाम हो पाता है. वहीं, लखीसराय लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्य प्रमंडल को गरीबों की इन समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रहा है.
वाटर प्लांट बनी शोभा की वस्तु
इस दौरान 80 ग्राम पंचायतों वाली लखीसराय जिले में कुछ ग्राम पंचायतों में मुख्यमंत्री द्वारा सात निश्चय योजना के तहत कहीं-कहीं वाटर प्लांट लगाने के कार्य भी करवाए गए. लेकिन वह भी केवल एक शोभा की वस्तु बनकर रह गई है. मुख्यमंत्री वाटर प्लांट योजना के तहत बोरिंग का कार्य तो करवाया गया, लेकिन घरों में पाइप बिछाने का काम नदारद दिखा. यहां के लोग अपनी प्यास बुझाने के लिए क्यूल नदी के बालू की खुदाई कर किसी तरह से काम चला रहे हैं.
चुनाव के बाद कार्य कराने का दावा
लखीसराय कार्य प्रमंडल के कार्यपालक पदाधिकारी हरिराम ने बताया कि खराब पड़े चापाकल के मरम्मत कराए जाएंगे. दूसरी तरफ हर घर नल जल योजना के तहत विभागीय प्रक्रिया के तहत बची हुई प्रक्रिया भी इलेक्शन के बाद पूरी कर ली जाएगी. स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार यह दलित आबादी के बीच खबर गांव, वृंदावन गांव सहित कई मोहल्ले हैं. स्थानीय नेता और समाजसेवी को यहां की समस्या से कोई लेना देना नहीं है.