लखीसराय: शनिवार को जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं और बच्चों को लगने वाले टीका के लिए नियमित टीकाकरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में संबंधित आंगनबाड़ी क्षेत्र की एएनएम और सेविका-सहायिका ने महत्वपूर्ण भूमिका भुमिका निभाते हुए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को टीका लगाया.
गर्भवती महिलाओं को दी गई जानकारी
इस अवसर पर टीकाकरण के लिए आई गर्भवती महिलाओं और बच्चों को गर्भावस्था के दौरान खानपान, रहन-सहन सहित बच्चों के समुचित भोजन और रखरखाव से सम्बंधित आवश्यक जानकारियां दी गयी.
"जिले के सभी पीएचसी क्षेत्र अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस अवसर पर स्वास्थ्य कर्मियों ने गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए आवश्यक सलाह देते हुए संस्थागत प्रसव के लिए जागरूक किया. उन्होंने सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ही प्रसव कराने की सलाह दी"- डॉ. अशोक कुमार भारती, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी
प्रोटीन युक्त आहार लेना जरूरी
नियमित टीकाकरण के लिए आयी गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को मौके पर मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि सुरक्षित प्रसव के लिए पौष्टिक और प्रोटीन युक्त आहार लेना जरूरी है. टीकाकरण कार्यक्रम के दौरान स्वच्छता पर भी बल दिया गया. इसको लेकर गर्भवती महिलाओं को व्यक्तिगत साफ-सफाई के साथ ही आसपास के परिसर के साफ-सफाई का भी विशेष ख्याल रखने को कहा गया. ताकि किसी प्रकार की अनावश्यक परेशानी नहीं हो.
कोविड-19 गाइडलाइन का पालन
टीकाकरण के दौरान कोविड-19 के हर मानकों का पालन किया गया. ताकि संक्रमण की संभावना ना हो. इसके साथ ही टीकाकरण के लिए केंद्र पर आई गर्भवती महिलाओं और उनके परिजनों को कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी देते हुए कोविड-19 से बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करने के लिए भी प्रेरित किया गया.
सुरक्षित प्रसव के लिए जांच जरूरी
टीकाकरण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों ने केंद्र पर मौजूद गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जांच कराने के महत्व के बारे में भी बताया. उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जांच के लिए पीएचसी स्तर पर मुफ्त व्यवस्था करने की भी जानकारी दी. ताकि हर गर्भवती महिला आसानी से यहां अपना जांच करा सके. स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि प्रत्येक माह की 9 तारीख को सभी पीएचसी में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच की जाती है. इसके साथ मौके पर मौजूद चिकित्सकों द्वारा आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श भी दी जाती है.