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लखीसराय: अजीबो गरीब पुस्तकालय, यहां किताब नहीं असामाजिक तत्वों और जानवरों का है अड्डा

पुस्तकालय को बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. क्योंकि लगातार 5 साल बीत जाने के बाद भी इस पुस्तकालय भवन में एक भी किताब नहीं है. बल्कि यह असामाजिक तत्व और जानवरों का अड्डा बन कर रह गया है.

जानवर और असामाजिक तत्वों का अड्डा बना पुस्तकालय
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Published : Jul 28, 2019, 4:18 PM IST

लखीसराय: लखीसराय जिले के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में बिना किताब का एक अजीबोगरीब पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है. इसके स्थापना काल से ही पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं रखा गया. लगातार स्थापना काल से ही यहां पर ताला लगा हुआ है. क्षेत्रीय विधायक और बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा पुस्तकालय में समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए इसका निर्माण कराया गया था.

2015 में हुआ था शिलान्यास
शहर के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान स्थित गेट नंबर 1 के बगल में बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा 2015 में विधायक कोटे से पुस्तकालय का शिलान्यास करवाया गया था. जिसमें विधायक के करीबी और भाजपा के नगर अध्यक्ष अमरजीत प्रजापति को निर्माण कार्य सौंपा गया था, जो शिलान्यास के बोर्ड पर अंकित है. बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2017 में बड़े ही तामझाम के साथ इस पुस्तकालय भवन का उद्घाटन किया था. उस दौरान भी इस पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं थे. खानापूर्ति के तौर पर इसका उद्घाटन तो कर दिया गया लेकिन आज तक स्थापना काल के बाद इसे खोला नहीं गया.

केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में बना अजीबोगरीब पुस्तकालय

पुस्तकालय में नहीं है एक भी किताब
कभी-कभी सरकारी दल के समर्थकों की ओर से अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए इसे खोलते देखा गया है. स्थानीय लोग इस पुस्तकालय में ताला लगे रहने से गुस्सा भी हैं. कई लोगों ने क्षेत्र के विधायक विजय कुमार सिन्हा पर अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इस पुस्तकालय को बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. क्योंकि लगातार 5 साल बीत जाने के बाद भी इस पुस्तकालय भवन में एक भी किताब नहीं है. बल्कि यह असामाजिक तत्व और जानवरों का अड्डा बन कर रह गया है.

अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग
केआरके स्कूल के जमीन पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए स्कूल के जमीन दाता संस्थाओं से अपनी जमीन मांग रहा है. स्कूल के जमीन दाता कनीराम खेतान के परिजनों ने मैदान के कैंपस में दर्जनों रूप से अवैध निर्माण को मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग की है. जिसमें जिला प्रशासन ने डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण से मुक्त कराकर जमीन को धराशाई कर दिया. वहीं दूसरे नंबर पर विधायक द्वारा बनाया गया पुस्तकालय पर भी उन्होंने दावा ठोक दिया है.

किसी छात्र को नहीं मिल रहा लाभ
जमीन दाता के परिजनों ने बताया कि पुस्तकालय भी अतिक्रमण के तहत आता है. स्कूल के जमीन पर इन संस्थाओं द्वारा अतिक्रमण किया गया है. लोकायुक्त पटना में जमीन का दावा ठोका गया है. लोकायुक्त ने लखीसराय जिला प्रशासन से स्कूल की जमीन को चिन्हित करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया है. लेकिन केवल डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद जिला प्रशासन सो गया है. जबकि विधायक बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय अभी भी केआरके मैदान के गेट नंबर 1 पर अवस्थित है, जो बिना किताब के जानवर और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. इस पुस्तकालय से किसी भी छात्र नौजवान या आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

असामाजिक तत्व और जानवरों का बना अड्डा
शहर के समाजसेवी महेश यादव ने कहा कि बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री और क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से यह पुस्तकालय बनाया गया था. जो बिना किताब के बेकार पड़ा हुआ है. जबकि इस पुस्तकालय को बनाए हुए 5 साल बीत गए हैं. सरकार के कुछ लोगों ने अपने लाभ के लिए इसे बनाया है. आम जनता से इन्हें कुछ भी नहीं लेना देना है.

लाखों रुपए की राशि का हुआ है बंदरबांट
वहीं विद्यालय प्रबंधन के जमीन दाता द्वारा इस पुस्तकालय को भी अवैध करार दिया गया है. लोकायुक्त से इसे अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गई है. वहीं केआरके मैदान के दूसरे छोर पर डीएलपी कलर को अतिक्रमण के तहत गिरा दिया गया और इसे जिला प्रशासन द्वारा छोड़ दी गई. कहीं ना कहीं सरकार और जिला प्रशासन बिहार सरकार के द्वारा बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय को गिराने से परहेज कर रहे हैं. जबकि इस पुस्तकालय के निर्माण में लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट हुआ है

लखीसराय: लखीसराय जिले के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में बिना किताब का एक अजीबोगरीब पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है. इसके स्थापना काल से ही पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं रखा गया. लगातार स्थापना काल से ही यहां पर ताला लगा हुआ है. क्षेत्रीय विधायक और बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा पुस्तकालय में समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए इसका निर्माण कराया गया था.

2015 में हुआ था शिलान्यास
शहर के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान स्थित गेट नंबर 1 के बगल में बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा 2015 में विधायक कोटे से पुस्तकालय का शिलान्यास करवाया गया था. जिसमें विधायक के करीबी और भाजपा के नगर अध्यक्ष अमरजीत प्रजापति को निर्माण कार्य सौंपा गया था, जो शिलान्यास के बोर्ड पर अंकित है. बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2017 में बड़े ही तामझाम के साथ इस पुस्तकालय भवन का उद्घाटन किया था. उस दौरान भी इस पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं थे. खानापूर्ति के तौर पर इसका उद्घाटन तो कर दिया गया लेकिन आज तक स्थापना काल के बाद इसे खोला नहीं गया.

केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में बना अजीबोगरीब पुस्तकालय

पुस्तकालय में नहीं है एक भी किताब
कभी-कभी सरकारी दल के समर्थकों की ओर से अपने व्यक्तिगत कार्य के लिए इसे खोलते देखा गया है. स्थानीय लोग इस पुस्तकालय में ताला लगे रहने से गुस्सा भी हैं. कई लोगों ने क्षेत्र के विधायक विजय कुमार सिन्हा पर अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि इस पुस्तकालय को बनाकर सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है. क्योंकि लगातार 5 साल बीत जाने के बाद भी इस पुस्तकालय भवन में एक भी किताब नहीं है. बल्कि यह असामाजिक तत्व और जानवरों का अड्डा बन कर रह गया है.

अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग
केआरके स्कूल के जमीन पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए स्कूल के जमीन दाता संस्थाओं से अपनी जमीन मांग रहा है. स्कूल के जमीन दाता कनीराम खेतान के परिजनों ने मैदान के कैंपस में दर्जनों रूप से अवैध निर्माण को मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग की है. जिसमें जिला प्रशासन ने डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण से मुक्त कराकर जमीन को धराशाई कर दिया. वहीं दूसरे नंबर पर विधायक द्वारा बनाया गया पुस्तकालय पर भी उन्होंने दावा ठोक दिया है.

किसी छात्र को नहीं मिल रहा लाभ
जमीन दाता के परिजनों ने बताया कि पुस्तकालय भी अतिक्रमण के तहत आता है. स्कूल के जमीन पर इन संस्थाओं द्वारा अतिक्रमण किया गया है. लोकायुक्त पटना में जमीन का दावा ठोका गया है. लोकायुक्त ने लखीसराय जिला प्रशासन से स्कूल की जमीन को चिन्हित करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया है. लेकिन केवल डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद जिला प्रशासन सो गया है. जबकि विधायक बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय अभी भी केआरके मैदान के गेट नंबर 1 पर अवस्थित है, जो बिना किताब के जानवर और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है. इस पुस्तकालय से किसी भी छात्र नौजवान या आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है.

असामाजिक तत्व और जानवरों का बना अड्डा
शहर के समाजसेवी महेश यादव ने कहा कि बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री और क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से यह पुस्तकालय बनाया गया था. जो बिना किताब के बेकार पड़ा हुआ है. जबकि इस पुस्तकालय को बनाए हुए 5 साल बीत गए हैं. सरकार के कुछ लोगों ने अपने लाभ के लिए इसे बनाया है. आम जनता से इन्हें कुछ भी नहीं लेना देना है.

लाखों रुपए की राशि का हुआ है बंदरबांट
वहीं विद्यालय प्रबंधन के जमीन दाता द्वारा इस पुस्तकालय को भी अवैध करार दिया गया है. लोकायुक्त से इसे अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गई है. वहीं केआरके मैदान के दूसरे छोर पर डीएलपी कलर को अतिक्रमण के तहत गिरा दिया गया और इसे जिला प्रशासन द्वारा छोड़ दी गई. कहीं ना कहीं सरकार और जिला प्रशासन बिहार सरकार के द्वारा बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय को गिराने से परहेज कर रहे हैं. जबकि इस पुस्तकालय के निर्माण में लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट हुआ है

Intro:
लखीसराय जिले के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में
बिना किताब का एक अजीबोगरीब पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है जो स्थापना काल से ही पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं रखा गया । लगातार स्थापना काल से ही यहां पर ताला लगा हुआ है।

क्षेत्रीय विधायक द्वारा पुस्तकालय में समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए यहां पर निर्माण कराया गया था।

--- पुस्तकालय का निर्माण में लाखों रुपए राशि की हुआ बंदरबांट



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बिना किताब का पुस्तकालय, स्थापना काल से ही नहीं रखा गया पुस्तकालय में एक भी किताब, लगा है ताला

---- क्षेत्रीय विधायक द्वारा पुस्तकालय में समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए हुआ था निर्माण

--- पुस्तकालय का निर्माण में लाखों रुपए राशि की हुआ बंदरबांट


anchor-लखीसराय जिले के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में बिना किताब का एक अजीबोगरीब पुस्तकालय का निर्माण कराया गया है। जो स्थापना काल से ही पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं रखा गया । लगातार स्थापना काल से ही यहां पर ताला लगा हुआ है।
क्षेत्रीय विधायक व बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा के द्वारा पुस्तकालय में समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए यहां पर निर्माण कराया गया था।
शहर के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान स्थित गेट नंबर 1 के बगल में बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री सह क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा 2015 में विधायक कोटे से पुस्तकालय का शिलान्यास करवाया गया था जिसमें विधायक के करीबी वह भाजपा के नगर अध्यक्ष अमरजीत प्रजापति को निर्माण कार्य सौंपा गया था जो शिलान्यास के बोर्ड पर अंकित है।
बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी 2017 में बड़े ही तामझाम के साथ इस पुस्तकालय भवन का उद्घाटन किया था लेकिन उस दौरान भी इस पुस्तकालय में एक भी किताब नहीं थे खानापूरी के तौर पर इसका उद्घाटन तो कर दिया गया लेकिन आज तक स्थापना काल के बाद इसे खोला नहीं गया।
कभी कभी सरकारी दल के समर्थकों अपने व्यक्तिगत कार्य से इसे खोलते देखे गए लेकिन अंदर एक ही किताब नहीं पाया गया।

स्थानीय लोगों को इस पुस्तकालय में ताला लगे रहने से गुस्सा भी आ रहे हैं। कई लोगों ने क्षेत्र के विधायक विजय कुमार सिन्हा पर अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
इस पुस्तकालय को बनाकर सरकार के राशि का दुरुपयोग करने की बात कह रहे हैं।
क्योंकि लगातार 5 साल बीत जाने के बाद भी इस पुस्तकालय भवन में एक ही किताब नहीं है बल्कि यह असामाजिक तत्व एवं जानवरों का अड्डा बन कर रह गया है।
केआरके स्कूल के जमीन पर हुए अतिक्रमण को मुक्त कराने के लिए संस्थाओं से अपनी जमीन मांग रहा है। स्कूल के जमीन दाता कनीराम खेतान के परिजनों ने मैदान के कैंपस में दर्जनों रूप से अवैध निर्माण को मुक्त कराने के लिए सरकार से मांग किया है।
जिसमें जिला प्रशासन ने डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण से मुक्त कराकर जमीन को धराशाई कर दिया। वहीं दूसरे नंबर पर विधायक जी द्वारा बनाया गया पुस्तकालय पर भी उन्होंने दावा ठोक दिया है।
स्कूल प्रबंधन के जमीन दाता के परिजनों ने बताया कि पुस्तकालय भी अतिक्रमण के तहत आता है स्कूल के जमीन पर इन संस्थाओं द्वारा अतिक्रमण किया गया है लोकायुक्त पटना में जमीन का दावा ठोका गया है लोकायुक्त ने लखीसराय जिला प्रशासन से स्कूल की जमीन को चिन्हित करते हुए अतिक्रमण हटाने का आदेश भी दिया है लेकिन केवल डीएलपी एंड क्लब को अतिक्रमण मुक्त करवाने के बाद जिला प्रशासन सो गया है । जबकि विधायक जी द्वारा बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय अभी भी के आर के मैदान के गेट नंबर 1 पर अवस्थित है। जो बिना किताब के जानवर और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है।

V,O 1,,, शहर के समाजसेवी महेश यादव ने कहा कि बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री क्षेत्रीय विधायक विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने के दृष्टिकोण से यह पुस्तकालय बनाया गया था। जो बिना किताब के बेकार पड़ा हुआ है । यहां कुत्ते, सूअरों, गाय बैल आदि जानवरों का अड्डा बन गया है। जबकि इस पुस्तकालय में बनाए हुए 5 साल बीत गए हैं । ज्ञान बांटने वाले पुस्तकालय है आज जानवरों और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। बस सरकार और सरकार के कुछ लोग अपने लाभ के लिए इसे बनाया है आम जनता से इन्हें कुछ भी नहीं लेना देना है।

byte--- महेश यादव--- समाजसेवी लखीसराय

V,O 2-- शहर के आरएन चौरसिया ने कहा कि यह पुस्तकालय लखीसराय के विधायक सह बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा 2005 में बनाया गया था। तब से अब तक यहां बिना किताब के यह बंद पड़ा है। इस पुस्तकालय से किसी भी छात्र नौजवान या आम लोगों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। यह यूं ही बेकार पड़ा हुआ है । सरकार एवं जिला प्रशासन का इस पुस्तकालय पर कोई ध्यान नहीं है। यह सामाजिक तत्वों का अड्डा बन कर रह गया है ।

byte-- आरएन चौरसिया--- स्थानीय नागरिक


Conclusion:लखीसराय शहर के स्थानीय केआरके उच्च विद्यालय के मैदान में क्षेत्रीय विधायक वह बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा द्वारा अपने समर्थकों को लाभ पहुंचाने के लिए खानापूरी के तौर पर एक पुस्तकालय का निर्माण किया गया।

लगातार 5 साल बीत जाने के बाद भी इस पुस्तकालय भवन में एक ही किताब नहीं है बल्कि यह असामाजिक तत्व एवं जानवरों का अड्डा बन कर रह गया है।

जबकि विद्यालय प्रबंधन के जमीन दाता द्वारा इस पुस्तकालय को भी अवैध करार दिया है लोकायुक्त से इसे अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की गई है वही केआरके मदान के दूसरे छोर पर डीएलपी कलर को अतिक्रमण के तहत गिरा दिया गया और इसे जिला प्रशासन द्वारा छोड़ दी गई कहीं ना कहीं सरकार और जिला प्रशासन बिहार सरकार के द्वारा बनाया गया तथाकथित पुस्तकालय को गिराने से परहेज कर रहे हैं।
जानकी इस पुस्तकालय के निर्माण में लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट हुआ है स्थापना काल से ही यह पुस्तकालय बंद पड़ा है इसे देखने वाला कोई नहीं है
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