लखीसराय: जिले के अनुमंडल कार्यालय में बड़े घोटाले का आरोप लगाया जा रहा है. दरअसल, जन वितरण प्रणाली के तहत जिलेभर के सभी पंचायतों में रिक्त डीलरों की बहाली निकाली गई थी. जिसमें लखीसराय के सभी पंचायतों से हजारों अभ्यर्थियों ने अपना आवेदन दिया था. जिसमें लखीसराय प्रखंड, रामगढ़ और हलसी प्रखंड के कुछ अभ्यर्थियों ने अनुमंडल कार्यालय के कई कर्मचारियों सहित अनुमंडल पदाधिकारी पर गड़बड़ी के साथ-साथ मनमानी करने का भी आरोप लगाया है.
अभ्यर्थियों ने जन वितरण प्रणाली के तहत डीलर की बहाली के दौरान करोड़ों रुपए की हेराफेरी और घोटाला किए जाने की बात कही है. लखीसराय प्रखंड के कुछ अभ्यर्थियों ने इसको लेकर अनुमंडल कार्यालय में न्याय की गुहार भी लगाई है. उन्होंने जांच की मांग की है. साथ ही मांग पूरी नहीं किए जाने पर कोर्ट जाने की बात कही है.
अधिकारियों ने की थी रिश्वत की मांग
कार्यालय में मौजूद अभ्यर्थी गौतम कुमार ने कहा कि डीलर की बहाली में बिहार गजट के नियमावली के अनुसार सारे कागजातों में उनका स्थान दूसरा है. इसके बावजूद अनुमंडल पदाधिकारी ने उनसे रिश्वत की मांग की. 3 लाख रुपये नहीं दे पाने के कारण चौथे-पांचवें नंबर के लोगों को नियुक्त पत्र दे दिया गया.
कोर्ट में जाने की कही बात
दूसरे अभ्यर्थियों ने भी गौतम कुमार के इस बात का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सही सर्टिफिकेट होने का बावजूद गलत तरीके से दूसरों को टेंडर दिया गया जो कि गलत है. वह चुप नहीं बैठेंगे, इनके खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज कराएंगे.
जवाब देने से बच रहे अधिकारी
इस बाबत जब अनुमंडल कार्यालय के अनुमंडल पदाधिकारी मुरली प्रसाद सिंह से जवाब-तलब किया गया तो पहले उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया.
आरोपों को बताया निराधार
कैमरा हटाते ही उन्होंने कहा कि जन वितरण प्रणाली के तहत जिले के विभिन्न पंचायतों में खाली पड़े डीलरों की बहाली में पूरी ईमानदारी से नियुक्ति पत्र दी गयी है. इसमें बिहार गजट की नियमावली के अनुसार जन वितरण प्रणाली के आवेदकों को वरीयता के आधार पर मेरिट सूची जारी की गई थी. अधिक योग्यता रखने वालों का चयन किया गया है. कोई मनमानी नहीं हुई है. सभी आरोप गलत हैं.