लखीसरायः रेलवे पुल के समानांतर किऊल नदी पर बना पीपा पुल जर्जर हालत में हो गया है. इस पुल को स्थानीय लोगों ने जन सहयोग से मिट्टी/बालू से सड़क और बिजली के पोल को जोड़कर बनाया है. यह पुल केवल स्थानीय लोगों और दो पहिया और तीन पहिया वाहनों को चलाने लायक बनाया गया था.
लेकिन इस पुल से बालू लोडेड ट्रैक्टर, यात्रियों से भरे जीप और बोलेरो स्कार्पियों जैसे चार पहिया वाहनों के चलने से यह पुल जर्जर हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस पुल को नहीं बदला गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकता है.
किऊल नदी पर बना पीपा पुल हुआ जर्जर
समाज सेवी महेश यादव ने कहा कि अगर लखीसराय-किऊल रेलवे नदी पर सामानांतर सड़क पुल बन जाएगी, तो लखीसराय से किऊल स्टेशन की दूरी सिमट जाएगी. साथ ही लोगों के पैसे और समय दोनों की बचत होगी. नदी पार पूर्वी क्षेत्र का विकास तेज होगा. वर्तमान में लखीसराय से किऊल की दूरी तय करने में आठ किलोमीटर का सफर तय करना होता है. किऊल नदी पर प्रस्ताव सड़क पुल विकास का सेतु बन सकता है. राज्य सरकार ने डेढ़ साल किऊल और लखीसराय को जोड़ने के लिए नदी पर सड़क पुल बनाने की घोषणा की थी. इसके लिए केबिनेट से 60 लाख रुपये की मंजूरी भी दी गई थी. इस साल भी शुरूआत में प्रस्तावित पुल के लिए मिट्टी की जांच की गई थी. लेकिन धरातल पर स्थिति अभी भी शुन्य है.
जर्जर पुल का कराया जाए निर्माण
समाज सेवी महेश यादव ने कहा कि लखीसराय-किउल रेलवे पुल के समानांतर किऊल नदी पर जनसहयोग से बने सड़क पुल जर्जर हो गया है. कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. लोग जबरन चारपहिया वाहनों को इस पुल से पार कर जा रहे है. अगर इन्हें नहीं रोका गया तो कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.