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चौकीदार का बेटा गरीबी को मात दे कर सचिवालय में बना ऑफिसर, कहा- सफलता के पीछे पापा

Chowkidar Son Becomes Government Officer: संघर्ष ही सफलता का मूल मंत्र है. यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए.कुछ ऐसा ही लखीसराय गरसढ़ा गांव के चौकीदार के पुत्र प्रदीप कुमार उर्फ रोशन कुमार की. जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर सचिवालय सहायक प्रशाखा पदाधिकारी में चयनित हुए हैं. इससे पूरे गांव में खुर्शी का महौल परिवार वालों में खुशी का महौल है. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 24, 2023, 8:58 PM IST

लखीसराय: यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. हम बात कर रहे हैं लखीसराय गरसढ़ा गांव के चौकीदार के पुत्र प्रदीप कुमार उर्फ रोशन कुमार की. जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर सचिवालय सहायक प्रशाखा पदाधिकारी (सामान्य प्रशासन विभाग) में चयनित सफलता कर एक नई इबारत लिखी है. इससे पूरे गांव में खुर्शी का महौल परिवार वालों में खुशी का माहौल है.

लखीसराय में चौकीदार पुत्र बना अधिकारी: रोशन एक बेहद गरीब परिवार से आते हैं. इनके पिता चौकीदारी करके किसी तरह परिवार का भरण पोषण करने के साथ ही उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च मुश्किल से उठा पाते थे. परंतु रोशन ने विपरीत परिस्थितियों को कभी अपने लक्ष्य में बाधा नहीं बनने दिया. रोशन ने यह परीक्षा पास कर यह दिखा दिया की कितनी भी विषम परिस्थितियों हो हमें भ्रमित नहीं होना चाहिए. अपने लक्ष्य पर मजबूती के साथ डटे रहना होगा.
पिता बोले-ख्वाब हुआ पूरा: रोशन के पिता विनोद कुमार का कहना है कि चौकीदार के पद पर काम करते हुए जिस तरह से अपने बच्चों को लालन पालन करते हुए पढ़ाई कराया है. उनका एक सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर पढ़ लिखकर एक बड़ा अफसर बने जिसे उसने पूरा कर दिया है. उन्हें अपने बेटे पर बड़ा ही गर्व है. क्योंकि वह जो चाहते थे उनके बेटे ने उसे पूरा कर यह साबित कर दिया कि परिस्थितियों सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती है. दूसरा पुत्र भी बीटेक कर रहा है. पुत्री स्नातक कर ली है.

सफलता के पीछे पापा का बड़ा योगदान: रोशन ने बताया कि संघर्ष ही सफलता का मूल मंत्र है. यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए. परिस्थितियों कैसी भी हो हमें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए. वह बताते हैं की इसी कड़ी मेहनत का नतीजा रहा कि उनका सचिवालय में प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर हुआ. इसके पहले भी पोस्टऑफिस में काम किया. यहां से रिजाइन कर सीआईएसफ में चयन हुआ. जहां ट्रेनिंग चल रही है. आज प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर हुआ है. इससे बड़ी खुशी मिली है. मेरी सफलता के पीछे पापा का बड़ा योगदान रहा है.

लखीसराय: यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. हम बात कर रहे हैं लखीसराय गरसढ़ा गांव के चौकीदार के पुत्र प्रदीप कुमार उर्फ रोशन कुमार की. जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर सचिवालय सहायक प्रशाखा पदाधिकारी (सामान्य प्रशासन विभाग) में चयनित सफलता कर एक नई इबारत लिखी है. इससे पूरे गांव में खुर्शी का महौल परिवार वालों में खुशी का माहौल है.

लखीसराय में चौकीदार पुत्र बना अधिकारी: रोशन एक बेहद गरीब परिवार से आते हैं. इनके पिता चौकीदारी करके किसी तरह परिवार का भरण पोषण करने के साथ ही उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च मुश्किल से उठा पाते थे. परंतु रोशन ने विपरीत परिस्थितियों को कभी अपने लक्ष्य में बाधा नहीं बनने दिया. रोशन ने यह परीक्षा पास कर यह दिखा दिया की कितनी भी विषम परिस्थितियों हो हमें भ्रमित नहीं होना चाहिए. अपने लक्ष्य पर मजबूती के साथ डटे रहना होगा.
पिता बोले-ख्वाब हुआ पूरा: रोशन के पिता विनोद कुमार का कहना है कि चौकीदार के पद पर काम करते हुए जिस तरह से अपने बच्चों को लालन पालन करते हुए पढ़ाई कराया है. उनका एक सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर पढ़ लिखकर एक बड़ा अफसर बने जिसे उसने पूरा कर दिया है. उन्हें अपने बेटे पर बड़ा ही गर्व है. क्योंकि वह जो चाहते थे उनके बेटे ने उसे पूरा कर यह साबित कर दिया कि परिस्थितियों सफलता की राह में रोड़ा नहीं बन सकती है. दूसरा पुत्र भी बीटेक कर रहा है. पुत्री स्नातक कर ली है.

सफलता के पीछे पापा का बड़ा योगदान: रोशन ने बताया कि संघर्ष ही सफलता का मूल मंत्र है. यदि आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए. परिस्थितियों कैसी भी हो हमें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर रहना चाहिए. वह बताते हैं की इसी कड़ी मेहनत का नतीजा रहा कि उनका सचिवालय में प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर हुआ. इसके पहले भी पोस्टऑफिस में काम किया. यहां से रिजाइन कर सीआईएसफ में चयन हुआ. जहां ट्रेनिंग चल रही है. आज प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर हुआ है. इससे बड़ी खुशी मिली है. मेरी सफलता के पीछे पापा का बड़ा योगदान रहा है.

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