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नए साल के जश्न में डूबा लखीसराय, मंदिर और पर्यटन स्थल पर दिखा मेले जैसा माहौल

नववर्ष के आते ही लखीसराय के लोग बड़ी संख्या में सिंगरी ऋषि धाम, अशोक धाम और जलल्पा स्थान पहुंचकर पूजा की. तो किसी ने पहाड़ पर जाकर पिकनिक (Lakhisarai people Celebrated picnic on New Year) मनाई.

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Published : Jan 1, 2023, 5:44 PM IST

लखीसराय: देश में नए साल का आगाज हो चुका है. हर तरफ लोग अलग-अलग तरीके से नए साल का जश्न मना रहे हैं. ऐसे में लखीसराय के लोगों ने नए साल के पहले दिन कड़ाके की ठंड के बीच मंदिर और पर्यटक स्थलों पर घूमकर भरपूर आनंद ((Lakhisarai people Celebrated New Year) ) लिया. नए साल के मौके पर लाल पहाड़ी और काली पहाड़ी पर सैलानियों की काफी भीड़ जुटी. बड़ी संख्या में लोग लखीसराय के प्रसिद्ध नगरी सिंगरी ऋषि धाम, जलप्पा स्थान, अशोक धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की. लखीसराय में के कई प्रमुख मार्गों पर थानाध्यक्ष स्तर के पुलिस अधिकारी खुद नाकेबंदी कर लोगों की जांच करते नजर आए.

पढ़ें-New Year 2023 पर हनुमान मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़, स्पेशल लड्डू से लगेगा भोग

सिंगरी ऋषि धाम में दशरथ के चार पुत्रों का हुआ था मुंडन: आपको बता दें कि सिंगरी ऋषि धाम में (Famous Singri Rishi Dham of Lakhisarai) राजा दशरथ के चार पुत्रों का मुंडन हुआ था. तब से आज तक लोग विशेष कर पहुंचते हैं और पूजा से पहले मौजूदा जल कुंड में स्नान करते हैं. यह धाम चानन प्रखंड के बिचले हिस्से के घने जंगल में स्थित है. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इसी रास्ते में पूर्व जलप्पा स्थान है. जहां मां भगवती जलप्पा की पूजा करते हैं. यहां भी राजाओं और प्राचीन काल के समय से ही लोग पूजा करते आ रहे हैं. इसकी भी मान्यता काफी है जिसके दर्शन मात्र से ही लोगों की मन्नत पूरी होती है.

लाल पहाड़ी पर परिवार के साथ लोग मनाते हैं पिकनिक: लखीसराय रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर अशोक धाम है. जिसे लोग इन्द्रदमनेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं. इनकी भी अलग ही पहचान है. राजाओं और मुगल साम्राज्य के समय ही अशोक नामक एक व्यक्ति के द्वारा गुली डंटे खेलने के समय खेल-खेल में एक गढ़े मे गुल्ली चली गई. जिसमे खुदाई के समय बाबा शिव शंकर की शिवलिंग प्राप्त हुई तब से अब-तक इस जगह पर कई विशाल मूर्तियां स्थापित की गई है. इस चमत्कार के बाद ही लोग दुर-दराज से शिवलिंग की पूजा को लेकर आते हैं. जहां पर लोग अपने परिवार और लंबी आयु की कामना करते हैं.

पिकनिक मनाने लोग आते हैं लाल पहाड़ी: लाल पहाड़ी में भी प्राचीन मुगल साम्राज्य और राजा पाल वंश की कई धरोहर स्थापित है. इसकी भी खुदाई हुई तो कई आभुषण और किमती मूर्तियां मिली है. इतिहास के पन्ने पर भी इसकी अलग पहचान है. जिसे लोग देखने के लिए पहुंचते हैं. यही नहीं पूरे परिवार के साथ लोग पिकनिक भी मनाते हैं.

लखीसराय: देश में नए साल का आगाज हो चुका है. हर तरफ लोग अलग-अलग तरीके से नए साल का जश्न मना रहे हैं. ऐसे में लखीसराय के लोगों ने नए साल के पहले दिन कड़ाके की ठंड के बीच मंदिर और पर्यटक स्थलों पर घूमकर भरपूर आनंद ((Lakhisarai people Celebrated New Year) ) लिया. नए साल के मौके पर लाल पहाड़ी और काली पहाड़ी पर सैलानियों की काफी भीड़ जुटी. बड़ी संख्या में लोग लखीसराय के प्रसिद्ध नगरी सिंगरी ऋषि धाम, जलप्पा स्थान, अशोक धाम पहुंचकर पूजा-अर्चना की. लखीसराय में के कई प्रमुख मार्गों पर थानाध्यक्ष स्तर के पुलिस अधिकारी खुद नाकेबंदी कर लोगों की जांच करते नजर आए.

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सिंगरी ऋषि धाम में दशरथ के चार पुत्रों का हुआ था मुंडन: आपको बता दें कि सिंगरी ऋषि धाम में (Famous Singri Rishi Dham of Lakhisarai) राजा दशरथ के चार पुत्रों का मुंडन हुआ था. तब से आज तक लोग विशेष कर पहुंचते हैं और पूजा से पहले मौजूदा जल कुंड में स्नान करते हैं. यह धाम चानन प्रखंड के बिचले हिस्से के घने जंगल में स्थित है. जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं. इसी रास्ते में पूर्व जलप्पा स्थान है. जहां मां भगवती जलप्पा की पूजा करते हैं. यहां भी राजाओं और प्राचीन काल के समय से ही लोग पूजा करते आ रहे हैं. इसकी भी मान्यता काफी है जिसके दर्शन मात्र से ही लोगों की मन्नत पूरी होती है.

लाल पहाड़ी पर परिवार के साथ लोग मनाते हैं पिकनिक: लखीसराय रेलवे स्टेशन से तीन किलोमीटर दूर अशोक धाम है. जिसे लोग इन्द्रदमनेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं. इनकी भी अलग ही पहचान है. राजाओं और मुगल साम्राज्य के समय ही अशोक नामक एक व्यक्ति के द्वारा गुली डंटे खेलने के समय खेल-खेल में एक गढ़े मे गुल्ली चली गई. जिसमे खुदाई के समय बाबा शिव शंकर की शिवलिंग प्राप्त हुई तब से अब-तक इस जगह पर कई विशाल मूर्तियां स्थापित की गई है. इस चमत्कार के बाद ही लोग दुर-दराज से शिवलिंग की पूजा को लेकर आते हैं. जहां पर लोग अपने परिवार और लंबी आयु की कामना करते हैं.

पिकनिक मनाने लोग आते हैं लाल पहाड़ी: लाल पहाड़ी में भी प्राचीन मुगल साम्राज्य और राजा पाल वंश की कई धरोहर स्थापित है. इसकी भी खुदाई हुई तो कई आभुषण और किमती मूर्तियां मिली है. इतिहास के पन्ने पर भी इसकी अलग पहचान है. जिसे लोग देखने के लिए पहुंचते हैं. यही नहीं पूरे परिवार के साथ लोग पिकनिक भी मनाते हैं.

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