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लखीसराय: सदर अस्पताल में DM के औचक निरीक्षण से मचा हड़कंप, गैरहाजिर डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई - ETV Bharat Bihar

लखीसराय सदर अस्पताल फिलहाल एक सौ बेड की क्षमता रखता है, लेकिन व्यवस्था नदारद है. जिले की 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर सदर अस्पताल में हैं.

डीएम
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Published : Jun 27, 2019, 2:42 PM IST

लखीसराय: अव्यवस्था की शिकायत मिलने पर बुधवार को अचानक डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी जिला सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे. उनके पहुंचते ही चिकित्सकों के बीच हड़कंप मच गया. डीएम ने सभी विभागों में घूम-घूमकर निरीक्षण किया. तकरीबन 3 घंटे तक अस्पताल के सभी विभागों के रजिस्टर को खंगाला. जिसमें आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक ड्यूटी पर से अनुपस्थित पाए गए .

डीएम ने जमकर लगाई फटकार
सदर अस्पताल की व्यवस्था को देखकर डीएम बिफर पड़े. डीएम ने अस्पताल प्रबंधन और सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आर महतो को जमकर फटकार लगाते हुए कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी. सदर अस्पताल में अव्यवस्था के कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. अव्यवस्था का आलम यह है कि कोई भी चिकित्सक अपने निजी क्लीनिक के अलावे सरकारी अस्पताल में खानापूर्ति के लिए ही आते हैं.

Lakhisarai
रजिस्टर चेक करते डीएम

इमरजेंसी वार्ड में शायद ही कोई डॉक्टर करते हैं ड्यूटी
सदर अस्पताल में रजिस्टर के अनुसार जनरल ओपीडी में टाइम टू टाइम लगातार मरीजों को देखना है. इमरजेंसी वार्ड में 3 शिफ्ट में डॉक्टर की तैनाती की जानी है. जिसमें सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे तक, 2:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक, और रात्रि 12:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करते रहना है. लेकिन सच्चाई यह है कि रात के समय इमरजेंसी वार्ड में शायद ही कोई डॉक्टर ड्यूटी करते हैं. यहां के चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के कर्मचारियों के फोन कॉल पर चिकित्सक सदर अस्पताल आते हैं और मरीजों को आनन-फानन में जैसे-तैसे देखकर बेहतर इलाज के लिए तुरंत पीएमसीएच रेफर कर देते हैं.

Lakhisarai
सदर अस्पताल

10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर
लखीसराय सदर अस्पताल फिलहाल एक सौ बेड की क्षमता रखता है, लेकिन व्यवस्था नदारद है. जिले की 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर सदर अस्पताल में हैं. जबकि 35 विभिन्न रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है. राज्य सरकार ने इसे 600 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की है. आलम यह है कि यहां आने वाले हर मरीज को पहले ही पता रहता है कि उन्हें उचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं मिल पाएगी. क्योंकि यह अस्पताल लंबे समय से डॉक्टरों की कमी का दंश झेल रहा है. यहां मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है. मरीजों की परिजन अपने रोगी को लेकर प्राइवेट अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं.

Lakhisarai
अस्पताल का निरीक्षण करते डीएम

'अनुपस्थित चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई'
डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल में अव्यवस्था की शिकायत मुझे लगातार मिल रही थी. जब मैं अचानक सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचा तो यहां की स्थिति देख कर चकित रह गया. अस्पताल में तकरीबन 6 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए जिन पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल के अंदर विभिन्न वार्डों में काफी अनियमितता पाई गयी. सदर अस्पताल उपाधीक्षक एवं प्रबंधक को कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी गई है. ड्यूटी से फरार रहने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं बख्शा जाएगा.

लखीसराय सदर अस्पताल का डीएम ने किया औचक निरीक्षण

लखीसराय सदर अस्पताल की वर्तमान स्थिति

  • जनरल सर्जन - 02
  • फिजीशियन - 01
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ - 02
  • मानसिक रोग विशेषज्ञ - 00
  • चर्म रोग विशेषज्ञ - 01
  • शिशु रोग विशेषज्ञ - 01
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ -02
  • मूर्छित विशेषज्ञ - 02
  • ईएनटी विशेषज्ञ - 00
  • रेडियोलॉजिस्ट - 00
  • माइकोलॉजिस्ट - 00
  • दंत रोग विशेषज्ञ - 1
  • आयुष फिजीशियन - 00
  • प्रशिक्षित नर्स - 36

लखीसराय: अव्यवस्था की शिकायत मिलने पर बुधवार को अचानक डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी जिला सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे. उनके पहुंचते ही चिकित्सकों के बीच हड़कंप मच गया. डीएम ने सभी विभागों में घूम-घूमकर निरीक्षण किया. तकरीबन 3 घंटे तक अस्पताल के सभी विभागों के रजिस्टर को खंगाला. जिसमें आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक ड्यूटी पर से अनुपस्थित पाए गए .

डीएम ने जमकर लगाई फटकार
सदर अस्पताल की व्यवस्था को देखकर डीएम बिफर पड़े. डीएम ने अस्पताल प्रबंधन और सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर आर महतो को जमकर फटकार लगाते हुए कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी. सदर अस्पताल में अव्यवस्था के कारण मरीजों का समुचित इलाज नहीं हो पाता है. अव्यवस्था का आलम यह है कि कोई भी चिकित्सक अपने निजी क्लीनिक के अलावे सरकारी अस्पताल में खानापूर्ति के लिए ही आते हैं.

Lakhisarai
रजिस्टर चेक करते डीएम

इमरजेंसी वार्ड में शायद ही कोई डॉक्टर करते हैं ड्यूटी
सदर अस्पताल में रजिस्टर के अनुसार जनरल ओपीडी में टाइम टू टाइम लगातार मरीजों को देखना है. इमरजेंसी वार्ड में 3 शिफ्ट में डॉक्टर की तैनाती की जानी है. जिसमें सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे तक, 2:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक, और रात्रि 12:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करते रहना है. लेकिन सच्चाई यह है कि रात के समय इमरजेंसी वार्ड में शायद ही कोई डॉक्टर ड्यूटी करते हैं. यहां के चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के कर्मचारियों के फोन कॉल पर चिकित्सक सदर अस्पताल आते हैं और मरीजों को आनन-फानन में जैसे-तैसे देखकर बेहतर इलाज के लिए तुरंत पीएमसीएच रेफर कर देते हैं.

Lakhisarai
सदर अस्पताल

10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर
लखीसराय सदर अस्पताल फिलहाल एक सौ बेड की क्षमता रखता है, लेकिन व्यवस्था नदारद है. जिले की 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर सदर अस्पताल में हैं. जबकि 35 विभिन्न रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है. राज्य सरकार ने इसे 600 बेड का अस्पताल बनाने की घोषणा की है. आलम यह है कि यहां आने वाले हर मरीज को पहले ही पता रहता है कि उन्हें उचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं मिल पाएगी. क्योंकि यह अस्पताल लंबे समय से डॉक्टरों की कमी का दंश झेल रहा है. यहां मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है. मरीजों की परिजन अपने रोगी को लेकर प्राइवेट अस्पताल की तरफ रुख कर रहे हैं.

Lakhisarai
अस्पताल का निरीक्षण करते डीएम

'अनुपस्थित चिकित्सकों पर होगी कार्रवाई'
डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल में अव्यवस्था की शिकायत मुझे लगातार मिल रही थी. जब मैं अचानक सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचा तो यहां की स्थिति देख कर चकित रह गया. अस्पताल में तकरीबन 6 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए जिन पर कार्रवाई की जाएगी. अस्पताल के अंदर विभिन्न वार्डों में काफी अनियमितता पाई गयी. सदर अस्पताल उपाधीक्षक एवं प्रबंधक को कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दी गई है. ड्यूटी से फरार रहने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं बख्शा जाएगा.

लखीसराय सदर अस्पताल का डीएम ने किया औचक निरीक्षण

लखीसराय सदर अस्पताल की वर्तमान स्थिति

  • जनरल सर्जन - 02
  • फिजीशियन - 01
  • स्त्री रोग विशेषज्ञ - 02
  • मानसिक रोग विशेषज्ञ - 00
  • चर्म रोग विशेषज्ञ - 01
  • शिशु रोग विशेषज्ञ - 01
  • नेत्र रोग विशेषज्ञ -02
  • मूर्छित विशेषज्ञ - 02
  • ईएनटी विशेषज्ञ - 00
  • रेडियोलॉजिस्ट - 00
  • माइकोलॉजिस्ट - 00
  • दंत रोग विशेषज्ञ - 1
  • आयुष फिजीशियन - 00
  • प्रशिक्षित नर्स - 36
Intro:लखीसराय सदर अस्पताल अव्यवस्था के कारण यहां के मरीजों को समुचित इलाज नहीं हो पाता है जबकि 100 शैया अस्पताल सारी सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। अव्यवस्था का आलम यह है कि कोई भी चिकित्सक अपने निजी क्लीनिक के अलावे सरकारी अस्पताल में खाना पूरी के तौर पर आते हैं जिसके कारण मरीजों का इलाज समुचित तरीके से नहीं हो पाता है डीएम की औचक निरीक्षण के बाद 6 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए इस तरह कहां जाता है यह सदर अस्पताल खुद बीमार है दूसरों के बीमारी को ठीक करने वाला सदर अस्पताल अपने हाल पर रो रहा है।


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अस्पताल बीमार, डीएम 3 घंटा तक किया औचक निरीक्षण, ----सदर अस्पताल में चिकित्सकों के बीच मचा हड़कंप,
---आधा दर्जन चिकित्सक ड्यूटी से पाए गए फरार
----अव्यवस्था पर बिफरे डीएम, जमकर लगाई फटकार

anchor-- लखीसराय सदर अस्पताल में बुधवार को अचानक डीएम शोभेंद्र कुमार चौधरी अव्यवस्था की शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण करने पहुंचे। उनके पहुंचते ही सदर अस्पताल के चिकित्सकों के बीच हड़कंप मच गया। डीएम ने सभी विभागों में घूम-घूम कर निरीक्षण किया। तकरीबन 3 घंटे तक अस्पताल के सभी विभागों के रजिस्टर को खंगाला। जिसमें आधा दर्जन से अधिक चिकित्सक ड्यूटी से फरार पाए गए। उन्होंने सदर अस्पताल की व्यवस्था को देखकर बिफर पड़े । डीएम ने अस्पताल प्रबंधन व सदर अस्पताल उपाधिक्षक डॉक्टर आर
महतो को जमकर फटकार लगाते हुए कार्यशैली में सुधार लाने की हिदायत दिया है।
सदर अस्पताल में रजिस्टर के अनुसार जनरल ओपीडी में टाइम टू टाइम लगातार मरीजों को देखना है। इमरजेंसी वार्ड में 3 शिफ्ट में डॉक्टर की तैनाती की जानी है। जिसमें सुबह 8:00 बजे से 2:00 बजे तक, 2:00 बजे से रात्रि 12:00 बजे तक, और रात्रि 12:00 बजे से सुबह 8:00 बजे तक डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करते रहना है। लेकिन सच्चाई यह है कि रात के समय इमरजेंसी वार्ड में शायद ही कोई डॉक्टर ड्यूटी करते हो । यहां के चतुर्थ वर्गीय श्रेणी के कर्मचारियों के फोन कॉल पर चिकित्सक सदर अस्पताल आते हैं और मरीजों को आनन-फानन में जैसे-तैसे देखकर बेहतर इलाज के लिए तुरंत पीएमसीएच रेफर कर देते हैं।

लखीसराय सदर अस्पताल फिलहाल एक सौ (100) बेडशीट की क्षमता रखता है लेकिन व्यवस्था नजारत है । जिले के 10 लाख की आबादी पर सिर्फ 18 डॉक्टर सदर अस्पताल में है । जबकि 35 विभिन्न रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता है। इस दिशा में राज्य सरकार इसे 600 सैया अस्पताल बनाने की घोषणा कर रखा है।
आलम यह है कि यहां आने वाले हर मरीज को पहले ही पता रहता है कि उन्हें उचित स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं मिल पाएगी क्योंकि यह अस्पताल लंबे समय से डॉक्टरों की कमी का दंश झेल रहा है। यहां मरीजों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी मयस्सर नहीं है। स्थिति को इस तरह समझा जा सकता है कि यहां की तकरीबन 10 लाख आबादी पर महज 18 डॉक्टर ही तैनात है ।मरीजों की परिजन अपने रोगी को लेकर प्राइवेट की तरफ रुख कर रहे हैं। यहां डॉक्टर के अभाव होने के कारण अधिकांश मरीज को प्राथमिक इलाज कर देते इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है या तो इलाज के अभाव में मरीज अस्पताल के चौखट पर दम तोड़ देते हैं।

लखीसराय सदर अस्पताल की अद्यतन स्थिति:

जनरल सर्जन --02
फिजीशियन-01
स्त्री रोग विशेषज्ञ--02
मानसिक रोग विशेषज्ञ -0
चर्म रोग विशेषज्ञ-01
शिशु रोग विशेषज्ञ--01
नेत्र रोग विशेषज्ञ--02
मूर्छित विशेषज्ञ-02
ईएनटी विशेषज्ञ--0
रेडियोलॉजिस्ट--0
माइकोलॉजिस्ट-0
दंत रोग विशेषज्ञ --1
आयुष फिजीशियन --0
प्रशिक्षित नर्स---36

सर अस्पताल की तो यहां मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर 35 डॉक्टरों की पद स्वीकृत है लेकिन मात्र 18 डॉक्टर ही अपनी सेवा दे रहे हैं जिसमें डीएम के औचक निरीक्षण के बाद 6 चिकित्सक फरार पाए गए।

vis 1- लखीसराय डीएम ने कहा कि सदर अस्पताल में अव्यवस्था की शिकायत मुझे लगातार मिल रही थी । जब अचानक सदर अस्पताल में औचक निरीक्षण करने पहुंचे यहां की स्थिति की देख कर हम बहुत चकरा गए। अस्पताल में तकरीबन 6 चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए जिन पर कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल के अंदर विभिन्न वार्डों में काफी अनियमितता पाई गयी। सदर अस्पताल उपाधीक्षक एवं प्रबंधक को कार्यशैली में सुधार लाने के हिदायत दिया गया है। ड्यूटी से फरार रहने वाले डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को नहीं बख्शा जाएगा।

byte--शोभेंद्र कुमार चौधरी डीएम लखीसराय।

PTC.. रंजीत कुमार सम्राट, ईटीवी भारत ,लखीसराय।



Conclusion:लखीसराय सदर अस्पताल में डीएम द्वारा औचक निरीक्षण के बाद चिकित्सकों के बीच हड़कंप मच गया ।निरीक्षण के दौरान डीएम ने 6 चिकित्सक को अनुपस्थित पाए जाने पर जमकर फटकार लगाई ।अस्पताल प्रबंधक एवं सदर अस्पताल उपाधीक्षक को कार्यशैली में सुधार लाने के दिशा निर्देश दिए।
अब देखना यह है कि अस्पताल अपनी अद्यतन स्थिति में सुधार लाती है या नहीं।
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