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किशनगंज के युवाओं ने भरा हुंकार, कहा- इस बार शिक्षा और रोजगार के नाम पर होगा वोट

इस बार युवा मतदाताओं की वोटिंग प्रत्याशियों के लिये काफी मायने रखेगी. ये युवा वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य विधाता बनेंगे.

जिला की युवा पीढ़ी
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Published : Apr 1, 2019, 2:46 PM IST

किशनगंजः लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में 4 लाख युवा वोटर हैं. जो यहां के प्रत्याशियों को जीताकर दिल्ली भेजने में अहम भुमिका निभाएंगे. किशनगंज में शहर से लेकर गांव तक की युवा पीढ़ी जागरूक हो चुकी है. इस बार युवाओं का हुंकार है कि रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है सीमांचल का किशनगंज जिला अति पिछड़ा है. हमें विकास चाहिए.

किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 16 लाख 52 हजार 940 हैं. वहीं, सिर्फ किशनगंज जिले में वोटरों की संख्या 10 लाख 87 हजार 162 है. युवा वर्ग की बात करें तो 20 से 29 वर्षों के मतदाता युवाओं की संख्या 3 लाख 11 हजार 175 है. वहीं 18 वर्ष से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या भी 97 हजार 827 है.

युवाओं से बात करते हुए पत्रकार

युवा मतदाता करेगें फैसला
जिले में 21 वीं सदी मे जन्में युवा भी इस बार पहली बार मतदान करंगे. इनकी संख्या भी 21 हजार है. आकड़ों से स्पष्ट है 18 से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की वोटिंग प्रत्याशियों के लिये काफी मायने रखेगा और ये युवा वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य विधाता बनेगे. इस बार युवाओं का हुंकार है रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है कि आजादी के बाद से अब तक यहां रोजगार का साधन नहीं बना. जिस कारण युवा यहां से पलायन कर जाते हैं.

शिक्षक की है कमी और बदहाल शिक्षा
वहीं, यहां कि शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है. कॉलेज, स्कूल तो हैं लेकिन शिक्षक नहीं हैं. जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पढ़ता है. चुनाव के समय प्रत्याशी बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही दिल्ली कूच कर जाते हैं. युवा वहीं के वहीं रह जाते हैं. इसिलिए हम इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.

kishanganj station
किशनगंज स्टेशन

शिक्षा व रोजगार के नाम पर होगा वोट
1952 से लेकर 2014 तक का चुनाव सिर्फ जातिवाद के मुद्दों पर होता रहा है.लेकिन अब नहीं, इस बार शिक्षा व रोजगार के नाम पर वोट होगा. वहीं जिस तरह किशनगंज में इस बार मतदान के प्रति युवा मतदाताओं का जोश जिस तरह से देखने को मिल रहा है, उससे अप्रत्याशित रूप से उलटफेर जरूर हो सकता है.

किशनगंजः लोकसभा क्षेत्र किशनगंज में 4 लाख युवा वोटर हैं. जो यहां के प्रत्याशियों को जीताकर दिल्ली भेजने में अहम भुमिका निभाएंगे. किशनगंज में शहर से लेकर गांव तक की युवा पीढ़ी जागरूक हो चुकी है. इस बार युवाओं का हुंकार है कि रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है सीमांचल का किशनगंज जिला अति पिछड़ा है. हमें विकास चाहिए.

किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता 16 लाख 52 हजार 940 हैं. वहीं, सिर्फ किशनगंज जिले में वोटरों की संख्या 10 लाख 87 हजार 162 है. युवा वर्ग की बात करें तो 20 से 29 वर्षों के मतदाता युवाओं की संख्या 3 लाख 11 हजार 175 है. वहीं 18 वर्ष से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या भी 97 हजार 827 है.

युवाओं से बात करते हुए पत्रकार

युवा मतदाता करेगें फैसला
जिले में 21 वीं सदी मे जन्में युवा भी इस बार पहली बार मतदान करंगे. इनकी संख्या भी 21 हजार है. आकड़ों से स्पष्ट है 18 से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की वोटिंग प्रत्याशियों के लिये काफी मायने रखेगा और ये युवा वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य विधाता बनेगे. इस बार युवाओं का हुंकार है रोजगार व शिक्षा नहीं तो वोट नहीं. युवाओं का कहना है कि आजादी के बाद से अब तक यहां रोजगार का साधन नहीं बना. जिस कारण युवा यहां से पलायन कर जाते हैं.

शिक्षक की है कमी और बदहाल शिक्षा
वहीं, यहां कि शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है. कॉलेज, स्कूल तो हैं लेकिन शिक्षक नहीं हैं. जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पढ़ता है. चुनाव के समय प्रत्याशी बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही दिल्ली कूच कर जाते हैं. युवा वहीं के वहीं रह जाते हैं. इसिलिए हम इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.

kishanganj station
किशनगंज स्टेशन

शिक्षा व रोजगार के नाम पर होगा वोट
1952 से लेकर 2014 तक का चुनाव सिर्फ जातिवाद के मुद्दों पर होता रहा है.लेकिन अब नहीं, इस बार शिक्षा व रोजगार के नाम पर वोट होगा. वहीं जिस तरह किशनगंज में इस बार मतदान के प्रति युवा मतदाताओं का जोश जिस तरह से देखने को मिल रहा है, उससे अप्रत्याशित रूप से उलटफेर जरूर हो सकता है.

Intro:किशनगंज लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला युवा वोटरों के हाथ में होगा।किशनगंज संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाताओं मे सर्वाधिक वोटर युवा है।जिस कारन किशनगंज लोकसभा चुनाव में युवा वोटर निर्णायक का भुमिका निभाने जा रहा है।इस चुनावी महासंग्राम मे राजनीतिक दल व राजनेता युवाओं को रूझाने मे जोड़तोड़ मे जुटे हैं। वहीं किशनगंज के युवाओं के लिए शिक्षा व रोजगार सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है। ऐसे में किशनगंज मे वोट मांगने वाले प्रत्याशियों को युवाओं का विरोध झेलना पड़ सकता है।यहां के युवा जाग्रत है और अपनी सोच रखता है।किशनगंज के राजनीति को नई दिशा व दशा देने के लिए यहां के युवा तैयार नजर आ रहे हैं। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव को लेकर यहां के युवा मतदाताओं का बढ़ता जोश, बड़े-बड़ों राजनेताओं का होश उड़ा सकता है। युवा मतदाताओं की चुनावों में बढ़ती सक्रियता और उनकी बदलती सोच शतप्रतिशत निर्णायक साबित हो सकता है।युवा शक्ति इस बार किशनगंज लोकसभा सीट पर हार-जीत पर अहम किरदार की भूमिका निभायेंगे।


Body:किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में 4 लाख युवा वोटर है। जो यहां के प्रत्याशियों को जीताकर दिल्ली भेजने मे मुख्य किरदार का रोल निभायेंगे। किशनगंज संसदीय क्षेत्र मे कूल मतदाता 16 लाख 52 हजार 940 है।वहीं सिर्फ किशनगंज जिले में वोटरों की संख्या 10 लाख 87 हजार 162 है। युवा वर्ग की बात करें तो 20 से 29 वर्षों के मतदाता युवाओं की संख्या 3 लाख 11 हजार 175 है। वहीं 18 वर्ष से 19 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या भी 97 हजार 827 है। जिले मे 21 वीं सदी मे जन्मे युवा भी इस बार पहली बार मतदान करंगे।इनकी संख्या भी 21 हजार है। आकड़ों से स्पष्ट है 18 से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की वोटिंग प्रत्याशियों के लिये काफी मायने रखेगा और ये युवा वोटर ही प्रत्याशियों के भाग्य विधाता बनेगा।


Conclusion:किशनगंज के शहर से लेकर गांव तक के युवा पीढ़ी जागरूक हो चूका है।इसबार युवाओं का हुंकार है रोजगार व शीक्षा नहीं तो वोट नहीं।युवाओं का कहना है सीमांचल के किशनगंज जिला अति पिछड़ा है। आजादी के बाद से अबतक यहां रोजगार का साधन नहीं बना।जिस कारन युवा यहां से पलायन कर जाते है वहीं शिक्षा व्यवस्था भी बदहाल है।काँलेज, स्कूल तो है लेकिन शिक्षक नहीं है।जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पढ़ता है। चुनाव के समय प्रत्याशी बड़े बड़े वादा करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही दिल्ली कुच कर जाते है और युवा वहीं के वहीं रह जाते है।इसिलिए इस बार ऐसा होने नहीं देंगे।1952 से लेकर 2014 तक का चुनाव सिर्फ जातिवाद के मुद्दों पर होता रहा लेकिन अब नहीं इस बार शिक्षा व रोजगार नहीं तो वोट नहीं। वहीं जिस तरह किशनगंज मे इसबार मतदान के प्रति युवा मतदाताओ का जिस तरह जोश देखने को मिल रहा है उससे अप्रत्याशित रूप से उलटफेर जरूर हो सकता है।
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