किशनगंज: जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना महामारी और जापानी इंसेफलाइटिस को लेकर सेमिनार आयोजित की गई. यह सेमिनार किशनगंज के सदर अस्पताल में आयोजित की गई. जहां चमकी बुखार से बचाव के लिए टीकाकरण चलाने के संबंध में जानकारी दी गई.
इस सेमिनार में सिविल सर्जन डॉक्टर नंदन ने बताया कि जापानी इंसेफेलाइटिस विषाणु से फैलने वाली एक गंभीर बीमारी है. जिससे 1 से 15 साल के बच्चों में चमकी बुखार होती है. इस बीमारी से बच्चों की मौत भी हो जाती है. इस घातक बीमारी को रोकने के लिए जापानी इंसेफेलाइटिस टीकाकरण सबसे सफल तरीका है. उन्होंने बताया कि किशनगंज में बुधवार से अब हेपेटाइटिस, मेनेंजाइटिस और पोलियो के टीकों की तरह जापानी बुखार के टीके भी बच्चों को नियमित रूप से दिए जायेंगे. ये टीकाकरण डब्ल्यूएचओ की ओर से चलाया जाएगा.
17 जून से टीकाकरण
इसके अलवे सिविल सर्जन ने बताया कि चमकी बुखार से बचाव के लिए जिले में 17 जून से टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा. जिले के सभी आंगनवाड़ी सेंटरों पर टीकाकरण किया जाएगा. एक से 5 साल तक के बच्चों का पहले फेज में और 5 से 15 साल तक के बच्चों का दूसरे फेज में टीकाकरण किया जाएगा. वहीं, पहले फेज में 2 लाख 76 हजार बच्चों का टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दे दिया गया है.
स्वास्थ्यकर्मी सोशल डिस्टेंसिंग का करेंगे पालन
इस दौरान डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. अमित कुमार ने इस मौके पर कहा है कि यह टीका 15 साल के उम्र तक के बच्चों को लगाया जाएगा. वहीं, कोरोना महामारी को देखते हुए टीकाकरण में शामिल सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क-गल्वस पहनकर ही कार्य करने होंगे.
टीका जरूर लगवाने की अपील
इस बैठक के दौरान सिविल सर्जन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. इसीलिए लोग नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र पर जाकर बच्चों को टीका जरूर लगवाएं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें.