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किशनगंज: आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से किया गया प्रदर्शन, हेमंत सोरेन का फूंका पुतला

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Published : Aug 9, 2020, 10:19 PM IST

झुनकी गांव में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से प्रदर्शन किया गया. साथ विश्व आदिवासी दिवस को हुल उलगुलान संकल्प दिवस के रूप में मानाया.

किशनगंज: आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से धरना प्रदर्शन का आयोजन, हेमंत सोरेन का पुतला दहन
किशनगंज: आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से धरना प्रदर्शन का आयोजन, हेमंत सोरेन का पुतला दहन

किशनगंज: टेढ़ागाछ थानाक्षेत्र के झुनकी गांव में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगों ने जुलूस निकालकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. साथ विश्व आदिवासी दिवस को हुल उलगुलान संकल्प दिवस के रूप में मनाया.

इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने बताया कि पूरे विश्व में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस आदिवासियों की संरक्षण और प्रोन्नति के लिए संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है. आज आदिवासी सेंगेल अभियान के तरफ पांच मुद्दों के लिए हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर पांच प्रदेशों बिहार, बंगाल, असम, झारखंड, उड़ीसा में किया जा रहा है.

आदिवासी समाज की प्रमुख मांग:-

  • महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मु के 6 वीं पीढ़ी के रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या मामले की सीबीआई जांच
  • झारखंडी डोमिसाइल 1932 को लागू करना
  • सरना धर्म कोड लागू करना
  • आठवीं अनुसूची में शामिल भारत की प्रथम आदिवासी भाषा (संथाली को हिंदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा( अनुच्छेद 345) बनाना.
  • शहीद सिदो मुर्मू हुल क्रांति, बिरसा मुंडा उलगुलान क्रांति के वंशजों की सुरक्षा, न्याय और समृद्धि के लिए दो ट्रस्टों का गठन.

किशनगंज: टेढ़ागाछ थानाक्षेत्र के झुनकी गांव में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इस मौके पर आदिवासी समाज के लोगों ने जुलूस निकालकर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया. साथ विश्व आदिवासी दिवस को हुल उलगुलान संकल्प दिवस के रूप में मनाया.

इस विरोध-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी सेंगेल अभियान के बिहार प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने बताया कि पूरे विश्व में 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस आदिवासियों की संरक्षण और प्रोन्नति के लिए संकल्प लेने का अवसर प्रदान करता है. आज आदिवासी सेंगेल अभियान के तरफ पांच मुद्दों के लिए हेमंत सोरेन का पुतला दहन कर पांच प्रदेशों बिहार, बंगाल, असम, झारखंड, उड़ीसा में किया जा रहा है.

आदिवासी समाज की प्रमुख मांग:-

  • महानायक वीर शहीद सिदो मुर्मु के 6 वीं पीढ़ी के रामेश्वर मुर्मू की संदिग्ध हत्या मामले की सीबीआई जांच
  • झारखंडी डोमिसाइल 1932 को लागू करना
  • सरना धर्म कोड लागू करना
  • आठवीं अनुसूची में शामिल भारत की प्रथम आदिवासी भाषा (संथाली को हिंदी के साथ झारखंड की प्रथम राजभाषा( अनुच्छेद 345) बनाना.
  • शहीद सिदो मुर्मू हुल क्रांति, बिरसा मुंडा उलगुलान क्रांति के वंशजों की सुरक्षा, न्याय और समृद्धि के लिए दो ट्रस्टों का गठन.
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