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किशनगंज: बेड पर आराम फरमाती रही पुलिस, कैदी हुआ फरार

वारदात के बाद जब ईटीवी संवाददाता अस्पताल के रुम 46 में भर्ती कैदियों को देखने पहुंचे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों को देखकर भौचक्के रह गए. दरअसल, वहां ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कर्मी बेड पर लेटे हुए मिले.

कैदी हुआ फरार
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Published : Jul 6, 2019, 11:09 PM IST

किशनगंज: जिले से एक कैदी के फरार होने का मामला सामने आया है. दरअसल, कैदी इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती था. जहां से वह पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भागने में कामयाब रहा.

पूरा मामला
जेल में कैद सजायाफ्ता कैदी शनिवार को पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. वर्ष 2018 के अगस्त माह में कैदी को पूर्णिया केंद्रीय कारा से स्थानांतरित कर किशनगंज मंडल कारा लाया गया था. कुछ दिनों से वह बीमार चल रहा था. जिस कारण उसे भर्ती कराया गया. यह दूसरी बार था जब उसे इलाज के लिए लाया गया था. लेकिन, मौका पाकर वह भाग खड़ा हुआ. कैदी का नाम नाजिश आलम बताया जा रहा है. इसे दुष्कर्म के मामले में 15 साल की कैद हुई है. साथ ही यह एक अन्य मामले में भी आरोपी होने के कारण किशनगंज जेल में बंद था.

एसडीपीओ और अस्पताल अधीक्षक का बयान

नहीं है कोई विशेष व्यवस्था
बता दें कि सदर अस्पताल के उपाध्यक्ष अनवर हुसैन ने बताया कि यहां कैदियों के इलाज के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. कैदियों को या तो जनरल वार्ड में या फिर कैबिन में रखा जाता है. पुलिस विभाग के जिम्मे ही कैदी की निगरानी रहती है. बहरहाल, इस मामले से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगा है.

जल्द गिरफ्तारी की कही बात
इस मामले पर जब एसडीपीओ अखिलेश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कैदी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. लगातार छापेमारी की जा रही है. जल्द कैदी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. साथ ही दोषी सिपाहियों को भी नहीं बख्शा जायेगा.

निरीक्षण के दौरान पुलिस दिखी मस्त
वारदात के बाद जब ईटीवी संवाददाता अस्पताल के रुम 46 में भर्ती कैदियों को देखने पहुंचे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों को देखकर भौचक्के रह गए. दरअसल, वहां ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कर्मी बेड पर लेटे हुए मिले. वह आराम फरमाते हुए मोबाइल पर सिनेमा देख रहे थे.

किशनगंज: जिले से एक कैदी के फरार होने का मामला सामने आया है. दरअसल, कैदी इलाज के दौरान अस्पताल में भर्ती था. जहां से वह पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर भागने में कामयाब रहा.

पूरा मामला
जेल में कैद सजायाफ्ता कैदी शनिवार को पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया. वर्ष 2018 के अगस्त माह में कैदी को पूर्णिया केंद्रीय कारा से स्थानांतरित कर किशनगंज मंडल कारा लाया गया था. कुछ दिनों से वह बीमार चल रहा था. जिस कारण उसे भर्ती कराया गया. यह दूसरी बार था जब उसे इलाज के लिए लाया गया था. लेकिन, मौका पाकर वह भाग खड़ा हुआ. कैदी का नाम नाजिश आलम बताया जा रहा है. इसे दुष्कर्म के मामले में 15 साल की कैद हुई है. साथ ही यह एक अन्य मामले में भी आरोपी होने के कारण किशनगंज जेल में बंद था.

एसडीपीओ और अस्पताल अधीक्षक का बयान

नहीं है कोई विशेष व्यवस्था
बता दें कि सदर अस्पताल के उपाध्यक्ष अनवर हुसैन ने बताया कि यहां कैदियों के इलाज के लिए कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. कैदियों को या तो जनरल वार्ड में या फिर कैबिन में रखा जाता है. पुलिस विभाग के जिम्मे ही कैदी की निगरानी रहती है. बहरहाल, इस मामले से पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगा है.

जल्द गिरफ्तारी की कही बात
इस मामले पर जब एसडीपीओ अखिलेश कुमार से सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि कैदी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. लगातार छापेमारी की जा रही है. जल्द कैदी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. साथ ही दोषी सिपाहियों को भी नहीं बख्शा जायेगा.

निरीक्षण के दौरान पुलिस दिखी मस्त
वारदात के बाद जब ईटीवी संवाददाता अस्पताल के रुम 46 में भर्ती कैदियों को देखने पहुंचे तो वहां तैनात पुलिसकर्मियों को देखकर भौचक्के रह गए. दरअसल, वहां ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कर्मी बेड पर लेटे हुए मिले. वह आराम फरमाते हुए मोबाइल पर सिनेमा देख रहे थे.

Intro:इलाज के दौरान अस्पताल से सजायाफ्ता कैदी पुलिस को चकमा देकर हुआ फरार। वर्ष 2018 के अगस्त माह मे पूर्णिया केंद्रीय कारा से स्थानांतरित कर किशनगंज मंडल कारा लाया गया था।इस साल के जून महीने से सजायाफ्ता कैदी नाजिश आलम बीमार चल रहा था।सदर अस्पताल में 20 जून को पहली बार भर्ती किया गया था।इस दौरान चेस्ट व गला मे परेशानी को लेकर सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने दांत के सर्जन को देखना का सजेशन दिया था।इसी दौरान कैदी को एमजीएम मेडिकल कॉलेज के दन्त विशेषज्ञ चिकित्सक से इलाज किया जा रहा था। वहीं कुछ दिन बाद सदर अस्पताल से छुट्टी देकर मंडल कारा भेज दिया गया था। लेकिन इस महीने के 3 जुलाई को फिर दोबारा सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया।जिसके बाद एक बार फिर 5 जुलाई को दांत देखाने के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां से कैदी मौका मिलते ही पुलिस चकमा देकर फरार हो गया।

बाइटः डा अखिलेश कुमार, एसडीपीओ
बाइटः अनवर हुसैन, अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल


Body:सदर अस्पताल के उपाध्यक्ष डा अनवर हुसैन ने बताया की किशनगंज जेल से कैदी को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया था लेकिन उनके गला व छाती मे एयर हो जाने के कारन मेडिकल कॉलेज में भी इलाज चल रहा था। 5 जुलाई को दो पुलिस कर्मी कैदी को लेकर मेडिकल कॉलेज गया था।जिसके बाद कैदी वापस नहीं आया है।वहीं सदर अस्पताल में कैदी वाड के बारे पुछने पर कहा अस्पताल में कैदी वाड नहीं है।कैदियों को या तो जेनरल वाड मे रखा जाता हैं या फिर कैबिन मे। वहीं जब आज हमने अस्पताल के रुम 46 मे एक कैदी का हाल जानने पहुंचा तो देखा कि ड्यूटी पर तैनात दो पुलिस कर्मी बैड पर लेटे हुए हैं।और मोबाइल पर सिनेमा देख रहे है।ऐसे मे अस्पताल में कैदियों के सुरक्षा को लेकर सवालिया निशान उठने लगी है। इससे यह मे भी एक कैदी अस्पताल से इलाज के दौरान फरार हो गया था।


Conclusion: कैदी नाजिश आलम पर दुष्कर्म के मामले पर न्यायालय ने 15 साल का सजा सुना चुके है।वहीं एक अन्य मामले मे भी आरोपी होने के कारन किशनगंज जेल लाया गया था।वहीं किशनगंज मंडल कारा अधिक्षक ने मोबाइल पर बताया की जिला पुलिस की लापरवाही है।जिला पुलिस के सिपाही के देखरेख में था।वहीं इस मामले एसडीपीओ डा अखिलेश कुमार ने बताया की कैदी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।लगातार छापेमारी चलाया जा रहा है।जल्द कैदी को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।वहीं दोषी सिपाहियों को बख्शा नहीं जायेगा उन पर भी कारवाई किया जायेगा।
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