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किशनगंज: बाढ़ को लेकर जिला प्रशासन ने कसी कमर, तैयारी में जुटा महकमा - the pier

बाढ़ की भयाववहता को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूर्व में ही तैयारी शुरू कर दी है. बांधों को मजबूत किया जा रहा है. बाढ़ के समय खाने की समस्या ना हो इसके लिए राशन का भंडारण भी कर लिया गया है.

क्षतिग्रस्त बांध
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Published : Jun 17, 2019, 3:03 PM IST

किशनगंज: बाढ़ ग्रस्त जिला है. हर साल बाढ़ के कारण यहां लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है. हर वर्ष बाढ़ तबाही मचाती है. तबाही का मंजर इस कदर रहता है कि जिले के वासियों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट जाता है. चारों तरफ पानी ही पानी होता है. लोग यहां से पलायन कर किसी ऊंची जगह पर चले जाते हैं. वहीं, बाढ़ के कारण कई घर नदी में बह जाते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी

ऐसी ही भयंकर बाढ़ 2017 में आई थी. उसने किशनगंज का नक्शा ही बदल दिया. बहुत सारे लोग बेघर हो गये थे. ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही कमर कस ली है. आने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी गयी है. तटबंधों का मरम्मत किया जा रहा है. जिला प्रशासन नदी किनारे बसे गांव के लोगों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक कर रहा है. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

बाढ़ से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस बार 2017 की बाढ़ की भयावहता को देखते हुए हमने तैयारी करना शुरू कर दिया है. बांधों को मजबूत किया जा रहा है. बाढ़ के समय खाने की समस्या ना हो इसके लिए हमने राशन भंडार कर लिया है. बाढ़ के समय कैंप किया जायेगा. साथ ही सभी प्रखंडों में एक-एक अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जायेगी. नाव की व्यवस्था की जायेगी और मेडिकल की सुविधा भी उपलब्ध करवाया जायेगा. वहीं, नदी के जलस्तर बढ़ने पर हम लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जायेंगे.

किशनगंज: बाढ़ ग्रस्त जिला है. हर साल बाढ़ के कारण यहां लाखों-करोड़ों का नुकसान होता है. हर वर्ष बाढ़ तबाही मचाती है. तबाही का मंजर इस कदर रहता है कि जिले के वासियों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से टूट जाता है. चारों तरफ पानी ही पानी होता है. लोग यहां से पलायन कर किसी ऊंची जगह पर चले जाते हैं. वहीं, बाढ़ के कारण कई घर नदी में बह जाते हैं.

जानकारी देते जिलाधिकारी

ऐसी ही भयंकर बाढ़ 2017 में आई थी. उसने किशनगंज का नक्शा ही बदल दिया. बहुत सारे लोग बेघर हो गये थे. ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने पहले ही कमर कस ली है. आने से पहले ही तैयारी शुरू कर दी गयी है. तटबंधों का मरम्मत किया जा रहा है. जिला प्रशासन नदी किनारे बसे गांव के लोगों और उनके प्रतिनिधियों के साथ बाढ़ को लेकर समीक्षा बैठक कर रहा है. लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

बाढ़ से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी हिमांशु शर्मा ने बताया कि इस बार 2017 की बाढ़ की भयावहता को देखते हुए हमने तैयारी करना शुरू कर दिया है. बांधों को मजबूत किया जा रहा है. बाढ़ के समय खाने की समस्या ना हो इसके लिए हमने राशन भंडार कर लिया है. बाढ़ के समय कैंप किया जायेगा. साथ ही सभी प्रखंडों में एक-एक अतिरिक्त मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जायेगी. नाव की व्यवस्था की जायेगी और मेडिकल की सुविधा भी उपलब्ध करवाया जायेगा. वहीं, नदी के जलस्तर बढ़ने पर हम लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जायेंगे.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज एक बाढ ग्रस्त जिला है,हर वर्ष बाढ से यहा लाखो कड़ोरो का नूकसान होता है।चुकी किशनगंज चारो तरफ से नदियो से घिरा होने के कारन यहा पर पानी अपना तांडव दिखता है।




Body:किशनगंज:-किशनगंज एक बाढ ग्रस्त जिला है,हर वर्ष बाढ से यहा लाखो कड़ोरो का नूकसान होता है।चुकी किशनगंज चारो तरफ से नदियो से घिरा होने के कारन यहा पर पानी अपना तांडव दिखता है।

किशनगंज मे हर वर्ष बाढ तबाही मचाता है,तबाही का मंजर इस कदर रहता है कि जिले वासियो का सम्पर्क जिला मुख्यालय से बिल्कुल ही टूट जाता है,चारो तरफ सिफ्र पानी ही पानी,लोग अपना घर बार छोड़-छाड़ कर जिसे जहा पर जगह मिलता वही पिलायन कर जाते है।कित्ने ही परिवार बेघर हो जाते है,कितने ही मां की गोद सुनी हो जाती है और कित्ने ही बच्चे अनाथ हो जाते है।
ऐसा ही भयानक बाद सन 2017 मे आया था जिसने किशनगंज का नक्शा ही बदल कर रख दिया,ना जाने कित्ने ही लोग बेघर हुए और कितने परिवारो ने अपनो को हमसा के लिए खो दिया था।
इन सब को देखते हुए इस बार किशनगंज प्रशाशन ने पहले से कमर कस ली है,



Conclusion:जिलाधिकारि हिमांशू शर्मा ने बताया की हमने इस बार त्यारि पहले से कर ली है जो भी नदियों पे पूल टूटे हुए है उन्के मरमत्ती के कार्य चल रहे है जो जल्द ही पुर्ण हो जायेंगे,बाढ के समय खाने की समस्या होती है जिस्के लिये हमने इस बार पुर्वमे ही राशन भंडार कर लिया है।सभी नदियो के तटबंद को मजबूत कर्ने के आदेश दे दिए है,सभी प्रखंडो मे एक-एक अतिरिक्त मजिस्ट्रते की नियुक्ति की जाएगी जो स्थिति से अवगत कराते रहेंगे।नाव की बेवस्था की जाएगी,और सब्से महत्वपूर्ण मैडिकल सुविधा उप्लब्ध रखेंगे जिसके लिए हम निजी एनजीओ से भी सम्पर्क कर रहे है ताकी वोह लोग समय से कैम्प लगा सके।
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