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किशनगंज: महानंदा नदी के विकराल रूप से जर्जर पुल पर मंडराया खतरा, कभी भी हो सकता है हादसा - rainy

किशनगंज में स्थित मौजाबाड़ी पुल काफी पुराना और जर्जर हो चुका है. यह महानंदा नदी पर बनाया गया है. बरसात के मौसम में महानंदा नदी में पानी का तेज बहाव है. जिससे पुल पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

किशनगंज
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Published : Jul 14, 2019, 11:25 PM IST

किशनगंज: प्रदेश में शुरुआती बारिश से ही कई बांध टूट चुके हैं. इससे कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिले में स्थित महानंदा नदी में भी काफी तेज पानी का बहाव है. इस पर बना पुल किशनगंज का लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन यह पुल जर्जर हो चुका है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

जिले के कोचाधामन प्रखंड में स्थित मौजाबाड़ी पुल महानंदा नदी पर 60 साल पहले बनाया गया था. यह पुल किशनगंज को प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ नेपाल से भी जोड़ता है. इस बरसात के मौसम में नदी में पानी काफी बढ़ गया है. इसका पानी पुल से थोड़ा ही नीचे है.

मौजाबाड़ी पुल पर बयान

'मौजाबाड़ी पुल हो चुका जर्जर'
इस पुल से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं. लेकिन पुल की समय पर मरम्मत नहीं होने से यह जर्जर हो चुका है. इस पुल में दरारें नजर आती है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार इस पुल के समानांतर जल्द से जल्द एक और पुल का निर्माण कराई जाए.

'जल्द बनेगा नया पुल'
इस पुल को लेकर एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने कहा कि यह काफी पुराना पुल है, जो चिंता का विषय है. प्रशासन की इस पुल पर नजर है. वहीं, कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम ने कहा कि इस पुल को लेकर बात सदन में रखी गई है. सारी प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी. इस पुल के समानांतर जल्द ही नये पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

किशनगंज: प्रदेश में शुरुआती बारिश से ही कई बांध टूट चुके हैं. इससे कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिले में स्थित महानंदा नदी में भी काफी तेज पानी का बहाव है. इस पर बना पुल किशनगंज का लाइफलाइन कहा जाता है. लेकिन यह पुल जर्जर हो चुका है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

जिले के कोचाधामन प्रखंड में स्थित मौजाबाड़ी पुल महानंदा नदी पर 60 साल पहले बनाया गया था. यह पुल किशनगंज को प्रदेश के कई जिलों के साथ-साथ नेपाल से भी जोड़ता है. इस बरसात के मौसम में नदी में पानी काफी बढ़ गया है. इसका पानी पुल से थोड़ा ही नीचे है.

मौजाबाड़ी पुल पर बयान

'मौजाबाड़ी पुल हो चुका जर्जर'
इस पुल से प्रतिदिन हजारों गाड़ियां गुजरती हैं. लेकिन पुल की समय पर मरम्मत नहीं होने से यह जर्जर हो चुका है. इस पुल में दरारें नजर आती है. इससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं, स्थानीय लोगों की मांग है कि सरकार इस पुल के समानांतर जल्द से जल्द एक और पुल का निर्माण कराई जाए.

'जल्द बनेगा नया पुल'
इस पुल को लेकर एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने कहा कि यह काफी पुराना पुल है, जो चिंता का विषय है. प्रशासन की इस पुल पर नजर है. वहीं, कोचाधामन विधायक मुजाहिद आलम ने कहा कि इस पुल को लेकर बात सदन में रखी गई है. सारी प्रक्रियाएं जल्द पूरी कर ली जाएंगी. इस पुल के समानांतर जल्द ही नये पुल का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा.

Intro:ANCHOR: महानंदा नदी पर स्थित किशनगंज का लाइफ लाइन मानी जाने वाली मौजाबाड़ी पुल की हालत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है। आलम यह है कि इस बाढ़ के मौसम में कभी भी पुल ध्वस्त हो सकती है। इस पुल के ध्वस्त होने से जिला मुख्यालय से जिले के पांच प्रखंड सहित भारत नेपाल बॉर्डर का संपर्क पूरी तरह से भंग हो सकता है। शनिवार को मोजाबाड़ी ब्रिज से पहले ब्लॉक चौक के पास डायवर्सन मे क्षतिग्रस्त होने से कई घंटों तक जिला मुख्यालय से पांच प्रखंड, पड़ोसी जिला अररिया सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल से संपर्क वाधित हो गया था।हालांकि जिला प्रशासन व एस एस बी के जवानों के कई घंटों मशक्कत के बाद कामचलाऊ तौर पर डायवर्सन चालू किया गया।इस दौरान आवागमन बाधित होने से लोगों को परेशानी होने लगा था। लेकिन ये तो डायवर्सन एक छोटा सा टेलर था।कहि महानंदा ब्रिज क्षतिग्रस्त या टूट जाता हैं तो ये परेशानी काफी बड़ा हो सकता है। नेपाल की तराई व जिले मे आठ दिन से हो रहे लगातार बारिश से महानंदा अपने उफान पर है। तेज वहाव होने के कारन जर्जर पुल हिलने लगी है। साथ ही पानी भी ब्रिज से करीब4-5 फिट नीचे तक पहुंच गया है।

VO1: किशनगंज जिले के कोचाधामन प्रखंड स्थित ये है जिले के महत्वपूर्ण मौजाबाड़ी पुल। इस पुल की उम्र लगभग 60 वर्ष हो चुकी हैं। ये पुल महत्वपूर्ण इसलिए मानी जाती है क्योंकि जिला मुख्यालय से अंतरराष्ट्रीय सीमा नेपाल बॉर्डर को जोड़ती है जिले के कोचाधामन, बहादुरगंज, टेढ़ागाछ, दिघलबैंक एवं ठाकुरगंज आदि प्रखंडों के साथ साथ सीमावर्ती जिला अररिया तक जाने के लिए मौजाबाड़ी पुल ही एकमात्र विकल्प है। रोजाना इस पुल में सैकड़ो वाहनों के साथ साथ हजारों लोगों का आवागमन और रोजगार की दृष्टि से काफी अहम माना जाता है। जिले के दो तिहाई आबादी और कारोबार भी इस पुल पर निर्भर है। लगभग 60 साल का हो चुके इस पुल का समय-समय पर संबंधित विभाग के द्वारा रख-रखाव ना होने की वजह से पुल की स्थिति लगातार दयनीय होती जा रही है। अब पुल के पायो में दरार आने लगी। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस पुल समानांतर एक और पुल निर्माण कराया जाए बनना स्थिति भयावह हो जाएगी।

बाइटः स्थानीय






Body:VO2: जिले की जीवन रेखा के रूप में जाना जाने वाले इस पुल के क्षतिग्रस्त होने की बात से ही जिले वासियों की रूह कांप जाती हैं। अगर इस पुल पर किसी दिन आवागमन ठप हुआ तो जिले की विकास की रफ्तार भी थम जाएगी। जिला मुख्यालय से जिले के दो तिहाई आबादी का संपर्क भंग हो जाएगा। जिले का पूरा कारोबार भी ठप हो जाएगा। क्योंकि 2017 की बाढ़ में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी। तब तत्कालीन जिलाधिकारी पंकज दीक्षित ने पुल को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की थी। और किसी तरह से यह पुल ढहने से बचा पाया था। हालांकि उसी बाढ़ में पुल से कुछ ही दूरी पर भेरीयाडांगी के समीप करीब 100 मीटर से ज्यादा टूटी सड़क के वजह से एक सप्ताह तक आवागमन ठप भी रहा और बीते शनिवार को भी इसी कटे हुए सड़क पर बने डायवर्सन पर तेज बहाव के कारन डायवर्सन क्षतिग्रस्त हो गया था और घंटों तक अवागमन वाधित रहा । ऐसे में इस मार्ग पर आवागमन सुचारू रूप से चले इसलिए मौजाबाड़ी पुल के समानांतर पुल निर्माण ही ऐसी संभावित स्थिति से निपटने का एकमात्र और कारगर विकल्प है। हालांकि चुनाव के समय जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस पुल के समानांतल पुल बनाने को लेकर चिंतित देखा जाता है। लेकिन अभी तक कोई भी पहल नहीं हुई है। वहीं अभी बाढ़ के मौसम आते ही नेताओं की फोटो सेशन व बयानबाजी का दौर शुरू हो चूका है।


VO3: वहीं एसडीओ शाहनवाज अहमद नियाजी ने बताया की काफी चिंता का विषय है पूराना पुल है। दिन रात ब्रिज पर प्रशासन नजर रख रहे है। फिलहाल स्थित अभी ठीक है।
बाइटः शाहनवाज अहमद नियाजी, एसडीओ, किशनगंज




Conclusion:VO4: मौजाबाड़ी पुल के समानांतर पुल निर्माण की स्वीकृति के लिए कोचाधामन विधायक मास्टर मुजाहिद आलम भी मानते हैं कि पुल की हालत काफी खराब है। इस संबंध में सदन में बात रखी गई है। बहुत जल्द सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएगी और जल्द ही मौजाबाड़ी पुल के विकल्प के रूप में नये पुल के निर्माण का काम शुरू करने का दावा किया है।

बाइटः मुजाहिद आलम,विधायक, कोचाधामन

FVO: किशनगंज का महत्वपूर्ण मौजाबाड़ी पुल जर्जर होने से जिले का रोजगार के साथ-साथ नेपाल बॉर्डर पर देश की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। जरूरत है राज्य सरकार को जल्द से जल्द इस पुल के समानांतर एक पुल के निर्माण के साथ-साथ इस पुराने पुल को भी रिपेयर करने की ताकि सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ जिले वासियों को सुलभ यातायात मिल सके।
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