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किशनगंज: मारवाड़ी कॉलेज में 6 हजार छात्रों पर मात्र 10 शिक्षक, मात्र 39 पद हैं स्वीकृत

किशनगंज के प्रतिष्ठित मारवाड़ी कॉलेज में 6000 छात्र है. इन छात्रों का भविष्य 10 शिक्षकों के सहारे है. कई विषयों की पढ़ाई के लिए शिक्षक ही नहीं है. ऐसे में छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

मारवाड़ी कॉलेज, किशनगंज
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Published : Jul 31, 2019, 8:12 PM IST

किशनगंज: जिला में एकमात्र मारवाड़ी कॉलेज ही डिग्री कॉलेज है. इसकी स्थापना 1960 में हुई थी. जहां कुल 17 विभाग हैं. यहां 10 शिक्षकों के सहारे 6000 छात्र पढाई करते हैं. शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

10 शिक्षकों के भरोसे 6000 छात्रों का भविष्य
बिहार में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. लेकिन, हकीकत कुछ और ही है. जिले के प्रतिष्ठित मारवाड़ी कॉलेज में 6000 छात्रों के लिए मात्र 10 शिक्षक हैं. मतलब 600 छात्रों पर 1 शिक्षक है. वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि शिक्षकों के 39 पद स्वीकृत किए गए हैं.

मारवाड़ी कॉलेज के छात्र परेशान

छात्र कोचिंग पढ़ने को मजबूर
महाविद्यालय में कुल 17 विभाग हैं. वहीं, कुछ विभागों में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं हैं. जिस वजह से यहां के छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. यहां 6 विभागों में शिक्षक नहीं हैं. इन 6 विभागों में बिना शिक्षकों के पढ़ाई होती है.

नामांकन और परीक्षा तक सीमित छात्र-छात्राएं
छात्रों की मानें तो वो यहां सिर्फ परीक्षा देने आते हैं और दुबारा कॉलेज में डिग्री के लिए आते हैं. यहां उच्च शिक्षा के नाम पर महज नामांकन और परीक्षा तक सीमित है. आज महाविद्यालय की हालत बद से बदतर हो गई है.

किशनगंज
नामांकन के लिए छात्रों की भीड़

कॉलेज में है कई समस्याएं
स्नातक के नए सत्र में लगभग 3500 छात्र-छात्राएं नामांकित हुए हैं. इन छात्रों की शिक्षा निजी कोचिंग संस्थान पर निर्भर है. कॉलेज में अनेक तरह की समस्याएं हैं. कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष अमन रजा ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों और निजी शिक्षकों से ट्यूशन लेने को मजबूर हैं.

किशनगंज: जिला में एकमात्र मारवाड़ी कॉलेज ही डिग्री कॉलेज है. इसकी स्थापना 1960 में हुई थी. जहां कुल 17 विभाग हैं. यहां 10 शिक्षकों के सहारे 6000 छात्र पढाई करते हैं. शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है.

10 शिक्षकों के भरोसे 6000 छात्रों का भविष्य
बिहार में शिक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं. लेकिन, हकीकत कुछ और ही है. जिले के प्रतिष्ठित मारवाड़ी कॉलेज में 6000 छात्रों के लिए मात्र 10 शिक्षक हैं. मतलब 600 छात्रों पर 1 शिक्षक है. वहीं, कॉलेज प्रशासन का कहना है कि शिक्षकों के 39 पद स्वीकृत किए गए हैं.

मारवाड़ी कॉलेज के छात्र परेशान

छात्र कोचिंग पढ़ने को मजबूर
महाविद्यालय में कुल 17 विभाग हैं. वहीं, कुछ विभागों में एक भी शिक्षक नियुक्त नहीं हैं. जिस वजह से यहां के छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ने के लिए मजबूर हैं. यहां 6 विभागों में शिक्षक नहीं हैं. इन 6 विभागों में बिना शिक्षकों के पढ़ाई होती है.

नामांकन और परीक्षा तक सीमित छात्र-छात्राएं
छात्रों की मानें तो वो यहां सिर्फ परीक्षा देने आते हैं और दुबारा कॉलेज में डिग्री के लिए आते हैं. यहां उच्च शिक्षा के नाम पर महज नामांकन और परीक्षा तक सीमित है. आज महाविद्यालय की हालत बद से बदतर हो गई है.

किशनगंज
नामांकन के लिए छात्रों की भीड़

कॉलेज में है कई समस्याएं
स्नातक के नए सत्र में लगभग 3500 छात्र-छात्राएं नामांकित हुए हैं. इन छात्रों की शिक्षा निजी कोचिंग संस्थान पर निर्भर है. कॉलेज में अनेक तरह की समस्याएं हैं. कॉलेज छात्रसंघ के अध्यक्ष अमन रजा ने कहा कि शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों और निजी शिक्षकों से ट्यूशन लेने को मजबूर हैं.

Intro:किशनगंज:-शहर का एक मात्र डिग्री कॉलेज जिसमे होती है सभी विषयों की पढ़ाई, किशनगंज ज़िला मुख्यालय में स्थित मारवाड़ी कॉलेज जिसकी स्थापना 1960 में हुई थी उसकी हालत बद से बदतर है।किशनगंज मारवाड़ी कॉलेज में 6000 छात्रों के लिए है मात्र 10 शिक्षक,39 पद है स्वीकृत।


Body:किशनगंज:-किशनगंज मारवाड़ी कॉलेज में 6000 छात्रों के लिए है मात्र 10 शिक्षक,39 पद है स्वीकृत।
शहर के प्रतिष्ठित मारवाड़ी कॉलेज के 6000 छात्र महज 10 शिक्षकों के भरोसे है, इस महाविद्यालय में 17 विभाग है जिनमें से कुछ विभागों में एक भी शिक्षक नहीं है यही कारण है कि यहां के छात्र कोचिंग संस्थानों में पढ़ने को मजबूर है छात्रों का अनुसार वह यहां केवल परीक्षा देने और डिग्री लेने आते हैं।
6 विषयो में नही है शिक्षक- 1960 में स्थापित इस महाविद्यालय की हालत आज बद से बदतर हो गई। यहां 6 विषयों में बिना शिक्षकों के ही पढ़ाई होती है, यहां उच्च शिक्षा महज नामांकन और परीक्षा तक सीमित है, स्नातक में फिलहाल 35 सौ के लगभग छात्र-छात्राएं नामांकित लेकिन उनकी शिक्षा कोचिंग स्थानों पर या निजी शिक्षकों पर निर्भर है।

छात्रों ने बताई समस्या- कॉलेज के छत छात्रसंघ के अध्यक्ष अमन रज़ा ने बताया की कॉलेज में अनेकों समस्याएं हैं शिक्षकों की कमी के कारण छात्र-छात्राएं कोचिंग संस्थानों में और निजी शिक्षको से ट्यूशन लेने को मजबूर है,उसने बताया कि यहाँ के छात्र यहाँ पर सिर्फ अपना नामांकन कराने और फिर परीक्षा देने आते है,बाकी वो अपनी तैयारी कही बाहर रह कर किसी और शहर में करने को मजबूर है।

कॉलेज में कुल विभाग-17
कॉलेज में छात्रों की संख्या-5700
ग्रेजुएशन-4200
इंटर-1500
क्लर्क-स्वीकृत-39, उपलब्ध-16
लाइब्रेरियन-स्वीकृत-1, उपलब्ध-0
गार्ड-स्वीकृत-1, उपलब्ध-1
परिचारी-स्वीकृत-12 उपलब्ध-6
शिक्षक-स्वीकृत-39 उपलब्ध-10
गेस्ट शिक्षक-5

मैथ्स-स्वीकृत-3 उपलब्ध1
फिजिक्स-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0 चेमिस्त्रः-स्वीकृत-2 उपलब्ध-1
वनस्पति विज्ञान-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0
प्राणी विज्ञान-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0
कॉमर्स-स्वीकृत-3 उपलब्ध-0
हिंदी-स्वीकृत2 उपलब्ध-1
इंग्लिश-स्वीकृत3 उपलब्ध-2
उर्दू-स्वीकृत-3 उपलब्ध-1
संस्कृत-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0
बंगला-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0
पारसी-स्वीकृत-1 उपलब्ध-0
इसिहास-स्वीकृत-2 उपलब्ध-0
राजनीति विज्ञान-स्वीकृत-2 उपलब्ध-1
अर्थशास्त्र-स्वीकृत-2 उपलब्ध-1
मनोविज्ञान-स्वीकृत-1 उपलब्ध-1
दर्शन सस्त्र-स्वीकृत-3 उपलब्ध-1


Conclusion:कॉलेज के पतन आदि प्रधानाध्यापक ने बताया कि कॉलेज में उन 40 शिक्षक होने चाहिए थे लेकिन यहां मात्र 10 शिक्षक ही कार्यरत हैं शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कई बार पूर्णिया विश्वविद्यालय को पत्र लिखा गया है लेकिन स्थिति आज भी वैसे ही बनी हुई है। शिक्षकों की कमी होने के कारण वर्तमान में मौजूद 10 शिक्षक ही बच्चो को शिक्षा दे रहे है।

बाईट-उदय चंद यादव (प्रिन्सिपल,मारवाड़ी कॉलेज)
बाईट-डॉ-सजल प्रसाद साहा (हिंदी प्रोफेसर)
बाईट-अमन रज़ा (छात्र संघ नेता)
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