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किशनगंज: अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी, मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का करना पड़ता है रुख

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Published : Dec 8, 2019, 7:24 PM IST

सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टर की घोर कमी है. इसके लिए उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में ही डॉक्टर्स के 23 पद रिक्त हैं.

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किशनगंज: जिले की स्वास्थ्य सुविधा बहुत ही लचर हालत में है. कहने को यहां 42 डॉक्टर पदस्थापित है. जिसमें से 13 डॉक्टर सिर्फ सदर अस्पताल में कार्यरत है. वहीं, पूरे शहर में सिर्फ 2 ही महिला डॉक्टर उपलब्ध है, जो 9 लाख महिलाओं का इलाज करती हैं. वहीं, अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण लोगों को निजी नर्सिंग होम का रुख करना पड़ता है.

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अस्पताल में नहीं हैं डॉक्टर

'नहीं आते हैं डॉक्टर'
बताया जाता है कि महिलाओं को दूसरे जिले या निजी नर्सिंग होम मे इलाज करवाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. मरीज सुबह से ही डॉक्टर के कमरे के बाहर डॉक्टर का इन्तजार करते रहते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है की इन मरीजों को इन्तजार करते-करते पूरा दिन निकल जाता है और डॉक्टर नहीं आते हैं.

अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी

बंद पडे़ हैं उपस्वास्थ्य केंद्र
बात सिर्फ जिले के सबसे बड़े अस्पताल की ही नहीं है. शहर के लगभग उपस्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर की कमी के कारण बंद पड़े हैं. इसके कारण मरीजों को निजी नर्सिंग होम में ज्यादा पैसे देकर अपना इलाज करवाना पड़ता है. जिले में सरकार और स्वास्थ्य विभाग का दावा फेल होता दिखाई दे रहा है.

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सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद

अस्पताल में है डॉक्टर की घोर कमी
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टर की घोर कमी है और इसके लिए उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताया है. सी एस ने बताया कि सदर अस्पताल में ही 23 पद रिक्त हैं. वहीं, सिविल सर्जन ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी.

किशनगंज: जिले की स्वास्थ्य सुविधा बहुत ही लचर हालत में है. कहने को यहां 42 डॉक्टर पदस्थापित है. जिसमें से 13 डॉक्टर सिर्फ सदर अस्पताल में कार्यरत है. वहीं, पूरे शहर में सिर्फ 2 ही महिला डॉक्टर उपलब्ध है, जो 9 लाख महिलाओं का इलाज करती हैं. वहीं, अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने के कारण लोगों को निजी नर्सिंग होम का रुख करना पड़ता है.

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अस्पताल में नहीं हैं डॉक्टर

'नहीं आते हैं डॉक्टर'
बताया जाता है कि महिलाओं को दूसरे जिले या निजी नर्सिंग होम मे इलाज करवाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. मरीज सुबह से ही डॉक्टर के कमरे के बाहर डॉक्टर का इन्तजार करते रहते हैं. लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है की इन मरीजों को इन्तजार करते-करते पूरा दिन निकल जाता है और डॉक्टर नहीं आते हैं.

अस्पताल में है डॉक्टरों की घोर कमी

बंद पडे़ हैं उपस्वास्थ्य केंद्र
बात सिर्फ जिले के सबसे बड़े अस्पताल की ही नहीं है. शहर के लगभग उपस्वास्थ्य केंद्र डॉक्टर की कमी के कारण बंद पड़े हैं. इसके कारण मरीजों को निजी नर्सिंग होम में ज्यादा पैसे देकर अपना इलाज करवाना पड़ता है. जिले में सरकार और स्वास्थ्य विभाग का दावा फेल होता दिखाई दे रहा है.

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सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद

अस्पताल में है डॉक्टर की घोर कमी
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद ने बताया कि जिले में डॉक्टर की घोर कमी है और इसके लिए उन्होंने सरकार को जिम्मेदार बताया है. सी एस ने बताया कि सदर अस्पताल में ही 23 पद रिक्त हैं. वहीं, सिविल सर्जन ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज के मरीज भगवान भरोसे,किशनगंज में लगभग 18 लाख की आबादी पर महज 48 डॉक्टर उपलब्ध है,जो कि पूरे जिले में कार्यरत है।सिविल सर्जन के अनुसार जिले मे कम से कम 120 डॉक्टर होने चाहिए।इस वजह से मरीजो को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


Body:किशनगंज:-किशनगंज के मरीज भगवान भरोसे,किशनगंज में लगभग 18 लाख की आबादी पर महज 48 डॉक्टर उपलब्ध है,जो कि पूरे जिले में कार्यरत है।सिविल सर्जन के अनुसार जिले मे कम से कम 120 डॉक्टर होने चाहिए।इस वजह से मरीजो को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

जिले की स्वास्थ्य सुविधा बहुत ही लचर हालात मे है,कहने को यहा 42 डॉक्टर पदस्थापित है पर जिसमे से 13 डॉक्टर सिर्फ सदर अस्पताल में पदस्थापित है,जिसमे से 2 महिला डॉक्टर है,पूरे जिले मे सिर्फ 2 ही महिला डॉक्टर यानी की किशनगंज मे लगभग 9 लाख महिलाओ पर सिर्फ 4 महिला डॉक्टर ही पदस्थापित है,ऐसे मे इन महिलाओ को दुसरे जिले या निजी नर्सिंग होम मे इलाज करवाने के अलावा कोई दुसरा विकल्प नही है।मरीज सुबह से ही डॉक्टर के कमरे के बाहर अपना अपना पुर्जा लेकर कतरबध हो जाते है और इन्तजार करते रहते है पर कभी-कभी डॉक्टर ऐसा भी होता है की इन मरीजो का इन्तजार करते-करते पूरा दिन निकल जाता है,और डॉक्टर नही आते है।
इन अस्पतालों मे विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है।
बात सिर्फ जिले के सब्से बड़े अस्पताल की ही नही है जिले मे जित्ने भी उप स्वास्थ्य केंद्र बने है लगभग डॉक्टर की कमी से बंद परे है।
ये स्थिति सिर्फ सदर अस्पताल में ही नहीं बल्कि ज़िले में स्थित सभी स्वास्थ्य केंद्रों का है,प्रखंडों में स्थित जितने भी स्वास्थ्य केन्द्र है वहाँ भी डॉक्टरों की कमी है जिसके वजह से मरीज़ों को शहर के स्थित निजी नर्सिंग होम में ज्यादा पैसे देकर अपना इलाज करवाना पड़ता है।

पूरे मामले मे किशनगंज सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर परशुराम प्रसाद ने बताया की जिले मे डॉक्टर की घोर कमी है,और इसके लिए सरासर सरकार को जिम्मेदार बताया है।सी•एस ने बताया की सदर अस्पताल मे ही 23 पद रिक्त है,सिविल सर्जन ने उमीद जताई है की आने वाले 1-2 महिनो मे डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी।

बाइट-सिविल सर्जन (परशुराम प्रसाद)


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