किशनगंज: जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशनगंज प्रखंड के महीनगांव पंचायत में 15 सितंबर 2018 को स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत की गई थी. स्वास्थ्य केंद्र को 6 बेड वाले हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में शुरू किया गया था. लेकिन यह अस्पताल अब डॉक्टरों और उपकरणों की कमी झेल रहा है.
एम्बुलेंस का है घोर अभाव
बता दें कि सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर आलीशान भवन बनाकर ग्रामीणों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य केन्द्र की शुरुआत कराई थी. जिसमें सभी उपकरण भी मौजूद करवाए गए थे. लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक डॉक्टर ही आते हैं, वो भी सप्ताह में एक या दो दिन के लिए. साथ ही इस अस्पताल में एम्बुलेंस का भी घोर अभाव है. ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
2 डॉक्टरों की जगह है खाली
ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर एक ही दिन के लिए आकर अपना चेहरा दिखा कर चले जाते है, डॉक्टरों का कहना रहता है कि उन्हें सदर अस्पताल में और भी काम है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर 2 डॉक्टरों की जगह है. जिसमें से एक एमबीबीएस, एक आयुष चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन और चार जीएनएम के पद खाली पड़े है.
मरीजों के जान पर बन आती है
इस स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन आते है. ऐसे में जब भी कोई मरीज आता है तो उसे जीएनएम देखती है या फिर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. अगर कोई महिला डिलीवरी के लिए आती है तो उनका जीएनएम की नर्स प्रसूति करती है. जिसकी वहज से कई बार मरीज के जान पर भी बन आती है.
मार्च महीने तक हो जाएगी नियुक्ति
प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.चंद्रवली मिश्रा ने बताया कि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसकी वजह से इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. ऐसे में वो खुद यहां 2-3 दिन आते है और मरीजों का इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि जीएनएम को सभी तरह की ट्रेनिंग दी हुई है और आयुष डॉक्टर के आ जाने के बाद से ये सभी समस्या खत्म हो जाएगी. वहीं, अस्पताल में एम्बुलेंस के ना होने पर कहा कि ये हमारे हाथ में नहीं है, इसे जिलापदधिकारी ही उपलब्ध करवा सकता हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च महीने तक डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी, जिससे की मरीजों को परेशानी नहीं होगी.