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किशनगंज: करोड़ों की लागत से बने स्वास्थ्य केंद्र में है डॉक्टरों का अभाव, मरीज परेशान - किशनगढ़ प्रखंड

स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.चंद्रबली मिश्रा ने बताया कि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसकी वजह से इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है.

डॉक्टर और उपकरणों का अभाव
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Published : Oct 22, 2019, 2:22 PM IST

किशनगंज: जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशनगंज प्रखंड के महीनगांव पंचायत में 15 सितंबर 2018 को स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत की गई थी. स्वास्थ्य केंद्र को 6 बेड वाले हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में शुरू किया गया था. लेकिन यह अस्पताल अब डॉक्टरों और उपकरणों की कमी झेल रहा है.

एम्बुलेंस का है घोर अभाव
बता दें कि सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर आलीशान भवन बनाकर ग्रामीणों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य केन्द्र की शुरुआत कराई थी. जिसमें सभी उपकरण भी मौजूद करवाए गए थे. लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक डॉक्टर
ही आते हैं, वो भी सप्ताह में एक या दो दिन के लिए. साथ ही इस अस्पताल में एम्बुलेंस का भी घोर अभाव है. ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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मरीजों को होती है परेशानी

2 डॉक्टरों की जगह है खाली
ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर एक ही दिन के लिए आकर अपना चेहरा दिखा कर चले जाते है, डॉक्टरों का कहना रहता है कि उन्हें सदर अस्पताल में और भी काम है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर 2 डॉक्टरों की जगह है. जिसमें से एक एमबीबीएस, एक आयुष चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन और चार जीएनएम के पद खाली पड़े है.

स्वास्थ्य केंद्र में है डॉक्टर का अभाव

मरीजों के जान पर बन आती है
इस स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन आते है. ऐसे में जब भी कोई मरीज आता है तो उसे जीएनएम देखती है या फिर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. अगर कोई महिला डिलीवरी के लिए आती है तो उनका जीएनएम की नर्स प्रसूति करती है. जिसकी वहज से कई बार मरीज के जान पर भी बन आती है.

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डॉ.चंद्रवली मिश्रा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

मार्च महीने तक हो जाएगी नियुक्ति
प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.चंद्रवली मिश्रा ने बताया कि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसकी वजह से इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. ऐसे में वो खुद यहां 2-3 दिन आते है और मरीजों का इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि जीएनएम को सभी तरह की ट्रेनिंग दी हुई है और आयुष डॉक्टर के आ जाने के बाद से ये सभी समस्या खत्म हो जाएगी. वहीं, अस्पताल में एम्बुलेंस के ना होने पर कहा कि ये हमारे हाथ में नहीं है, इसे जिलापदधिकारी ही उपलब्ध करवा सकता हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च महीने तक डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी, जिससे की मरीजों को परेशानी नहीं होगी.

किशनगंज: जिले में आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशनगंज प्रखंड के महीनगांव पंचायत में 15 सितंबर 2018 को स्वास्थ्य केंद्र की शुरुआत की गई थी. स्वास्थ्य केंद्र को 6 बेड वाले हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में शुरू किया गया था. लेकिन यह अस्पताल अब डॉक्टरों और उपकरणों की कमी झेल रहा है.

एम्बुलेंस का है घोर अभाव
बता दें कि सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर आलीशान भवन बनाकर ग्रामीणों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य केन्द्र की शुरुआत कराई थी. जिसमें सभी उपकरण भी मौजूद करवाए गए थे. लेकिन स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक डॉक्टर
ही आते हैं, वो भी सप्ताह में एक या दो दिन के लिए. साथ ही इस अस्पताल में एम्बुलेंस का भी घोर अभाव है. ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

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मरीजों को होती है परेशानी

2 डॉक्टरों की जगह है खाली
ग्रामीणों का कहना है कि डॉक्टर एक ही दिन के लिए आकर अपना चेहरा दिखा कर चले जाते है, डॉक्टरों का कहना रहता है कि उन्हें सदर अस्पताल में और भी काम है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर 2 डॉक्टरों की जगह है. जिसमें से एक एमबीबीएस, एक आयुष चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन और चार जीएनएम के पद खाली पड़े है.

स्वास्थ्य केंद्र में है डॉक्टर का अभाव

मरीजों के जान पर बन आती है
इस स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन आते है. ऐसे में जब भी कोई मरीज आता है तो उसे जीएनएम देखती है या फिर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है. अगर कोई महिला डिलीवरी के लिए आती है तो उनका जीएनएम की नर्स प्रसूति करती है. जिसकी वहज से कई बार मरीज के जान पर भी बन आती है.

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डॉ.चंद्रवली मिश्रा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

मार्च महीने तक हो जाएगी नियुक्ति
प्राथमिक स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.चंद्रवली मिश्रा ने बताया कि जिले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है. जिसकी वजह से इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है. ऐसे में वो खुद यहां 2-3 दिन आते है और मरीजों का इलाज करते हैं. उन्होंने कहा कि जीएनएम को सभी तरह की ट्रेनिंग दी हुई है और आयुष डॉक्टर के आ जाने के बाद से ये सभी समस्या खत्म हो जाएगी. वहीं, अस्पताल में एम्बुलेंस के ना होने पर कहा कि ये हमारे हाथ में नहीं है, इसे जिलापदधिकारी ही उपलब्ध करवा सकता हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि मार्च महीने तक डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी, जिससे की मरीजों को परेशानी नहीं होगी.

Intro:किशनगंज:-आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशनगढ़ प्रखंड के महीनगांव पंचायत के बंद परे स्वास्थ्य केंद्र को 15 सितंबर 2018 को छह बेड वाला हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में शुरू किया गया था, जो कि अब डॉक्टरों और उपकरणों की कमी झेल रहा है।


Body:किशनगंज:-आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत किशनगढ़ प्रखंड के महीनगांव पंचायत के बंद परे स्वास्थ्य केंद्र को 15 सितंबर 2018 को छह बेड वाला हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में शुरू किया गया था, जो कि अब डॉक्टरों और उपकरणों की कमी झेल रहा है।
सरकार कड़ोरो रू• खर्च कर 6 बीएड वाले आलीशान भवन बनाकर सभी प्रकार के उपकरण उपलब्ध कराकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महीनगाँव का संचालन शुरू कर क्षेत्र के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने का बेवस्था की है।परंतु स्वास्थ्य केन्द्र में सिर्फ एक चिकित्सक आते है वो भी सप्ताह में एक या दो दिन।ऐसे में स्वास्थ्य केन्द्र पर एक भी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नही होने से रोगी की इलाज नही हो पाता है।ना ही यह एक भी एम्बुलेंस उपलब्ध है।
ग्रामीणों की माने तो सिर्फ एक दिन के लिए एक ही चिकित्सक आकर अपना चेहरा दिखाकर 12 बजे तक ये बोल कर चले जाते है की उन्हें सदर अस्पताल में और भी काम है।
आपको बता दे कि इस स्वास्थ्य केंद्र पर 2 डॉक्टर की जगह है जिसमे से एक एमबीबीएस,एक आयुष चिकित्सक, लैब टेक्नीशियन और चार जीएनएम के पद है जो खाली है।
इस स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्सक सप्ताह में एक या दो दिन आते है।
ऐसे में जब भी कोई मरीज़ आता है तो उसे जीएनएम देखती है या फिर उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ता है, अगर कोई महिला प्रसूति के लिए आती है तो उन्हें जीएनएम की नर्स सी प्रसूति करवाती है जिसके वहज से कई बार मरीज़ के जान पर बन आती है।


Conclusion:किशनगंज प्रथमिम स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ-मणिभूषण मिश्रा ने बताया कि ज़िले में पहले से ही डॉक्टरों की भारी कमी है, जिसके वजह से इस स्वास्थ्य केन्द्र पर डॉक्टरों की नियुक्ति अभी तक नहीं हो पाई है।ऐसे में वो स्वयं यहाँ 2-3 दिन आते है और मरीजो का इलाज करते हैं।उन्होंने जीएनएम के द्वारा प्रसूति करवाने के मामले पर कहा कि जीएनएम को सभी तरह की ट्रेनिंग दी हुई है ,और आयुष डॉक्टर के आ जाने के बाद से ये सभी समस्या खत्म हो जाएगी।अस्पताल में एम्बुलेंस के ना होने पर कहा कि ये हमारे हाथ मे नही है इसे जिलापदधिकारी ही उपलब्ध करवा सकता है।
डॉक्टरों की कमी पर प्रभारी अधिकारी ने बताया कि मार्च महीने तक डॉक्टरों की नियुक्ति पूरी कर ली जाएगी जिससे कि मरीज़ों को परेशानी नहीं होगी।
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