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मसाला क्वीन सावित्री देवी ने कुछ यूं बदली अपने साथ कई महिलाओं की किस्मत

सावित्री देवी के साथ लगभग 40 महिलाएं काम करती हैं. मसालों को किसी मशीन की मदद से नहीं बल्कि पारंपरिक तरीके से ओखल में कूटकर मसाला तैयार करती हैं. मसाला तैयार करने के बाद वह खुद उसे पैक भी करती हैं. इसके बाद उसे जीविका के माध्यम से बेचती हैं.

savitri devi the masala queen
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Published : Aug 26, 2020, 7:39 PM IST

किशनगंज: जिले में मसाला क्वीन के नाम से मशहूर सावित्री देवी सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. अपने साथ-साथ लगभग 40 महिलाओं को मसाला बनाने के काम में आत्मनिर्भर बना रही हैं.

savitri devi the masala queen
मसाले तैयार करती महिलाओं का समूह

अन्य महिलाओं को समूह से जोड़ा
खास बात ये है कि इन मसालों को किसी मशीन में तैयार नहीं किया जाता है. इस मसाला उद्योग से जुड़ी महिलाएं पारंपरिक तरीके से ओखल में कूटकर मसाला तैयार करती हैं. जीविका के माध्यम से सावित्री ने सपनों में चार चांद लगा दिए हैं. गांव की अन्य महिलाओं को समूह से जोड़कर अपनी तरह उन्हें भी मसाला क्वीन बना दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

घर पर ही मसाला तैयार करने की शुरुआत
सवित्री देवी ने अपने घर पर ही मसाला तैयार करने की शुरुआत की थी. इसमें वे सफल भी हुई. सबसे पहले उन्होंने अकेले इस काम को शुरू किया. धीरे-धीरे और भी महिलाओं को मसाला बनाने के काम में शामिल करती गईं. इसके बाद हल्दी के अलावा वे सभी दूसरे मसाले भी तैयार करने लगी.

savitri devi the masala queen
ओखल में मसालों की कूटाई

पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है मसाला
सावित्री देवी के साथ लगभग 40 महिलाएं काम करती हैं. मसालों को किसी मशीन की मदद से नहीं बल्कि पारंपरिक तरीके से ओखल में कूटकर कर मसाला तैयार करती हैं. मसाला तैयार करने के बाद वह खुद उसे पैक भी करती हैं. इसके बाद उसे जीविका के माध्यम से बेचती हैं.

savitri devi the masala queen
मसालों के तैयार पैकेट

कई तरह के मसाले भी होते हैं तैयार
हल्दी के पैकेट 100 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम तक तैयार किया जाता हैं. हल्दी पाउडर के साथ-साथ जीरा, धनिया, मिर्च पाउडर के पैकेट भी तैयार करती हैं. सावित्री देवी ने बताया कि पहले उनके गांव में हल्दी की खेती होती थी. कच्ची हल्दी को बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता था, जिसे बेचकर ज्यादा मुनाफा नहीं होता था.

savitri devi the masala queen
चक्की में मसाला पीसती महिलाएं

जिला परियोजना अधिकारी ने दी तरकीब
सावित्रि ने कहा कि एक दिन जिला परियोजना अधिकारी इलाके में आए थे, उन्होंने ही मसाला तैयार करने की तरकीब दी. इसके बाद काम शुरू किया और उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. सावित्री देवी की ओर से शुरू किए गए मसाले के कार्य को बिहार के अलावा बंगाल में भी बहुत सराहा जाता है. पिछले साल पटना में और बंगाल के सिलीगुड़ी में उनके हौसले और आत्मनिर्भरता को सराहते हुए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है.

savitri devi the masala queen
चक्की में मसालों की पिसाई

मसाले बेचना है जीविका की जिम्मेदारी
किशनगंज जीविका के जिला परियोजना अधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि सावित्री देवी के द्वारा तैयार हल्दी पाउडर को बेचने की जिम्मेदारी जीविका की है. उन्हें हर तरह की सुविधा जीविका द्वारा दी जाती है और आगे भी दी जाएगी ताकि उनके साथ और ज्यादा महिलाएं जुड़ कर आत्मनिर्भर बन सकें.

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मसालों को पैक करतीं महिलाएं

किशनगंज: जिले में मसाला क्वीन के नाम से मशहूर सावित्री देवी सफलता की नई इबारत लिख रही हैं. अपने साथ-साथ लगभग 40 महिलाओं को मसाला बनाने के काम में आत्मनिर्भर बना रही हैं.

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मसाले तैयार करती महिलाओं का समूह

अन्य महिलाओं को समूह से जोड़ा
खास बात ये है कि इन मसालों को किसी मशीन में तैयार नहीं किया जाता है. इस मसाला उद्योग से जुड़ी महिलाएं पारंपरिक तरीके से ओखल में कूटकर मसाला तैयार करती हैं. जीविका के माध्यम से सावित्री ने सपनों में चार चांद लगा दिए हैं. गांव की अन्य महिलाओं को समूह से जोड़कर अपनी तरह उन्हें भी मसाला क्वीन बना दिया है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

घर पर ही मसाला तैयार करने की शुरुआत
सवित्री देवी ने अपने घर पर ही मसाला तैयार करने की शुरुआत की थी. इसमें वे सफल भी हुई. सबसे पहले उन्होंने अकेले इस काम को शुरू किया. धीरे-धीरे और भी महिलाओं को मसाला बनाने के काम में शामिल करती गईं. इसके बाद हल्दी के अलावा वे सभी दूसरे मसाले भी तैयार करने लगी.

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ओखल में मसालों की कूटाई

पारंपरिक तरीके से तैयार किया जाता है मसाला
सावित्री देवी के साथ लगभग 40 महिलाएं काम करती हैं. मसालों को किसी मशीन की मदद से नहीं बल्कि पारंपरिक तरीके से ओखल में कूटकर कर मसाला तैयार करती हैं. मसाला तैयार करने के बाद वह खुद उसे पैक भी करती हैं. इसके बाद उसे जीविका के माध्यम से बेचती हैं.

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मसालों के तैयार पैकेट

कई तरह के मसाले भी होते हैं तैयार
हल्दी के पैकेट 100 ग्राम से लेकर 1 किलोग्राम तक तैयार किया जाता हैं. हल्दी पाउडर के साथ-साथ जीरा, धनिया, मिर्च पाउडर के पैकेट भी तैयार करती हैं. सावित्री देवी ने बताया कि पहले उनके गांव में हल्दी की खेती होती थी. कच्ची हल्दी को बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ता था, जिसे बेचकर ज्यादा मुनाफा नहीं होता था.

savitri devi the masala queen
चक्की में मसाला पीसती महिलाएं

जिला परियोजना अधिकारी ने दी तरकीब
सावित्रि ने कहा कि एक दिन जिला परियोजना अधिकारी इलाके में आए थे, उन्होंने ही मसाला तैयार करने की तरकीब दी. इसके बाद काम शुरू किया और उन्हें अच्छा मुनाफा हुआ. सावित्री देवी की ओर से शुरू किए गए मसाले के कार्य को बिहार के अलावा बंगाल में भी बहुत सराहा जाता है. पिछले साल पटना में और बंगाल के सिलीगुड़ी में उनके हौसले और आत्मनिर्भरता को सराहते हुए उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है.

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चक्की में मसालों की पिसाई

मसाले बेचना है जीविका की जिम्मेदारी
किशनगंज जीविका के जिला परियोजना अधिकारी अवधेश कुमार ने बताया कि सावित्री देवी के द्वारा तैयार हल्दी पाउडर को बेचने की जिम्मेदारी जीविका की है. उन्हें हर तरह की सुविधा जीविका द्वारा दी जाती है और आगे भी दी जाएगी ताकि उनके साथ और ज्यादा महिलाएं जुड़ कर आत्मनिर्भर बन सकें.

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मसालों को पैक करतीं महिलाएं
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