किशनगंज: जिले के रुइधासा मैदान स्थित कारगिल शहीद पार्क नगर परिषद और आर्मी के विवाद की वजह से बदहाल स्थिती में पहुंच गया है. आर्मी की तरफ से एनओसी नहीं दिए जाने के कारण पार्क का अस्तित्व खतरे में है. पार्क में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति भी बनाई गई थी. लेकिन अब देख-रेख ना होने की वजह से इसके चारो तरफ बड़े-बड़े पौधे उग गये हैं.
करोड़ों रुपये खर्च कर हुआ था निर्माण
बता दें कि आर्मी ने कारगिल युद्ध के बाद अपनी भूमि पर शहीदों के याद में इस पार्क की नींव रखी थी. जिसके बाद नगर परिषद ने करोड़ों रुपये खर्च कर इस पार्क का निर्माण करवाया था. नगर-निगम ने ही पार्क निर्माण के बाद एक दो बार इसकी सफाई करवाई. लेकिन जिलापदाधिकारी ने कहा कि पहले इस पार्क के लिए आर्मी नगर परिषद को एनओसी दें, कि उन्हें इस पार्क के सौंदर्यीकरण से कोई आपत्ति नहीं है. उसके बाद ही नगर निगम इसपर अपना पैसा खर्च करेगी.
पार्क बना आवारा पशुओं का चारागाह
विवाद के कारण आज यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के झूले लगे थे. लेकिन अब देख रेख ना होने की वजह से यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. पार्क चारो तरफ से पूरी तरह जंगली पौधों से ढंक गया है. अब ये आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है.
कारगिल शहीदों के नाम पर बना पार्क
वर्तमान उपाध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन ने बताया कि इस पार्क के निर्माण के लिए हमने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. उस वक्त आर्मी ने शर्त रखी थी कि इस पार्क का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा. उसके बाद हमने पार्क का निर्माण करवा कर कारगिल शहीदों के नाम पर रख दिया. जिस समय इस पार्क का निर्माण हुआ था. उस वक्त इसमें बच्चों के खेलने से लेकर बड़ों के टहलने तक की व्यवस्था थी.
नगर परिषद करायेगा सौंदर्यीकरण
नगर परिषद ने कहा कि इसमें लोगों की सुविधा के लिए कैंटीन की व्यवस्था होनी थी. इसके लिए हमने आर्मी से एनओसी की मांग भी की थी. लेकिन आर्मी ने एनओसी नहीं दिया. जिसके बाद नगर परिषद ने इसपर अपने पैसे खर्च नहीं किये और ये पार्क जंगल में तब्दील हो गया. उन्होंने कहा कि हमने आर्मी के अधिकारियों से बात की है. आर्मी एनओसी देने के लिए तैयार है. जल्द ही नगर परिषद की तरफ से पार्क के सौंदर्यीकरण का काम फिर से शुरू हो जाएगा.