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किशनगंज: नगर परिषद और आर्मी के विवाद में फंसा कारगिल शहीद पार्क, आवारा पशुओं का बना चारागाह - पार्क जंगल में तब्दील हो चुका

रुइधासा में नगर परिषद ने करोड़ो रुपये खर्च कर कारगिल शहीद पार्क का निर्माण करवाया था. लेकिन विवाद के कारण देख-रेख ना होने की वजह से यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. अब ये आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है.

नगर परिषद और आर्मी के विवाद में फंसा कारगिल शहिद पार्क
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Published : Sep 15, 2019, 7:56 PM IST

किशनगंज: जिले के रुइधासा मैदान स्थित कारगिल शहीद पार्क नगर परिषद और आर्मी के विवाद की वजह से बदहाल स्थिती में पहुंच गया है. आर्मी की तरफ से एनओसी नहीं दिए जाने के कारण पार्क का अस्तित्व खतरे में है. पार्क में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति भी बनाई गई थी. लेकिन अब देख-रेख ना होने की वजह से इसके चारो तरफ बड़े-बड़े पौधे उग गये हैं.

करोड़ों रुपये खर्च कर हुआ था निर्माण
बता दें कि आर्मी ने कारगिल युद्ध के बाद अपनी भूमि पर शहीदों के याद में इस पार्क की नींव रखी थी. जिसके बाद नगर परिषद ने करोड़ों रुपये खर्च कर इस पार्क का निर्माण करवाया था. नगर-निगम ने ही पार्क निर्माण के बाद एक दो बार इसकी सफाई करवाई. लेकिन जिलापदाधिकारी ने कहा कि पहले इस पार्क के लिए आर्मी नगर परिषद को एनओसी दें, कि उन्हें इस पार्क के सौंदर्यीकरण से कोई आपत्ति नहीं है. उसके बाद ही नगर निगम इसपर अपना पैसा खर्च करेगी.

नगर परिषद और आर्मी के विवाद में फंसा कारगिल शहीद पार्क

पार्क बना आवारा पशुओं का चारागाह
विवाद के कारण आज यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के झूले लगे थे. लेकिन अब देख रेख ना होने की वजह से यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. पार्क चारो तरफ से पूरी तरह जंगली पौधों से ढंक गया है. अब ये आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है.

kishanganj
बदहाल स्थिति में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति

कारगिल शहीदों के नाम पर बना पार्क
वर्तमान उपाध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन ने बताया कि इस पार्क के निर्माण के लिए हमने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. उस वक्त आर्मी ने शर्त रखी थी कि इस पार्क का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा. उसके बाद हमने पार्क का निर्माण करवा कर कारगिल शहीदों के नाम पर रख दिया. जिस समय इस पार्क का निर्माण हुआ था. उस वक्त इसमें बच्चों के खेलने से लेकर बड़ों के टहलने तक की व्यवस्था थी.

kishanganj
कारगिल शहीद पार्क

नगर परिषद करायेगा सौंदर्यीकरण
नगर परिषद ने कहा कि इसमें लोगों की सुविधा के लिए कैंटीन की व्यवस्था होनी थी. इसके लिए हमने आर्मी से एनओसी की मांग भी की थी. लेकिन आर्मी ने एनओसी नहीं दिया. जिसके बाद नगर परिषद ने इसपर अपने पैसे खर्च नहीं किये और ये पार्क जंगल में तब्दील हो गया. उन्होंने कहा कि हमने आर्मी के अधिकारियों से बात की है. आर्मी एनओसी देने के लिए तैयार है. जल्द ही नगर परिषद की तरफ से पार्क के सौंदर्यीकरण का काम फिर से शुरू हो जाएगा.

किशनगंज: जिले के रुइधासा मैदान स्थित कारगिल शहीद पार्क नगर परिषद और आर्मी के विवाद की वजह से बदहाल स्थिती में पहुंच गया है. आर्मी की तरफ से एनओसी नहीं दिए जाने के कारण पार्क का अस्तित्व खतरे में है. पार्क में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति भी बनाई गई थी. लेकिन अब देख-रेख ना होने की वजह से इसके चारो तरफ बड़े-बड़े पौधे उग गये हैं.

करोड़ों रुपये खर्च कर हुआ था निर्माण
बता दें कि आर्मी ने कारगिल युद्ध के बाद अपनी भूमि पर शहीदों के याद में इस पार्क की नींव रखी थी. जिसके बाद नगर परिषद ने करोड़ों रुपये खर्च कर इस पार्क का निर्माण करवाया था. नगर-निगम ने ही पार्क निर्माण के बाद एक दो बार इसकी सफाई करवाई. लेकिन जिलापदाधिकारी ने कहा कि पहले इस पार्क के लिए आर्मी नगर परिषद को एनओसी दें, कि उन्हें इस पार्क के सौंदर्यीकरण से कोई आपत्ति नहीं है. उसके बाद ही नगर निगम इसपर अपना पैसा खर्च करेगी.

नगर परिषद और आर्मी के विवाद में फंसा कारगिल शहीद पार्क

पार्क बना आवारा पशुओं का चारागाह
विवाद के कारण आज यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. इस पार्क में बच्चों के खेलने के लिए तरह-तरह के झूले लगे थे. लेकिन अब देख रेख ना होने की वजह से यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है. पार्क चारो तरफ से पूरी तरह जंगली पौधों से ढंक गया है. अब ये आवारा पशुओं का चारागाह बन गया है.

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बदहाल स्थिति में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति

कारगिल शहीदों के नाम पर बना पार्क
वर्तमान उपाध्यक्ष त्रिलोक चंद जैन ने बताया कि इस पार्क के निर्माण के लिए हमने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं. उस वक्त आर्मी ने शर्त रखी थी कि इस पार्क का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा. उसके बाद हमने पार्क का निर्माण करवा कर कारगिल शहीदों के नाम पर रख दिया. जिस समय इस पार्क का निर्माण हुआ था. उस वक्त इसमें बच्चों के खेलने से लेकर बड़ों के टहलने तक की व्यवस्था थी.

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कारगिल शहीद पार्क

नगर परिषद करायेगा सौंदर्यीकरण
नगर परिषद ने कहा कि इसमें लोगों की सुविधा के लिए कैंटीन की व्यवस्था होनी थी. इसके लिए हमने आर्मी से एनओसी की मांग भी की थी. लेकिन आर्मी ने एनओसी नहीं दिया. जिसके बाद नगर परिषद ने इसपर अपने पैसे खर्च नहीं किये और ये पार्क जंगल में तब्दील हो गया. उन्होंने कहा कि हमने आर्मी के अधिकारियों से बात की है. आर्मी एनओसी देने के लिए तैयार है. जल्द ही नगर परिषद की तरफ से पार्क के सौंदर्यीकरण का काम फिर से शुरू हो जाएगा.

Intro:किशनगंज:-नगर परिषद और आर्मी के विवाद में कारगिल शहिद पार्क हुआ शहिद,शहर में एक भी ढंग का पार्क नही।लोग बाहर जाने को मजबूर।


Body:किशनगंज:-नगर परिषद और आर्मी के विवाद में कारगिल शहिद पार्क हुआ शहिद,शहर में एक भी ढंग का पार्क नही।लोग बाहर जाने को मजबूर।
नगर परिषद क्षेत्र के रुइधासा मैदान स्थित कारगिल शहीद पार्क (एन ओ सी) के चक्कर मे शहीद होने के कगार पर है,कारगिल शहीद पार्क नगर परिषद व आर्मी के विवाद में फस के रह गया है, आर्मी के द्वारा "एनओसी" नही दिए जाने के कारण पार्क का अस्तित्व खतरे में पर गया है, आर्मी ने कारगिल युद्ध के बाद अपने भूमि पर शहीदों के याद में इस पार्क का नीव रखा था,जिसे किशनगंज नगर परिषद ने करोड़ो खर्च कर के इस पार्क का निर्माण करवाया,आर्मी की शर्त थी कि इस पार्क को शहीदों के नाम पर रखा जाएगा,और नगर निगम ने इसे बनवा कर इसका नाम "कारगिल शहीद पार्क" रखा।
इसके निर्माण के बाद नगर निगम ने एक दो बार इसकी साफ-सफाई करवाई पर बाद में उस समय के जिलापदधिकारी ने कहा कि पहले इस पार्क के लिए आर्मी नगर परिषद किशनगंज को एनओसी दे कि उन्हें इस पार्क के सौंदर्यीकरण से कोई आपत्ति नहीं है तभी नगर निगम इसपे अपना पैसा खर्च करेगी।
जिसके कारण आज यह पार्क जंगल में तब्दील हो चुका है, इस पार्क में बच्चो के खेलने के लिए तरह-तरह के झूले लगे थे,रंग-बिरंगे फूल लगाए गए थे,जो जंगल में पूरी तरह से ढक चुके है।इस पार्क को देख कर नही लगता कि ये कभी शहर का खूबसूरत पार्क भी हुआ करता था, पार्क चारो तरफ से पूरी तरह जंगली पौधों से ढक गया है और ये आवारा पशुओं के चारागाह बन गया है।
आपको बता दें कि इस पार्क में एक मूर्ति भी बनाई गई थी जो नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की है, जिसके चारो तरफ बड़े-बड़े पौधे उगे हुए हैं और मूर्ति जंगल मे छिप चुका हैं।



Conclusion:जिस समय इस पार्क का निर्माण हुआ था उस समय के नगर परिषद अध्यक्ष,और वर्तमान उपाध्यक्ष पति त्रिलोक चंद जैन ने बताया कि इस पार्क के निर्माण के लिए हमने करोड़ो रूपये खर्च किया था,उस वक्त आर्मी ने शर्त रखी थी कि इस पार्क का नाम शहीदों के नाम पर रखा जाएगा और हमने ऐसा ही किया पार्क का निर्माण करवा कारगिल शहीदों के नाम पर रख दिया।जिस समय इस पार्क का निर्माण करवाया गया था उस वक्त इसमे बच्चो के खेलने से लेकर बड़ो के टहलने तक के लिए बेवस्था थी,नगर परिषद के तरफ से इसमे और भी काम करवाने थे ,इसमे लोगो के सुविधा के लिए कैंटीन की भी बेवस्था करने की सोच रहे थे, जिसके लिए हमने आर्मी से एनओसी की मांग की थी,पर आर्मी ने एनओसी निहि दिया जिसके बाद नगर परिषद ने इसपे अपना पैसा खर्च नही किया और ये पार्क जंगल में तब्दील हो गया।
परंतु हमने अभी आर्मी के अधिकारियों से बात की है और वो एनओसी देने के लिए तैयार है, बहुत जल्द ही नगर परिषद इसके
सौंदर्यीकरण के लिए काम शुरू कर देंगे।जल्द ही ये पार्क पहले से ज्यादा खूबसूरत बना दिया जाएगा।

बाईट-त्रिलोक चंद जैन(पूर्व नप अध्यक्ष, वर्तमान उपाध्यक्ष)
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