किशनगंज: बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल सक्रीय हो गए हैं. इसी क्रम में शनिवार को इंडियन मुस्लिम यूनियन लीग ने प्रेस कांफ्रेंस कर चुनावी उद्घोषणा की. प्रदेश अध्यक्ष सैयद नईम अख्तर ने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इंडियन मुस्लिम यूनियन लीग 243 सीटों में से 30 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी. वहीं इनमें सिर्फ सीमांचल से 13 उम्मीदवार खड़े होंगे.
बिहार के मुसलमानों का उत्थान की बात कहते हुए नईम अख्तर ने कहा कि हम बिहार को केरल मॉडल पर विकसित करना चाहते हैं. जहां केरल की भांति सौ फीसदी शिक्षा दर और मुसलमानों को 12 फीसदी रिजर्वेशन की व्यवस्था हो. साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में इंडियन मुस्लिम यूनियन लीग 243 सीटों में से 30 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा करेगी, जिसमें से सिर्फ सीमांचल से 13 उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश करेंगे.
'उर्दू को खत्म करने की साजिश रच रहे नीतीश'
मौके पर नीतीश कुमार को आड़े हाथों लेते हुए नईम अख्तर ने कहा कि बिहार के द्वितीय भाषा उर्दू को नीतीश खत्म करने की साजिश रच रहे हैं. नीतीश सरकार ने पहले ही अरबी और फारसी भाषा को पहले ही रूटिंग से खत्म कर दिया है. अब उर्दू भाषा को भी खत्म करना चाहती है. वहीं एआईएमआईएम के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुस्लिम लीग चाहती है कि सेकुलर वोटों का बिखराव न हो. इसलिए हम एआईएमआईएम से गठबंधन कर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन एआईएमआईएम गठबंधन में रूचि नहीं दिखा रहा है. वहीं देश में कोरोना महामारी को उन्होंने नमस्ते ट्रंप की देन कहा.
'डोनाल्ड ट्रंप कार्यक्रम कोरोना का वाहक'
गौरतलब है कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे पिछड़ा माना जाने वाले सीमांचल के किशनगंज जिले में 70 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसलिए मुसलमानों को अपने पक्ष में करने के लिए मुस्लिम लीग इस क्षेत्र में अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष नईम अख्तर ने कहा कि कोरोना काल में बिहार विधानसभा चुनाव करवाना उचित नहीं है. वहीं भारत में कोरोना महामारी प्रसार का मुख्य कारण राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यक्रम रहा.