किशनगंज: जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति बेहद लचर है. कुछ अस्पताल हैं तो उनमें डॉक्टरों की कमी है. वहीं, दूसरी तरफ लगभग सारे उप स्वास्थय केंद्र बंद पड़े हैं. ऐसे में स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
2010 में हुआ था निर्माण
किशनगंज के बहादुरगंज प्रखंड स्थित विशनपुर गांव में ग्रामीणों के प्रयास के बाद एक अस्पताल बना. लेकिन, कभी चालू ना हो सका. साल 2010 में बने इस अस्पताल को एमजीएम मेडिकल कॉलेज ट्रस्ट ने अस्पताल को अपने अधीन ले लिया. लेकिन 9 वर्षों बाद भी अस्पताल में ताला लटका हुआ है.
बद से बदतर है हालात
डॉक्टरों की राह देखते-देखते यह अस्पताल अब खंडहर में तब्दील हो गया है. अस्पताल परिसर में कूड़े का अंबार लगा है. दीवारें भी अब टूटने लगी हैं. अंदर रखी मशीनों में भी जंग लग रहा है. मालूम हो कि इस गांव के लोग जब बीमार पड़ते हैं तो उन्हें 40 किमी दूर जाना पड़ता है. ऐसे में अक्सर होता है कि रास्ते में ही मरीज की मौत हो जाती है.
अस्पताल के बंद होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोग कई बार इसकी शुरूआत के लिए आवेदन दे चुके हैं. लेकिन, अस्पताल ट्रस्ट के अधीन होने के कारण प्रशासन कोई भी कदम उठाने में असमर्थ है.