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बाढ़ का कहर जारी: किशनगंज के कई गांव डूबे, 60 हजार लोग प्रभावित - government help

बाढ़ के पानी से लोगों के घर, सामान सब बह गए हैं. मजबूरी में लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं.

बाढ़ में फंसे लोग
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Published : Jul 16, 2019, 5:18 PM IST

किशनगंज: जिले और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश से सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिस कारण जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. नदी के तटवर्ती और निचले इलाकों मे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग काफी परेशान हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

गाछपड़ा पंचायत के हताटपाड़ा गांव स्थित डोंक नदी ने जिले में ज्यादा प्रलय मचाया है. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. दर्जनों घर डूब चुके हैं. लोग भूखे-प्यासे सरकारी मदद की आस लिए बैठे हैं. बच्चे- बूढ़ों में त्राहिमाम मचा हुआ है.

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बाढ़ में डूबे घर

पलायन कर रहे लोग
बाढ़ के पानी से लोगों के घर, सामान सब बह गए हैं. मजबूरी में लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं. ग्रामीण अपना घर छोड़कर इधर-उधर भटक रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरह से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिल रही है. केवल एक नाव उन्हें मुहैया कराई गई है, जिसे वह बचाव कार्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं, जिन लोगों के पक्के मकान हैं, वह छत पर शरण लिए हुए हैं.

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बाढ़ में फंसे लोग

सरकारी मदद नहीं मिलने से लोग नाराज
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के सभी दावे धरातल पर फेल हैं. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. ना तो उनके रहने का कोई इंतजाम हुआ है और ना ही खाने-पीने का. बता दें कि गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो चुका है. बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह ठप है.

किशनगंज: जिले और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश से सभी नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिस कारण जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. नदी के तटवर्ती और निचले इलाकों मे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग काफी परेशान हैं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

गाछपड़ा पंचायत के हताटपाड़ा गांव स्थित डोंक नदी ने जिले में ज्यादा प्रलय मचाया है. बाढ़ का पानी लोगों के घरों में घुस गया है. दर्जनों घर डूब चुके हैं. लोग भूखे-प्यासे सरकारी मदद की आस लिए बैठे हैं. बच्चे- बूढ़ों में त्राहिमाम मचा हुआ है.

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बाढ़ में डूबे घर

पलायन कर रहे लोग
बाढ़ के पानी से लोगों के घर, सामान सब बह गए हैं. मजबूरी में लोग जान बचाने के लिए पलायन कर रहे हैं. ग्रामीण अपना घर छोड़कर इधर-उधर भटक रहे हैं. लोगों का कहना है कि प्रशासन की तरह से उन्हें कोई खास मदद नहीं मिल रही है. केवल एक नाव उन्हें मुहैया कराई गई है, जिसे वह बचाव कार्य के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं, जिन लोगों के पक्के मकान हैं, वह छत पर शरण लिए हुए हैं.

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बाढ़ में फंसे लोग

सरकारी मदद नहीं मिलने से लोग नाराज
ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन के सभी दावे धरातल पर फेल हैं. प्रशासन की तरफ से ग्रामीणों को कोई भी सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है. ना तो उनके रहने का कोई इंतजाम हुआ है और ना ही खाने-पीने का. बता दें कि गांव पूरी तरह टापू में तब्दील हो चुका है. बिजली आपूर्ति भी पूरी तरह ठप है.

Intro:किशनगंज:-किशनगंज के 60 हज़ार लोग बाद से प्रभावित।महानंदा,डोन्क,मेची,कन्कई व रतवा समेत सहायक नदियो का तांडव जारी,शहर के निचले इलाके जलमग्न।


Body:किशनगंज:-किशनगंज के 60 हज़ार लोग बाद से प्रभावित।महानंदा,डोन्क,मेची,कन्कई व रतवा समेत सहायक नदियो का तांडव जारी,शहर के निचले इलाके जलमग्न।
जिला मे लगातार हो रही बारिश और नेपाल के तराई छेत्र मे हो रही बारिश से किशनगंज के सभी नदियो का जलस्तर बढ्ने लगा है और नदी के तटवर्ती कई निचले इलाको मे जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है।
गाछपड़ा पंचायत के हताटपाड़ा गांव मे डोंक नदी ने बहुत प्रलय मचाया है,पानी पूरे गांव के घरों में घुस गया है,कितने ही घर पानी मे घिरे हुए है,पानी उनके घरो से होकर बह रही है।ग्रामीण अपना-अपना घर छोड़कर इधर-उधर भटक रहे है।
ग्रामीणो को आने जाने के लिए प्रशासन के तरफ से सिर्फ एक नाव की बेवस्था है,लोगो को बहुत परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है,सबसे ज्यादा लोगो को खाने की समस्या से झूझ्ना पड़ रहा है,जिनका मकान पक्के का है वो लोग अपने छतो पे शरन लिए हुए है।


Conclusion:ग्रामीणो का कहना है की प्रशासन के किए सभी दावे धरातल पर फेल है,प्रशासन की तरफ से ग्रामीणो को कोई भी सुविधा मुहैया नही कराई जा रही है।ना तो उनके रहने का कोई इन्तेजाम हुआ ना ही कुछ खाने-पीने का।लोग प्रशासन के प्रती काफी ज्यादा आक्रोशीत है।ग्रामीण का कहना है कि हमारे घरो के अन्दर बहुत ज्यादा पानी भर गया है,पूरा गांव नदी मे तब्दील हो गया है।बिजली आपूर्ति भी लगभग ठप हो चुका है।
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