किशनगंज: किसानों के समर्थन में पिछले चार दिनों से जिले के टाउन हॉल के पास राष्ट्रीय किसान मोर्चा की ओर से प्रदर्शन किया जा रहा है. राष्ट्रीय किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेंद्र पासवान के नेतृत्व में किसान यहां पर 4 दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान प्रदर्शनकारी मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
कृषि कानूनों का विरोध
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ये कृषि कानून किसानों के हित के लिए नहीं बल्कि देश के बड़े-बड़े व्यापारियों के हित के लिए लाया गया है. जिसे वह मंजूर नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम 2020 के माध्यम से सरकार पूंजीपतियों को अनाजों की जमाखोरी करने की खुली छूट दे रही है. इसके जरिए भारतीय खाद्य निगम बंद करने की साजिश है. साथ ही कहा कि यदि भारतीय खाद्य निगम बंद हो जाएगा तो देशभर के गांव में कोटे की दुकान बंद हो जाएगी. जिससे गरीब और मजदूर भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे.
'सरकार जब तक इस कानून को वापस नहीं लेती तब तक हम किसान प्रदर्शन करते रहेंगे. इसके साथ ही जरूरत पड़ी तो हम बिहार से जाकर दिल्ली में अपने किसान भाइयों का साथ देंगे. सरकार अगर यह काला कानून वापस नहीं लेती है तो इसका परिणाम प्रधानमंत्री मोदी को 26 जनवरी को भुगतना पड़ेगा.- राजेंद्र पासवान, जिलाध्यक्ष, राष्ट्रीय किसान मोर्चा
बता दें कि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि किसानों के फसल के न्यूनतम मूल्य की इस कानून में कहीं भी गारंटी नहीं दी गई है. जिससे पूरे देश के किसानों में आक्रोश है.