किशनगंज: नेपाल सीमा पर बसे किशनगंज में एड्स रोगियों की तादाद बढ़ती जा रही है. जिले में एड्स के मरीजों की संख्या दो सौ पचास के पार पहुंच गई है.
मरीजों के लिए नहीं है व्यवस्था
किशनगंज सदर अस्पताल में एड्स के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्था नहीं है. यहां केवल मरीजों के लिए जांच कि सुविधा उपलब्ध है. अगर रोगी एड्स पॉजिटिव होता है तो उसे कटिहार भेज दिया जाता है. खुद विभाग के सलाहकार ने स्वीकार किया कि अस्पताल में इस बीमारी के लिए कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है. इसीलिए हम लोग सिर्फ जांच कर और काउंसिलिंग कर रोगी को कटिहार भेज देते हैं.
प्रभारी सिविल सर्जन ने बताया
जिले के प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर रफड ने बताया कि एड्स की रोकथाम के लिए जिले में कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिले के सभी पंचायतों में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. इस जटिल बीमारी के बारे में लोगों को वहम भी है. यह छूआछूत की बीमारी नहीं है. रोगी को छूने से यह रोग नहीं फैलता है. यह एक ऐसा रोग है जो असुरक्षित यौन संबध बनाने से या प्रदूषित खून चढ़ाने से होता है.