किशनगंज : बिहार के किशनगंज न्यायालय (Kishanganj Court of Bihar) में बिहार के शिक्षा मंत्री के खिलाफ परिवाद दायर हुआ है. शिक्षा मंत्री चन्द्र शेखर के द्वारा शिक्षा के मंदिर में हिन्दू धार्मिक ग्रंथ राम चरित मानस को लेकर विवादित बयान दिये जाने के विरोध में किशनगंज बजरंग दल के विभाग संयोजक गणेश झा ने शुक्रवार को किशनगंज न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में परिवाद दायर किया है. शिकायतकर्ता गणेश झा के द्वारा लिखित शिकायत के अनुसार हिन्दू धर्म के पवित्र एवं धार्मिक ग्रंथ राम चरित मानस का बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा घोर उपहास एवं अपमानित किया गया है. जो सभी समाचार पत्र के विक्रेता के द्वारा अखबार में प्रकाशित है.
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'धार्मिक ग्रंथ राम चरित मानस का बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा घोर उपहास एवं अपमानित किया गया है. जो सभी समाचार पत्र का हेडलाइन बना हुआ है. शिक्षा मंत्री ने रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है. जिसको लेकर शहर में हल्ला करके समाचार पत्र बेचने के लिए आवाज लगा रहे है. जिससे धार्मिक भावना पर काफी ठेस पहुचा है. जिस श्रीरामचरितमानस को हिन्दू धर्म के लोग घरों में अपने मंदिरों में धार्मिक आस्था से पूजते हैं. तथा उसके आदर्शों का अनुकरण करते है, उस रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री द्वारा विवादित बयान दिया गया औक घोर अपमानित किया गया है. साथ ही पूरे हिन्दू समाज के भावनाओं को आहत पहुचाया गया है.' गणेश झा, शिकायतकर्ता
शिक्षामंत्री के खिलाफ किशनगंज कोर्ट में मामला दर्ज : किशनगंज जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव प्रमोद कुमार भी हिन्दू धर्म ग्रंथ को लेकर विवादित बयान शिक्षा मंत्री के द्वारा दिये जाने पर घोर निंदा की. और कहा कि शिक्षा मंत्री का मानसिक दिवालियापन हो चुका है. उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. वही शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि शिक्षा मंत्री के विरुद्ध गणेश झा के द्वारा एक परिवाद दायर किया गया है. जिनके धर्मिक भावनाओं पर आघात हुआ है. इससे मर्माहत होकर इंसाफ के लिए सीजेएम कोर्ट में परिवाद पत्र दायर किया है. 153 A, 295 और 505 भादवि के अंतर्गत ये मामला दायर किया गया है.
शिक्षा मंत्री अपने बयान पर हैं अभी भी कायम : बता दें कि बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर (Bihar Education Minister Chandrashekher) के द्वारा रामचरितमानस पर दिए गए बयान के बाद हंगामा बरपा है. राज्य के तमाम दल इसको लेकर अपने-अपने विचारों को रख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ देश में भी विरोध के स्वर अब इसको लेकर उठने लगे हैं. इसी बीच शुक्रवार यानी 13 जनवरी को को प्रोफेसर चंद्रशेखर ने यह कहकर माहौल को और बिगाड़ दिया कि मैं उस बयान पर अड़ा हूं, वापस लेने की बात ही नहीं है. जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री अशोक चौधरी के दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर का कहना था कि उनका अपना बयान होगा. उससे हमको क्या मतलब?.