किशनगंजः भले ही बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए प्लास्टिक बोतल बंद पानी पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर किशनगंज नगर परिषद के सदस्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आए. वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हैं.
बैठक में बोतल बंद पानी का इस्तेमाल
नगर परिषद का पहला जिम्मा शहर को स्वच्छ रखने का होता है. लेकिन वही नगर परिषद खुद ही बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर शहर में गंदगी फैलाये तो इस पर जुर्माना कौन लगाएगा. जी हां हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के कर्मियों की, जिसने शहर के दर्जनों दुकानों से इसलिए जुर्माना वसूला क्योंकि वो प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ पार्षदों की बैठक में खुद पदाधिकारी और पार्षद बोतल बंद पानी का इस्तेमाल करते नजर आए.
सरकारी आदेश की उड़ी धज्जियां
बता दें कि 6 महीनों के बाद नगर परिषद में सदन की बैठक हुई. जिसमें 34 वार्ड के पार्षदों ने बैठक में भाग लिया और अपने-अपने वार्डों की समस्या से कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया. लेकिन इस बैठक में पार्षदों और अधिकारियों के बीच प्लास्टिक बोतल बंद पानी परोसा गया. जबकि राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी बैठकों में बोतलबंद पानी पीने पर रोक लगा रखी है. ताकि इस प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से शहर में गंदगी ना फैले. इसके स्थान पर अन्य कोई विकल्प ढूंढने का आदेश दिया था.
कर्मी पर फोड़ा गया सारा ठिकरा
हालांकि इस बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी महमूद मंजूर आलम, चैयरमेन जानकी देवी, वाइस चैयरमैन जमशेद आलम भी मुख्य रूप से उपस्थित थे. लेकिन बोतल बंद पानी के इस्तेमाल करने को लेकर पूछा गया तो कार्यपालक पदाधिकारी ने अपना बचाव कर अपने कर्मी पर ही सारा ठिकरा फोड़ दिया. लेकिन नगर परिषद के सदन चलने के दौरान बोतलबंद पानी को हटाया नहीं गया.