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नगर परिषद की बैठक में उड़ी सरकारी आदेश की धज्जियां, हुआ बोतल बंद पानी का इस्तेमाल

नगर परिषद की बैठक में बोतल बंद पानी के इस्तेमाल पर जब कार्यपालक पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने अपना बचाव करते हुए अपने कर्मी पर ही सारा ठीकरा फोड़ दिया.

बोतल बंद पानी दिखाते पार्षद
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Published : Jun 22, 2019, 10:56 AM IST

किशनगंजः भले ही बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए प्लास्टिक बोतल बंद पानी पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर किशनगंज नगर परिषद के सदस्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आए. वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हैं.

बैठक में बोतल बंद पानी का इस्तेमाल
नगर परिषद का पहला जिम्मा शहर को स्वच्छ रखने का होता है. लेकिन वही नगर परिषद खुद ही बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर शहर में गंदगी फैलाये तो इस पर जुर्माना कौन लगाएगा. जी हां हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के कर्मियों की, जिसने शहर के दर्जनों दुकानों से इसलिए जुर्माना वसूला क्योंकि वो प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ पार्षदों की बैठक में खुद पदाधिकारी और पार्षद बोतल बंद पानी का इस्तेमाल करते नजर आए.

meeting
सदन में रखा हुआ बोतल बंद पानी

सरकारी आदेश की उड़ी धज्जियां
बता दें कि 6 महीनों के बाद नगर परिषद में सदन की बैठक हुई. जिसमें 34 वार्ड के पार्षदों ने बैठक में भाग लिया और अपने-अपने वार्डों की समस्या से कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया. लेकिन इस बैठक में पार्षदों और अधिकारियों के बीच प्लास्टिक बोतल बंद पानी परोसा गया. जबकि राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी बैठकों में बोतलबंद पानी पीने पर रोक लगा रखी है. ताकि इस प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से शहर में गंदगी ना फैले. इसके स्थान पर अन्य कोई विकल्प ढूंढने का आदेश दिया था.

सदन में रखा हुआ बोतल बंद पानी और बयान देते कार्यपालक पदाधिकारी

कर्मी पर फोड़ा गया सारा ठिकरा
हालांकि इस बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी महमूद मंजूर आलम, चैयरमेन जानकी देवी, वाइस चैयरमैन जमशेद आलम भी मुख्य रूप से उपस्थित थे. लेकिन बोतल बंद पानी के इस्तेमाल करने को लेकर पूछा गया तो कार्यपालक पदाधिकारी ने अपना बचाव कर अपने कर्मी पर ही सारा ठिकरा फोड़ दिया. लेकिन नगर परिषद के सदन चलने के दौरान बोतलबंद पानी को हटाया नहीं गया.

किशनगंजः भले ही बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए प्लास्टिक बोतल बंद पानी पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है. लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर किशनगंज नगर परिषद के सदस्य सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आए. वहीं, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हैं.

बैठक में बोतल बंद पानी का इस्तेमाल
नगर परिषद का पहला जिम्मा शहर को स्वच्छ रखने का होता है. लेकिन वही नगर परिषद खुद ही बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर शहर में गंदगी फैलाये तो इस पर जुर्माना कौन लगाएगा. जी हां हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के कर्मियों की, जिसने शहर के दर्जनों दुकानों से इसलिए जुर्माना वसूला क्योंकि वो प्रतिबंध के बावजूद पॉलीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ पार्षदों की बैठक में खुद पदाधिकारी और पार्षद बोतल बंद पानी का इस्तेमाल करते नजर आए.

meeting
सदन में रखा हुआ बोतल बंद पानी

सरकारी आदेश की उड़ी धज्जियां
बता दें कि 6 महीनों के बाद नगर परिषद में सदन की बैठक हुई. जिसमें 34 वार्ड के पार्षदों ने बैठक में भाग लिया और अपने-अपने वार्डों की समस्या से कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया. लेकिन इस बैठक में पार्षदों और अधिकारियों के बीच प्लास्टिक बोतल बंद पानी परोसा गया. जबकि राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी बैठकों में बोतलबंद पानी पीने पर रोक लगा रखी है. ताकि इस प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से शहर में गंदगी ना फैले. इसके स्थान पर अन्य कोई विकल्प ढूंढने का आदेश दिया था.

सदन में रखा हुआ बोतल बंद पानी और बयान देते कार्यपालक पदाधिकारी

कर्मी पर फोड़ा गया सारा ठिकरा
हालांकि इस बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी महमूद मंजूर आलम, चैयरमेन जानकी देवी, वाइस चैयरमैन जमशेद आलम भी मुख्य रूप से उपस्थित थे. लेकिन बोतल बंद पानी के इस्तेमाल करने को लेकर पूछा गया तो कार्यपालक पदाधिकारी ने अपना बचाव कर अपने कर्मी पर ही सारा ठिकरा फोड़ दिया. लेकिन नगर परिषद के सदन चलने के दौरान बोतलबंद पानी को हटाया नहीं गया.

Intro:किशनगंजः भले ही बिहार सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहल करते हुए प्लास्टिक बोतल बंद पानी पर पूरी तरह से रोक लगा दिया है। लेकिन हम नहीं सुधरेंगे की तर्ज पर किशनगंज नगर परिषद ने सरकार के आदेश की धज्जियां उड़ाते नजर आये। वही नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी दोषी कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हैं।

बाइट:मंजूर आलम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद




Body:किशनगंज नगर परिषद का पहला जिम्मा शहर को स्वच्छ रखने का होता है। लेकिन वही नगर परिषद खुद ही बोतलबंद पानी का इस्तेमाल कर शहर में गंदगी फैलाये तो इस पर जुर्माना कौन लगायेगा। जी हां हम बात कर रहे हैं स्वच्छ भारत अभियान के तहत नगर परिषद के कर्मी शहर के दर्जनों दुकानों से इसलिए जुर्माना वसूला क्योंकि वह नगर परिषद के द्वारा प्रतिबंध लगाये जाने के बावजूद पॉलीथिन कैरी बैग का इस्तेमाल कर रहा था। वही आज 6 महीनों के बाद नगर परिषद में सदन की बैठक हुई। जिसमें 34 वार्ड के पार्षदों ने बैठक में भाग लिया और अपनी अपनी वार्डों की समस्या से कार्यपालक पदाधिकारी को अवगत कराया। लेकिन इस बैठक में पार्षदों और अधिकारियों के बीच प्लास्टिक बोतल बंद पानी परोसा गया। जिस पर राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने सभी सरकारी बैठकों में बोतलबंद पानी पीने पर रोक लगा रखी है। ताकि इस प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से शहर में गंदगी ना फैले। इसके स्थान पर अन्य कोई विकल्प ढूंढने का आदेश दिया था। एक तरफ तो नगर परिषद के द्वारा शहर में सही तरीके से सफाई नहीं करने से जगह-जगह जलजमाव और गंदगी से लोग परेशान हैं। तो वहीं नगर परिषद बोतल बंद पानी का इस्तेमाल कर और भी गंदगी फैलाने में लगे हैं।


Conclusion:हालाकी इस बैठक में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी महमूद मंजूर आलम,चैयरमेन जानकी देवी, भाइस चैयरमैन जमशेद आलम भी मुख्य रूप से उपस्थित थे। लेकिन जब बिहार सरकार के मुख्य सचिव के आदेश का अनुपालन को दरकिनार कर बोतल बंद पानी का इस्तेमाल करने को लेकर पूछा गया तो कार्यपालक पदाधिकारी अपने को बचाव कर अपने कर्मी पर ही सारा ठीकरा फोड़ दिया। लेकिन नगर परिषद के सदन चलने के दौरान बोतलबंद पानीयो को हटा नहीं पाये।
भले ही हमारे देश में सभी के लिए कानून एक समान हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या नगर परिषद के इस दोहरी नीति से देश में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान सफल हो पायेगा। जिसके लिए करोड़ों रुपये विज्ञापन पर खर्च कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है ।लेकिन नगर परिषद किशनगंज ही खुद जागरूक नहीं हो रहे हैं। जो कि गंभीर सवाल है।
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